सिलीगुड़ी में तेजी से बढ़ रहा है जुंबा डांस का क्रेज
-फिट रहने के लिए जमकर नाच रही हैं महिलाएं -बेडौल शरीर को सुडौल बनाने की बड़ी चाह
-फिट रहने के लिए जमकर नाच रही हैं महिलाएं
-बेडौल शरीर को सुडौल बनाने की बड़ी चाहत
-कई स्थानों पर डांस प्रशिक्षण केंद्र भी शुरू लाइफ स्टाइल
स्नेहलता शर्मा,सिलीगुड़ी:आज के दौर में हर कोई फिट रहना चाहता है। जिसके लिए कोई मॉर्निग वॉक का सहारा ले रहा है तो कोई व्यायाम आदि कर शरीर को चुस्त-दुरुस्त रखना चाहता है। ऐसा ही एक माध्यम है जुंबा डांस। जिसको करने से शरीर को चुस्त-दुरुस्त रखा जा सकता है। जुंबा एक ऐसा डांस है जिसमें संगीत की धुन पर ताल सेताल मिलाकर नाचते हैं। इसे एक तरह से कहें तो यह डांस का हल्का फॉर्म है। इस डांस में ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती। बहुत ही हल्के तरीके से डांस करवाया जाता है। जिससे शरीर को थकान भी ना हो और अनावश्यक चर्बी भी निकल जाए। माना जाता है कि जुंबा डांस से मोटापा कम होता है और शरीर को एक बेहतरीन शेप मिलता है। यही कारण है कि महिलाओं में इस डांस का काफी क्रेज है। इन दिनों सिलीगुड़ी में भी महिलाएं जमकर जुंबा डांस कर रही हैं। मिली जानकारी के अनुसार पहले लगभग आधे घंटे तक डांस करवाया जाता है। उसके बाद कुछ समय के लिए ब्रेक। उसके बाद फिर से जुंबा की प्रैक्टिस करवाई जाती है। साथ ही कई व्यायाम भी करवाए जाते हैं। सिलीगुड़ी में इस डांस के क्रेज का आलम यह है कि कई जगह समूह में डांस की प्रैक्टिस कराई जा रही है। कई डांस स्कूल खुल गए हैं। जहां महिलाएं जुंबा डांस की प्रैक्टिस करती हैं और पूरी सीख लेने के बाद अपने घर में डांस कर फिट रहती हैं।
जुंबा डांस टीचर नीशा छेत्री के अनुसार उनके पास काफी संख्या में युवतियां और महिलाएं जुंबा डांस सीखने आती हैं। छेत्री डांसेस डिवाइन नामक एक स्कूल भी चलाती हैं। उन्होने कोलकाता से इसका कोर्स किया है। उन्होंने कहा जुंबा एक ऐसा डांस है जिसके माध्यम से शरीर से अनावश्यक चर्बी हट जाती है। शरीर को एक सुंदर आकार मिल जाता है। साथ में कई बीमारियों से भी राहत मिलती है। डिप्रेशन, थॉयराइड, मधुमेह जैसी बीमारियों को दूर किया जा सकता है। जबकि डांस करने वाले को किसी प्रकार की तकलीफ भी नहीं होती है। शरीर का ब्लड सर्कुलेशन भी बढ़ता है। जिसके कारण कई बीमारियों से स्वत: निजात मिल जाती है।
ऐसे तो बच्चे हों या बड़, सभी जुंबा करते हैं। लेकिन महिलाओं में इसके प्रति जबरदश्त क्रेज है। महिलाएं अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक हो रही हैं। वे भी फिट रहना चाहती हैं। इसलिए वे जुंबा डांस का सहारा ले रही है। छेत्री ने बताया कि प्रेगनेंसी के बाद महिलाओं के शरीर में कई प्रकार के बदलाव आते हैं। तब शरीर को फिट रखना बेहद जरूरी है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि प्रेगनेंसी के तुरंत बाद जुंबा डांस शुरू कर दें। प्रेगनेंसी के बाद कुछेक महीने इंतजार करना पड़ता है। अगर नॉर्मल प्रेगनेंसी है तो तीन महीने बाद महिलाएं जुंबा डांस शुरू कर सकती हैं। अगर सर्जरी की गई है तो छह महीने बाद ही जुंबा डांस करना चाहिए। प्रेगनेंसी के बाद शरीर अगर थोड़ा सा बेडौल हो जाए तो उसको ठीक करने के लिए इस डांस का सहारा लिया जा सकता है। इसको सही तरीके से इसे किया जाए तो शरीर को एक खूबसूरत शेप में लाया जा सकता है। एक अन्य फिटनेस टीचर जया भंसाली जो क्लासिकल डांसर भी हैं ने बताया कि शरीर को फिट रखने के साथ ही बेहतर शेप देने के लिए जुंबा डांस काफी सहायक है। बचपन में वह स्वास्थ्य की वजह से डांस नहीं करती थीं। बाद में उन्होंने फिटनेस डांस का सहारा लिया। पूरी तरह से स्वस्थ होकर अब जुंबा, फिटनेस डांस, एरोबिक्स सहित कोरियोग्राफर का काम कर रही हैं।
क्या हैं जुंबा डांस
जुंबा एक हल्का डांस है। इसे करने से शरीर पूरी तरह फिट रहता है। आधे से पौने घंटे संगीत की धुन पर जुंबा डांस करवाया जाता है। उसके व्यायाम की भी जरूरत पड़ती है। इसे एक अभ्यास के तौर पर करवाया जाता है। एक बार डांस सीख लेने के बाद कुछ लोग क्लास में तो कुछ लोग घरों में डांस कर फिट रहते हैं। हां, इसे लगातार करते रहना चाहिए। अगर इसे बीच में छोड़ दिया जाए तो जो परिणाम आना चाहिए वो नहीं आ पाएगा। मेरा वजन एकाएक बढ़ गया था। इससे स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ रहा था। किंतु मन में कहीं न कहीं चाह थी कि स्वस्थ रहना चाहिए। मेरी एक दोस्त ने जुंबा के बारे में बताया तो मैंने इसका सहारा लिया। वाकई में एक-दो महीने बाद लगने लगा कि वजन कम हो रहा है। अब वाकई में मेरा वजन भी घट गया है। -सुनीता सोमनी,गृहणी