भाद्र माह को मनाए जाने वाले करमा पर्व, केकर करम, अपन करम- भैया के धरम....
Karma festivalपरंपरा के अनुसार विधि विधान के साथ करम डाल की पूजा की। साथ ही घरों में खुशहाली का माहौल बना रहेइसकी कामना की।
सिलीगुड़ी, जागरण संवाददाता। भाद्र माह की एकादशी तिथि को मनाए जाने वाले करमा पर्व यानि करम पूजा का आयोजन धूमधाम से हो रहा है। तराई व डुवार्स के साथ हिल्स में भी इसे धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। यह पर्व पूर्ण रूप से प्रकृति का पर्व है, जिसे किसान अपने खेतों में रोपनी समाप्त और फसलों में हरियाली देखने के पश्चात मनाते हैं।
निर्जल उपवास करते हुए करम पौधे की डाली गाड़कर फल,फूल आदि से पूजा की जाती है। सिलीगुड़ी महकमा में विभिन्न स्थानों पर धूमधाम करम पूजा का आयोजन जारी है। आदिवासी महासभा परिवार की ओर से प्रेम कुमार, बेंजानि कजूर, प्रवेश उरांव, वी लकड़ा आदि इसमें शामिल होकर नाचते गाते रहे।
सेवक रोड आदिवासी समाज, आदिवासी विकास परिषद आदि संगठनों के साथ ही नक्सलबाड़ी, खोरीबाड़ी, बागडोगरा, फांसीदेवा के विभिन्न चाय बागानों में यह पर्व मनाया जा रहा है। करम पूजा के दौरान आदिवासी जन प्रतिनिधि, प्रशासनिक अधिकारी और राज्य सरकार के नेताओं ने भाग लेकर समाज के सभी वर्ग के लोगों का उत्साह बढ़ाया।
सांसद व राज्य के मंत्री ने इस अवसर पर बधाई संदेश भेजा है। चाय बागानो में हर तरफ मांदर व ढोल-बाजा की आवाज पर लोग झूम रहे है। कहते हैं कि पौराणिक कथा के अनुसार कर्मा और धर्मा दो भाई थे। दोनों भाईयों ने अपनी बहन की रक्षा के लिए अपनी जान को दांव पर लगा दिया था। बहन की जान बचाने वाले भाई की गरीबी दूर करने के लिए बहन ने पूजा की और भाईयों को सुख समृद्धि आई।
परंपरा के अनुसार विधि विधान के साथ करम डाल की पूजा की। साथ ही घरों में खुशहाली का माहौल बना रहे,इसकी कामना की। पूजन के बाद करमैतिनों ने एक-दूसरे से पूछा कि केकर करम तो दूसरे ने आवाज लगाई अपन करम भैया के धरम। बाद में अखरा में जमकर गहदम झूमर किया गया। रातभर झूमर नाच चलता रहा। दूसरे दिन करम डाल का विसर्जन धूमधाम के साथ किया जाएगा।
युवतियों ने दिन भर उपवास कर संध्या बेला में क्षेत्र के विभिन्न जगहों पर करम डाल स्थापित कर पूजा अर्चना की। साथ ही बहनों ने अपने अपने भाईयों की लंबी आयु की की कामना की। पूजा के पश्चात क्षेत्र के कई जगहों पर गहदम झूमर का आयोजन किया गया। इस दौरान करमा गीत पर युवती व महिलाएं थिरकते नजर आई। करम डाल गाड़ कर युवक व युवतियां टोली बनाकर झूमर नाच में शामिल हुए।
पानीघाटा में तीन सौ परिवारों को नया वस्त्र :
पानीघाटा में करम पूजा के दौरान वहां तीन सौ परिवार को नये वस्त्र दिए गए। इसकी जानकारी देते हुए थाना प्रभारी तपन दास ने बताया कि पानीघाटा आदिवासी सांस्कृतिक वेलफेयर सोसाइटी की ओर से कार्यालय के निकट करम पूजा की पूजा अर्चना प्रारंभ की गयी है। इसमें एसडीओ मिरिक अश्विनी कुमार राय भी मौजूद थे।यहां 300 परिवारों को नए कपड़ों के साथ चावल भी प्रदान किया गया।
’>>विभिन्न चाय बागानों में धूमधाम से करम पूजा का आयोजन
’>>उत्साह में झूम रहे हैं आदिवासी समाज के लोग
’>>जन प्रतिनिधि और अधिकारी भी हुए शामिल