मानवीय मूल्यों का स्रोत है रामायाण : राज्यपाल
-मुख्यमंत्री पीएस गोले ने आदि कवि की मूर्ति पर छतरी लगावाने की घोषणा की समारोह पूर्वक मन
-मुख्यमंत्री पीएस गोले ने आदि कवि की मूर्ति पर छतरी लगावाने की घोषणा की
समारोह पूर्वक मनाई गई आदि कवि भानुभक्त की जयंती
जागरण संवाददाता,गंगटोक : संस्कृत से नेपाली जनभाषा में रामायण को अनुवाद करने वाले नेपाली आदि कवि भानुभक्त आचार्य के 206 वीं जन्म जयंती राज्य भर में मनाई गई। हालाकि कोविड-19 संक्रमण के स्वास्थ्य नियमों के मद्देनजर लोगों के भीड़ को कम करते हुए छोटे पैमाने पर कार्यक्रम आयोजित किए गए। पिछले वर्षो में कई कार्यक्रमों की तुलना में सूची में भी कटौती भी हुई। नेपाली साहित्य परिषद द्वारा शहर के भानु उद्यान में राज्य स्तरीय कार्यक्रम आयोजित हुई। जहा राज्यपाल गंगा प्रसाद, मुख्यमंत्री पीएस गोले, मंत्रिमंडल के सदस्यों समेत शहर के गण्यमान्य व्यक्तियों ने भानुभक्त आचार्य की मूर्ति पर माल्यार्पण किया। इस अवसर पर कार्यक्रमों को संबोधित करते हुए राज्यपाल गंगा प्रसाद ने मानवीय मूल्यों एवं मानवीय सिद्धातों के लिए रामायण एक आदर्श होने का विचार व्यक्त किया। नेपाली भाषियों में रामामयण के अनुवाद के साथ अपने दैनंदिनी जीवन में इस आदर्शो से बंधे रखने के लिए एक कड़ी है। जो अपने जीवन में रामायण को सदैव वसीभूत रहता है। हालाकि बदलते युग के बावजूद नेपाली भाषा में अनुवाद रामायण का नेपाली समाज में प्रासंगिकता बड़ी है। वर्तमान पीढ़ी भी इन आदर्शो को मानकर चलने लगे है। उक्त अवसर पर मुख्यमंत्री पीएस गोले ने भानु उद्यान में भानुभक्त आचार्य के सालिग पर स्थायी ढाचे बनवाने की घोषणा की। यह निर्माण कार्य शीघ्र ही शुरू होगा। उन्होंने नेपाली साहित्य एवं भाषा के संरक्षण तथा संबर्द्धन में नेपाली भाषा के रामायण को मुख्य आधार बताया। जिस वजह से नेपाली भाषा परिस्कृत है। इस अवसर पर नेपाली साहित्य परिषद के अध्यक्ष रुद्र पौड्याल, महासचिव नीलम नेउपानी समेत अन्य पदाधिकारियों समेत अन्य उपस्थित थे।