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JMB Sleeper Cell: उत्तर बंगाल के सीमावर्ती क्षेत्रों पर सक्रिय जेएमबी स्लीपर सेल

JMB Sleeper Cell. आतंकी संगठन जमात-उल-मुजाहिदीन यानी जेएमबी उत्तर बंगाल के सीमावर्ती क्षेत्रों में जेएमआई के स्लीपर सेल को सक्रिय कर दिया है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Thu, 20 Feb 2020 02:42 PM (IST)Updated: Thu, 20 Feb 2020 02:42 PM (IST)
JMB Sleeper Cell: उत्तर बंगाल के सीमावर्ती क्षेत्रों पर सक्रिय जेएमबी स्लीपर सेल
JMB Sleeper Cell: उत्तर बंगाल के सीमावर्ती क्षेत्रों पर सक्रिय जेएमबी स्लीपर सेल

सिलीगुड़ी, अशोक झा। JMB Sleeper Cell. बांग्लादेश के आतंकी संगठन जमात-उल-मुजाहिदीन यानी जेएमबी इन दिनों पूर्वोत्तर के राज्यों, उत्तर बंगाल और बिहार के सीमावर्ती क्षेत्रों में जमात उल मुजाहिदीन इंडिया यानी (जेएमआई) के स्लीपर सेल को सक्रिय कर दिया है। इसके लिए वह नक्सली आंदोलन की जननी रही उत्तर बंगाल व नेपाल के माओवादी संगठनों और सीमावर्ती क्षेत्र से हो रहे कई तस्कर गिरोह से संपर्क में है। वह इसमें अपनी पैठ बनाकर धन संग्रह में जुट गई है। कुछ ऐसी ही रिपोर्ट दो दिन पूर्व ही केंद्रीय सुरक्षा एजेंसी की ओर से गृह मंत्रालय को भेजी है। इसके पूर्व गृहमंत्रालय की ओर से पहले ही बांग्लादेश सीमांत, असम, त्रिपुरा, पश्चिम बंगाल में इस्लामिक आतंकी समूह जेएमबी नए ठिकानों में सक्रिय होने की रिपोर्ट देते हुए अलर्ट किया गया था। उसी के आधार पर सुरक्षा एजेंसियों ने पूर्वोत्तर, बंगाल, बिहार में चल रहे नागरिकता कानून आंदोलन, बढ़ रही ड्रग्स, जाली नोट व हथियार तस्करी और उससे जुड़ी गतिविधियों पर अपनी एक विस्तृत रिपोर्ट दी है। इसमें जांच एजेंसी एनआइए का भी इनपुट लिया गया है।

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खुफिया रिपोर्ट में आरपीएफ महानिदेशक अरुण कुमार के उस वयान का हवाला दिया है, जिसमे कहा गया है कि ई टिकट के फर्जी खेल में पकड़े गए नदिया जिले के राजू पोद्दार का संपर्क बांग्लादेश स्थित आतंकी संगठन जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश से है। जनवरी 2020 में महानिदेशक द्वारा दिए गए बयान में यह भी कहा गया था कि ई-टिकट गिरोह का पर्दाफाश किया गया है, जिसके तार संभवत: आतंकवाद के आर्थिक पोषण और धन संग्रह से जुड़ा है। अवैध एएनएमएस सॉफ्टवेयर का प्रमुख विक्रेता बने राजू पशु तस्करों, नकली मुद्रा संचालकों और फर्जी पासपोर्ट और आधार कार्ड बनाने वालों के संपर्क में था। उसने खुलासा किया था कि राजेश यादव नाम के एक शख्स से सपंर्क में था, जो जमात-उल-मुजाहिदीन का सदस्य है। धार्मिक आंदोलन के नाम पर देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के लिए स्लीपर सेल लोगों की भावनाओं को भड़काने में लगे है।

रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है जेएमबी के भारत में प्रमुख एजाज अहमद की गिरफ्तारी के बाद इसका खुलासा हुआ था कि वह धूलिया उत्तर बंगाल रबर माड्यूल पर काम कर रहा था। इसी प्रकार पिछले वर्ष सितंबर में गिरफ्तार जेएमबी के आतंकी अबुल कासीम से पूछताछ में कई खुलासा हुआ था। उसकी जानकारी के आधार पर ही 28 वर्षीय आतंकी अब्दुल बारी व 29 वर्षीय निजामुद्दीन खान को उत्तर दिनाजपुर से गिरफ्तार किया गया था। वह यहां रहकर आतंकी संगठन के लिए ट्रेनिंग व युवाओं को इससे जोड़कर पुर्नगठन का काम देख रहा था। खुफिया रिपोर्ट में इस बात पर जोर दिया गया है कि इन दिनों धन की कमी से जूझ रहे आतंकी संगठन जमात उल मुजाहिदीन बांग्लादेशी यानी जेएमबी ने अब डकैत गैंग शुरू किया है।

