कुछ लोग हैं जिन्हें दिवास्वप्न देखने की आदत होती है
कोलकाता जैसे महानगर में करीब साढ़े चार लाख की संख्या में बिना हेलमेट के दो पहिए चलाने का मामला बेहद चिंताजनक और चौकाने वाला है।
ओमप्रकाश सिंह, हावड़ा। कुछ लोग हैं जिन्हें दिवास्वप्न देखने की आदत होती है। ऐसे लोग फिल्मों की कहानी को काल्पनिक दुनिया में जीने का प्रयास करते हैं। ये लोग अपने व दूसरों के लिए भी मुसीबत का सबब बन जाते हैं। फिल्मों में दिखाई जा रही तेज रफ्तार में दौड़ रही बाइक की नकल करते करते कई लोगों की जान चली जाती है। दो पहिए चालकों के लिए हेलमेट पहनना और वाहन चलाने के दौरान मोबाइल फोन पर बात नही करने की हिदायत दी गई है।
बिना हेल्मेट के बाइक चलाने वालों के खिलाफ पुलिस द्वारा जुर्माना लगाये गये हैं। इसके बावजूद आज भी काफी संख्या में लोग बिना हेल्मेट के बाइक चलाते नजर आ रहें हैं। कोलकाता पुलिस के ट्रैफिक विभाग के अनुसार बिना हेल्मेट के दो पहिया वाहन चलाने वालों के खिलाफ कोलकाता ट्रैफिक पुलिस ने अंडर सेक्शन 129 एमवी एक्ट के तहत कार्रवाई की है। इस दौरान पुलिस ने पिछले पांच वर्षो में 4 लाख 46 हजार 800 दो पहिए वाहन चालकों के खिलाफ जुर्माना लगाया है।
जुर्माना नहीं देने वाले चालक के वाहनों को जब्त किया गया है। कोलकाता जैसे महानगर में करीब साढ़े चार लाख की संख्या में बिना हेलमेट के दो पहिए चलाने का मामला बेहद चिंताजनक और चौकाने वाला है। हालांकि ये आंकड़े पिछले पांच वर्षो (2014से 2018 तक) का है। साल के अनुरूप भी देखें तो प्रति वर्ष करीब 89,360 लोग बिना हेल्मेट के वाहन चलाते पकड़े जा रहे हैं। प्रति माह करीब 7,446 लोग बिना हेल्मेट के दो पहिया चलाते पकड़े जा रहें हैं। यानी प्रतिदिन करीब 246 लोग बिना हेल्मेट के बाइक चलाते पकड़े जा रहें हैं। महानगर में दो पहिए वाहन व बस चलाने के दौरान मोबाइल फोन पर बात करते हुए 85,000 चालकों से वेस्ट बंगाल मोटर वेहिकल्स रूल के तहत जुर्माना लगाया गया है।
बताया गया है कि इन दोनो स्थितियों में काफी हादसे हुये हैं। काफी लोगों की जान भी गई है। पुलिस व विभिन्न सामाजिक संस्थाओं द्वारा यातायात के नियमों के प्रति जागरुक करने लिए अभियान चलाये गये हैं। इसके बावजूद लोग कानून को तोड़ते नजर आ रहें हैं। ट्रैफिक नियमों के लगातार उल्लंघन के कारण हादसे बढ़े हैं। बस चलाने के दौरान मोबाइल फोन से बात करते समय बहुत बड़ा हादसा राज्य में हो चुका है। बताया गया है कि 28 जनवरी 2018 को मुर्शिदाबाद जिले के दौलताबाद इलाके में बालीरघाट ब्रिज पार करने के दौरान स्टेट बस का चालक मोबाइल फोन पर बात कर रहा था। इससे बस अनियंत्रित होकर नदी में गिर गई। इस हादसे में 36 लोगों की मौत हो गई थी।