बदला-बदला सा है शोरूम का नजारा लेकिन ग्राहकों में अभी भी डर
-दुकानें खोलने के बाद भी निराश हैं कारोबारी -शादी-विवाह टलने से और बढ़ी परेशानी -
-दुकानें खोलने के बाद भी निराश हैं कारोबारी
-शादी-विवाह टलने से और बढ़ी परेशानी
-गहने के अधिकांश ऑर्डर अभी कैंसिल
-अब लगन के नए मौसम पर टिकी सबकी निगाहें जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी: दो महीने से अधिक समय तक लॉकडाउन के बाद अनलॉक 1 में शहर में बाजार इत्यादि पूरी तरह से खुल गए हैं। हांलाकि ग्राहकों के ना होने की वजह से बाजार में सन्नाटा पसरा हुआ है। तमाम दुकानदार ग्राहकों के इंतजार में रहते हैं,लेकिन कोरोना का डर ऐसा है कि लोग घरों से निकलने तक से डर रहे हैं। ज्वेलरी दुकानदारों की भी फिलहाल यही स्थिति है। शादी-विवाह और लगन के इस दौर में जहा सोने चादी से बने गहनों की दुकानें गुलजार नजर आती थी,अब वहा पतझड़ नजर आ रहा हैं। इक्का-दुक्का ग्राहक के अलावा दुकानों में सन्नाटा नजर आ रहा है। हांलाकि सिलीगुड़ी शहर में अधिकांश ज्वेलरी दुकानें खुल गई हैं। हांलाकि मॉल बंद होने के कारण ज्वेलरी के कुछ बड़े शोरूम जरूर बंद पड़े हैं। इस संबंध में जब ज्वेलरी कारोबारियों से बात हुई तो उन्होंने बताया कि इस समय उन्हें लगन के चलते फुर्सत नहीं मिलती थी। अब आखें ग्राहकों का इंतजार करके थक जाती है। ग्राहक ना के बराबर हैं। इस बारे में सिल्वर क्वीन के मालिक चंद्रप्रकाश सिंहल ने बताया कि ग्राहक ना के बराबर हैं। सुबह के समय दुकान खोलते हैं और शाम को यूं ही खाली हाथ लौट जाते हैं। करोना की वजह से कोई भी ग्राहक आना नहीं चाहता है। हालाकि सैनिटाइजर की पूरी व्यवस्था की गई है। किंतु ग्राहक नहीं हैं। वहीें डायमंड क्वीन के मालिक पवन सिंहल ने बताया कि इक्का-दुक्का ग्राहक ही दुकान पर पहुंचते हैं। शादी-विवाह के सारे आर्डर कैंसिल कर दिए गए हैं। आने वाले ग्राहकों को मास्क और हाथों के दस्ताने दे रहे हैं। सैनिटाइजर की पूरी व्यवस्था की गई है। अगर कोई ग्राहक गहने पहन कर देखना चाहता है तो पहले उसके हाथों को सैनिटाइज कर ग्लब्स देकर गहने पहनने की इजाजत दी जाती है। उसके बाद भी इस समय बहुत कम संख्या में है ग्राहक पहुंच रहे हैं। एक अन्य ज्वेलरी कारोबारी विजय गुप्ता ने बताया कि जितने भी लगन के आर्डर मिले थे,सब कैंसिल हो गए हैं। कोरोना को देखते हुए शादियां टाल दी गई है। अब ठंड के मौसम में शादी-विवाह करने का निर्णय लिया गया है। अभी तो बाजार में ग्राहक बिल्कुल ही नहीं हैं। दुकान सुबह से ही खोल ली जाती है किंतु ग्राहकों का दर्शन मुश्किल से हो पाता है। कुछ इसी प्रकार की बातें एक अन्य ज्वेलरी दुकानदार सुजीत राय ने कही। उन्होंने बताया कि कोरोना जैसी महामारी को रोकने का प्रयास सभी को करना चाहिए, तभी यह बीमारी भागेगी। ऐसा लग रहा है कि कोरोना जाएगा तभी ग्राहक आएगा। किंतु यह बीमारी जाते हुए नजर नहीं आ रही है। ऐसे में कुछ सावधानियों के साथ ही हमें अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाना होगा। ग्राहकों का आत्मविश्वास वापस लाना होगा। तभी बाजार पूरी तरह से खिलने की संभावना है। एक अन्य गहना कारोबारी प्रदीप कर्मकार ने बताया कि दुकान में सैनिटाइजर की पूरी व्यवस्था की गई है,किंतु जब तक ग्राहकों का भय दूर नहीं होगा। वे दुकानों पर आने में डरेंगे। इस समय गहनों को पहनकर देखने की इजाजत भी हर किसी को नहीं दे पा रहे हैं। फिर भी ग्राहक अधिक जिद करने लगे तो उस गहने को फिर से सेनीटाइज करके बॉक्स में रखा जाता है। थर्मल स्क्रीनिंग और सैनिटाइजर की पूरी व्यवस्था की गई है। किंतु अभी ग्राहक घर से निकलना नहीं चाह रहे हैं। बहुत जरूरी होने पर ही खरीदारी करने पहुंचते हैं। ज्वेलरी शोरूम में क्या है नई व्यवस्था
शहर में ज्वेलरी की अधिकांश दुकानें खुल गई है,लेकिन नजारा बदला-बदला सा है। कोरोना संकट ने दुकानदारों के साथ ही दुकानों को भी पूरी तरह से बदल दिया है। पहले ज्वेलरी दुकानदार और वहां काम करने वाले कर्मचारी जिस अंदाज में रहते थे,वह अंदाज बदल गया है। कुछ दुकानों में तो कर्मचारी पीपीई किट लगाकर काम कर रहे हैं। इसके अलावा अधिकांश लोग मास्क और गल्वस को तो उपयोग कर रही रहे हैं,साथ ही फेस शील्ड चेहरे पर लगा रहे हैं। दुकान के बाहर ही हैंड सैनिटाइजर के साथ सुरक्षाकर्मी तैनात रहते हैं। आने वाले ग्राहक के हाथ को सैनिटाइज किया जाता है और थर्मल स्क्रीनिंग की जाती है। यदि सबकुछ सामान्य रहा तो ही ग्राहक को दुकान या शोरूम के अंदर जाने की अनुमति दी जाती है। अंदर जाने के बाद भी ग्राहकों को ज्वेलरी दूर से ही दिखाई जाती है। जब लगता है कि सौदा पक्का होने वाला है तो फिर से हाथ सैनिटाइज कर ज्वेलरी हाथ में लेकर देखने की इजाजत मिलती है।