विकास नही राजनीति प्रेरित सीएम का पहाड़ दौरा : क्रामाकपा
पहाड़ की समस्या के समाधान के उद्देश्य से सर्वदलीय बैठक मे भाग लेने दार्जिलिंग पहुंची बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर क्रामाकपा ने जमकर हमला बोला।
By Edited By: Published: Wed, 07 Feb 2018 01:58 AM (IST)Updated: Wed, 07 Feb 2018 05:00 PM (IST)
style="text-align: justify;">संवादसूत्र, कालिम्पोग। पहाड़ की समस्या के समाधान के उद्देश्य से सर्वदलीय बैठक मे भाग लेने दार्जिलिंग पहुंची बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर क्रामाकपा ने जमकर हमला बोला। पार्टी का कहना है कि सीएम पहाड़ समस्या या विकास नही अपितु आगामी 2019 के लोकसभा चुनावो के मद्देनजर दार्जिलिंग आई है। जिला पार्टी कार्यालय मे क्रामाकपा आंचलिक समिति अध्यक्ष किशोर प्रधान ने दावा करते हुए कहा कि तृकां व उसकी प्रमुख सीएम आगामी चुनाव मे बेहतर प्रदर्शन के लिए गोजमुमो के तामांग गुट व गोरामुमो को हथियार बनाकर प्रयोग कर रही है। इस कार्य के लिए उन्होने जहां मोर्चा को जीटीए बोर्ड की कमान दे दी है तो वही गोरामुमो को हिल एरिया डेवलेपमेट समिति उपहार स्वरूप दी है। पार्टी नेता ने दावा किया कि पहाड़ के लोगो का हित पूरा करने और उनकी आकांक्षा पूरी करने मे दोनो ही सरकारी संस्थाएं निष्प्रभावी सिद्ध हो रही है। प्रधान ने कहा कि आबादी के लिहाज से देखा जाए तो पहाड़ पर कुल छह लाख से ज्यादा लोग निवास करते है जिनमे से 60 प्रतिशत से अधिक मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। लोगो के पिछड़े पन के लिए पहाड़ पर राजनीतिक कारणो से पंचायत चुनाव न करवाना है। उन्होने कहा कि अगर समतल और पूरे देश मे त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव हो सकते है तो दार्जिलिंग पर्वतीय क्षेत्र मे क्यो नही होते है। बताते चले कि राज्य मे आगामी तीन माह मे पंचायत चुनाव होना प्रस्तावित है। क्रामाकपा नेता ने सीएम से पहाड़ प्रवास के दौरान ही दार्जिलिंग पर्वतीय क्षेत्र मे त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव आयोजित करवाने की घोषणा करने की मांग की। विनय तामांग पर निशाना साधते हुए क्रामाकपा नेता प्रधान ने कहा कि बीती 21 जनवरी को सुकना की जनसभा के दौरान पड़ोसी राज्य सिक्किम के संबंध मे दिए गए बयान को दुर्भाग्य पूर्ण करार दिया। उन्होने पहाड़ पर गोरखा जाति की अस्मिता के लिए जारी आंदोलन के दौरान अभिभावक की भूमिका निभाने वाले सिक्किम के प्रति ऐसा बयान देना देश भर की गोरखा जाति पर हमले के समान है। प्रधान ने आरोप लगाते हुए कहा कि उक्त बयान तामांग का था किंतु शब्द बंगाल सरकार के थे। वार्ता के दौरान गोरामुमो पर निशाना साधते हुए प्रधान ने कहा कि छठी अनुसूची के माध्यम से गोरखालैड राज्य की प्राप्ति संभव नही है। अपनी बात का तर्क देते हुए उन्होने कहा कि मेघालय तथा बोडोलैड जैसे पूर्वोलार क्षेत्रो मे भी छठी अनुसूची कई वर्षो से लागू है जिसके बावजूद लोग अलग राज्य की मांग पर कायम है। वहां के लोगो की जनभावना साफ संदेश देती है कि छठी अनुसूची लोगो की आकांक्ष पूरी करने मे सक्षम नही है। गोरामुमो की मांग को उन्होने रास्ते मे अटकाने वाला कार्य बताया। प्रधान ने हरे झंडे वाली पार्टी को चेतावनी देते हुए कहा कि पार्टी पूर्व मे 30 वर्ष राजनीतिक हाशिये पर जा चुकी है तथा दोबारा भी हाशिये पर जा सकती है। क्रामाकपा नेता ने कहा कि 21 और 28 को गोजमुमो और गोरामुमो की जनसभा और नेताओ के बयान साफ तौर पर लोगो को भटकाने वाले है। प्रधान ने दोनो ही पार्टियो के बयान पर मुख्यमंत्री से सफाई मांगी है। इस मौके पर पार्टी नेता ने वर्ष 2007 से 2017 तक गोरखालैड आंदोलन के दौरान मारे जाने वाले लोगो के नाम पर पहाड़ की सड़को को करने की मांग भी की। प्रधान ने कहा कि भले ही राज्य व केद्र सरकार ने पहाड़ के वन बस्तियों मे रहने वाले लोगो के लिए पर्चे पट्टे की मांग को पारित कर दिया है किंतु लोगो को आज तक अपनी जमीनो का पर्चा व पट्टा नही मिल पाया है। क्रामाकपा लोगो को उनकी जमीन का हक दिलाने के लिए संर्घष करती रहेगी। प्रधान पर सरकार और प्रशासन पर राजनीतिक पक्षपात का आरोप लगाया है। क्रामाकपा नेता के अनुसार पहाड़ के निम्न वर्ग के लोगो को किसी भी प्रकार की सुविधा का लाभ नही मिल पा रहा है। ऐसे मे पंचायत चुनाव होना नितांत आवश्यक है। क्रामाकपा ने त्रिस्तरीय चुनाव जल्द करवाने की मांग करते हुए तारीखो के ऐलान की घोषणा करने की मांग की है।
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