असम से लेकर उत्तर बंगाल के मालदा, दक्षिण दिनाजपुर, उत्तर दिनाजपुर, कूचबिहार, अलीपुरद्वार, बागडोगरा, सिलीगुड़ी, झारखंड, बिहार के सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, बेतिया, गोपालगंज, भागलपुर, मुंगेर, फारविसगंज, अररिया, पूर्णिया, कटिहार, मोतिहारी समेत दक्षिण भारत तक लूटी गई रकम से वह अपना फंड मजबूत कर रहे हैं। केंद्रीय खुफिया ब्यूरो सूत्रों के अनुसार जेएमबी के सदस्य पश्चिम बंगाल और असम में आयात निर्यात करने वाले कारोबारियों और ज्वेलरी दुकानदारों को टारगेट कर रहे हैं। दरअसल, पिछले कुछ सालों में एक के बाद एक जेएमबी नेताओं की गिरफ्तारी और उनके बैंक अकाउंट सीज होने के बाद संगठन की आर्थिक की स्थिति लगातार खराब हो गई है। अब इस समस्या से निजात पाने के लिए संगठन ने अपहरण करके फिरौती तथा डकैती की साजिश को अंजाम देने में लगा है। इसके तहत संगठन ने असम तथा पश्चिम बंगाल में स्लीपर सेल के सदस्यों का विशेष ग्रुप तैयार किया है।

बंगाल के खागड़ागढ़ विस्फोट के बाद जेएमबी के शीर्ष नेता बंगाल से फरार हो गए थे। वे दक्षिण भारत में अपना नया ठिकाना बना लिया था। नगर पालिका चुनाव और उसके बाद बंगाल और असम में होने वाले विधान सभा चुनाव के पहले घटनाओं को अंजाम देने की कोशिश कर रहे है। उत्तर बंगाल के अलीपुरद्वार पुलिस के द्वारा दो करोड़ से अधिक के जाली नोट की बरामदगी, लगातार आए दिन अत्याधुनिक हथियार के साथ युवाओं की गिरफ्तारी व राजनीतिक ¨हसा इस संगठन की संलिप्तता से इंकार नहीं किया जा सकता। लूट की रकम से विस्फोटक तैयार करने के लिए लैबोरेटरी भी खोली गई है। इसके साथ ही स्लीपर सेल के दूसरे आतंकियों के पास रुपए पहुंचाए जा रहे हैं। संगठन में नए आतंकियों को भी नियुक्त किया जा रहा है।

स्लीपर सेल उत्तर बंगाल, नेपाल व असम में अपना नया ठिकाना बना लिया है। पता चला है कि बांग्लादेश के शीर्ष नेता सीमांत क्षेत्रों और पड़ोसी राष्ट्र नेपाल जाकर बैठकें भी कर रहे है। बिहार के बोधगया के आतंकियों को सिलीगुड़ी महकमा के विधाननगर घोषपुकुर से पकड़े जाने के मामले को भी सुरक्षा एजेंसी नजरअंदाज नहीं कर रही है। पिछले दिनों जिस प्रकार के विस्फोटक पाए गये है उसमें विस्फोटक अमोनियम नाइट्रेट ,गिलसिरिन, पोटैशियम क्लोरेट और सल्फर के साथ विस्फोट तैयार करने में माहिर है। माओवादी सरगना किशनजी की मौत के बाद एक बार फिर से बंगाल के जंगलमहल, बांकुड़ा, पुरुलिया,मेदनीपुर झारखण्ड, नेपाल, बिहार और असम सीमावर्ती इलाकों में जेएमबी माओबादीयो से संपर्क साधने के फिराक में है।

पुलिस अलर्ट

उत्तर बंगाल के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक आनंद कुमार का कहना है कि यह क्षेत्र काफी संवेदनशील है। हमेशा पुलिस अलर्ट है। किसी भी राष्ट्रविरोधी गतिविधियों से इन्कार नहीं किया जा सकता। पुलिस व सुरक्षा एजेंसी सभी प्रकार की चुनौती जुझने के लिए तैयार है।

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