पहाड़ में चाय श्रमिकों को बोनस देने को लेकर शुरू हुआ विवाद
पहाड़ में चाय श्रमिकों को बोनस देने को लेकर विवाद शुरू हो गया है। ज्वाइंट फोरम को 1968 के पूजा बोनस कानून के तहत 8.33 फीसद बोनस स्वीकार्य नहीं है।
दार्जिलिंग, संवाद सूत्र। पहाड़ में चाय श्रमिकों को बोनस देने को लेकर विवाद शुरू हो गया है। ज्वाइंट फोरम को 1968 के पूजा बोनस कानून के तहत 8.33 फीसद बोनस स्वीकार्य नहीं है। इसलिए उनलोगों ने बैठक कर श्रमिकों को 20 फीसद बोनस देने की मांग उठाई है।
गुरुवार को ज्वाइंट फोरम की ओर से स्थानीय क्रामाकपा कार्यालय में बैठक बुलाई गई थी। इस दौरान 2018 में चाय का उत्पादन ज्यादा होने पर 104 दिनों तक पहाड़ बंद की समस्या हल करने व तीन महीने के मुआवजे के साथ 20 फीसद बोनस देने की मांग की गई है। इसे लेकर दार्जिलिंग टी एसोसिएशन (डीटीए) को ज्ञापन सौंपा गया है।
ज्वाइंट फोरम की ओर से सुनील राई ने कहा कि बागान मालिकों का श्रमिकों पर अत्याचार दिन- प्रतिदिन बढ़ते जा रहा है। अब चाय बागान को लेकर पहाड़ में अशांति का माहौल बन सकता है। साथ ही बीते वर्ष की तरह 20 फीसद बोनस देने की मांग की गई है। वहीं गोजमुमो के दार्जिलिंग डुवार्स तराई प्लानटेशन लेबर यूनियन ने भी 8.33 फीसद बोनस आमान्य कर मालिक पक्ष को फिर से विचार करने की मांग की गई है। साथ ही ज्वाइंट फोरम व दूसरे यूनियन की ओर से जीटीए चेयरमैन को को बोनस के लिए मध्यस्था की मांग रखी गई है।
मोर्चा के श्रमिक संगठन ने बुधवार केंद्रीय बैठक के बाद अध्यक्ष करुणा गुरुंग ने तीन-चार दिन इंतजार कर जोरदार आंदोलन की चेतावनी दी है।