उत्तर बंगाल के विकास के लिए अलग से राशि की व्यवस्था करे सरकार ः जद यू
जनता दल यूनाइटेड के प्रदेश अध्यक्ष अशोक दास ने कहा कि उत्तर बंगल को भी विशेष राज्य का दर्जा मिलना चाहिए। वे एयरव्यू मोड़ पर जिला कमेटी द्वारा आयोजित धरना को संबोधित कर रहे थे।
By Rajesh PatelEdited By: Published: Sat, 29 Dec 2018 09:38 AM (IST)Updated: Sat, 29 Dec 2018 09:38 AM (IST)
सिलीगुड़ी [जागरण संवाददाता]। जनता दल यूनाइटेड के प्रदेश अध्यक्ष अशोक दास ने कहा कि उत्तर बंगल को भी विशेष राज्य का दर्जा मिलना चाहिए। वे एयरव्यू मोड़ पर जद यू दार्जीलिंग जिला कमेटी द्वारा आयोजित धरना-प्रदर्शन को संबोधित कर रहे थे।
दास ने कहा कि आजादी के बाद से अबतक अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से घिरे उत्तर बंगाल के त्वरित विकास के लिए राज्य सरकार को विशेष दर्जा देते हुए जिला स्तरीय राशि आवंटित की जानी चाहिए। बिहार की तर्ज पर बंगाल में भी शराब पर पूर्ण प्रतिबंध लागू करना चाहिए। उत्तर बंगाल के लोगों को राशन की उचित आपूर्ति समय पर की जाए। यहां के किसानों के साथ हो रहे भेदभाव को अविलंब बंद करना चाहिए। किसानों के साथ बेरोजगारों को रोजगार और उत्तर बंगाल में बसे 12 लाख आदिवासियों को आबादी के अनुसार उनका हक देना होगा।
जदयू के दार्जिलिंग जिलाध्यक्ष भूषण सोनी ने कहा कि उत्तर बंगाल में स्वास्थ्य और शिक्षा की व्यवस्था काफी खराब है। स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति इतनी खराब है कि यहां बीमार ठीक होने के बदले और बीमार हो जाते हैं। यहां के युवकों को शिक्षा के लिए राज्य से बाहर जाना पड़ता है। केंद्र सरकार ने उत्तर बंगाल में एम्स की स्थापना की हामी भरी थी, परंतु राज्य सरकार द्वारा जमीन उपलब्ध नहीं कराने के कारण उसे कल्याणी ले जाया गया। प्राइवेट स्कूल में शिक्षा के नाम अभिभावकों को लूटा जा रहा है। सरकारी स्तर पर शिक्षा का स्तर बढ़ाया जाए। प्रत्येक जिला में सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज की स्थापना हो। महानंदा नदी की ओर राज्य सरकार या नगर निगम कोई ध्यान नहीं दे रही है इसको लेकर समय पर सरकार नहीं चेती तो आने वाले दिनों में व्यापक आंदोलन किया जाएगा। धरना प्रदर्शन को संबोधित करते हुए नारायण विश्वास, लखी प्रसाद और मानिक सरकार ने कहा कि उत्तर बंगाल में सुविधाओं का घोर अभाव है। यहां जिस प्रकार के फल और नकदी खेती होती है, उसपर आधारित उद्योग की स्थापना की जानी चाहिए। प्रदर्शन के दौरान जदयू के युवा नेता मनोज कुमार, मुकेश साहनी व अन्य वहां मौजूद थे।
दास ने कहा कि आजादी के बाद से अबतक अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से घिरे उत्तर बंगाल के त्वरित विकास के लिए राज्य सरकार को विशेष दर्जा देते हुए जिला स्तरीय राशि आवंटित की जानी चाहिए। बिहार की तर्ज पर बंगाल में भी शराब पर पूर्ण प्रतिबंध लागू करना चाहिए। उत्तर बंगाल के लोगों को राशन की उचित आपूर्ति समय पर की जाए। यहां के किसानों के साथ हो रहे भेदभाव को अविलंब बंद करना चाहिए। किसानों के साथ बेरोजगारों को रोजगार और उत्तर बंगाल में बसे 12 लाख आदिवासियों को आबादी के अनुसार उनका हक देना होगा।
जदयू के दार्जिलिंग जिलाध्यक्ष भूषण सोनी ने कहा कि उत्तर बंगाल में स्वास्थ्य और शिक्षा की व्यवस्था काफी खराब है। स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति इतनी खराब है कि यहां बीमार ठीक होने के बदले और बीमार हो जाते हैं। यहां के युवकों को शिक्षा के लिए राज्य से बाहर जाना पड़ता है। केंद्र सरकार ने उत्तर बंगाल में एम्स की स्थापना की हामी भरी थी, परंतु राज्य सरकार द्वारा जमीन उपलब्ध नहीं कराने के कारण उसे कल्याणी ले जाया गया। प्राइवेट स्कूल में शिक्षा के नाम अभिभावकों को लूटा जा रहा है। सरकारी स्तर पर शिक्षा का स्तर बढ़ाया जाए। प्रत्येक जिला में सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज की स्थापना हो। महानंदा नदी की ओर राज्य सरकार या नगर निगम कोई ध्यान नहीं दे रही है इसको लेकर समय पर सरकार नहीं चेती तो आने वाले दिनों में व्यापक आंदोलन किया जाएगा। धरना प्रदर्शन को संबोधित करते हुए नारायण विश्वास, लखी प्रसाद और मानिक सरकार ने कहा कि उत्तर बंगाल में सुविधाओं का घोर अभाव है। यहां जिस प्रकार के फल और नकदी खेती होती है, उसपर आधारित उद्योग की स्थापना की जानी चाहिए। प्रदर्शन के दौरान जदयू के युवा नेता मनोज कुमार, मुकेश साहनी व अन्य वहां मौजूद थे।
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