पश्चिम बंगाल में आर्थिक आरक्षण बिल लागू कराने के लिए आंदोलन करेगा जदयू
पश्चिम बंगाल में आर्थिक आरक्षण बिल लागू कराने के लिए जद यू ने कमर कस ली है। इसके लिए आंदोलन की घोषणा की गई है।
By Rajesh PatelEdited By: Published: Thu, 17 Jan 2019 11:43 AM (IST)Updated: Thu, 17 Jan 2019 11:43 AM (IST)
सिलीगुड़ी [जागरण संवाददाता]। जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के पश्चिम बंगाल के प्रदेश अध्यक्ष अशोक दास ने आर्थिक आरक्षण बिल पर ममता सरकार को तेवर दिखाते हुए कहा है कि अगर वे इसे लागू नहीं करेगी तो जदयू राज्य भर में आंदोलन करेगी।
दास सिलीगुड़ी से सटे ओल्ड माटीगाड़ा रोड स्थित जिला पार्टी मुख्यालय में जिला कार्यसमिति की बैठक को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान वे ममता सरकार की जमकर आलोचना की। कहा कि एनडीए सरकार की पहल से शीतकालीन सत्र में दोनों सदनों में सवर्ण आरक्षण बिल पास हो गया। सभी राज्य इसे लागू करने भी लगे हैं। लेकिन ममता सरकार इसके लिए सुप्रीम कोर्ट की राय का इंतजार कर रही है। जदयू के रहते राज्य सरकार का ऐसा फरमान कभी नहीं चलने देंगे। बिल लागू होने से किसी एक जाति-समुदाय को लाभ नहीं होगा। बल्कि आर्थिक रूप से पिछड़े सभी समुदाय को इसका लाभ मिलेगा।
दार्जिलिंग जिला के अध्यक्ष भूषण कुमार सोनी की अध्यक्षता में सवर्ण आरक्षण बिल समेत कई ज्वलंत मुद्दों पर ममता सरकार को जोरदार तरीके से घेरने के लिए कार्यसमिति की बैठक में भावी आंदोलन की रणनीति भी बनाई गई। सोनी ने कहा कि बंगाल में बिल लागू करने के लिए राज्यपाल, मुख्यमंत्री समेत अन्य संबंधित विभागों को ज्ञापन देने, पूरे राज्य में विभिन्न तरीकों से विरोध प्रदर्शन करने जैसे आंदोलन पर सहमति बनी है।
उन्होंने कहा कि उत्तर बंगाल को विशेष दर्जा की मांग भी आंदोलन का मुख्य अंश होगा। ममता जानबूझ कर उत्तर बंगाल को विशेष दर्जा नहीं देना चाहती। यही वजह है कि ममता जातिगत तौर पर विकास बोर्ड गठन कर उत्तर बंगाल को आर्थिक और राजनैतिक स्तर पर कमजोर कर रही है। सरकार की श्रम विरोधी नीतियों से आज उत्तर बंगाल का चाय उद्योग प्रभावित भी हो रहा है। चाय बागानों के श्रमिकों खासतौर पर आदिवासी समुदाय का काफी बुरा हाल है।
सरकार को इसकी कोई फिक्र नहीं है। राज्य के किसानों का भी यहीं हाल है। उन्हें फसल उत्पादन का उचित लाभ नहीं मिलता। अगर सरकार डिस्ट्रीब्यूटर मैनेजमेंट ग्रुप गठित कर देती है तो इसका सीधा लाभ किसानों को होगा।
ग्रुप गठित होने से किसानों को दोगुना-तिगुना मुनाफा होगा। बैठक में जिला सचिव सपन दास, टाउन अध्यक्ष राम प्रसाद चक्रवर्ती, मनोज राय, चंदन सरकार, मुकेश साहनी, कुंदन कुमार सोनी समेत अन्य कई नेता व कार्यकर्ता भी उपस्थित थे।
दास सिलीगुड़ी से सटे ओल्ड माटीगाड़ा रोड स्थित जिला पार्टी मुख्यालय में जिला कार्यसमिति की बैठक को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान वे ममता सरकार की जमकर आलोचना की। कहा कि एनडीए सरकार की पहल से शीतकालीन सत्र में दोनों सदनों में सवर्ण आरक्षण बिल पास हो गया। सभी राज्य इसे लागू करने भी लगे हैं। लेकिन ममता सरकार इसके लिए सुप्रीम कोर्ट की राय का इंतजार कर रही है। जदयू के रहते राज्य सरकार का ऐसा फरमान कभी नहीं चलने देंगे। बिल लागू होने से किसी एक जाति-समुदाय को लाभ नहीं होगा। बल्कि आर्थिक रूप से पिछड़े सभी समुदाय को इसका लाभ मिलेगा।
दार्जिलिंग जिला के अध्यक्ष भूषण कुमार सोनी की अध्यक्षता में सवर्ण आरक्षण बिल समेत कई ज्वलंत मुद्दों पर ममता सरकार को जोरदार तरीके से घेरने के लिए कार्यसमिति की बैठक में भावी आंदोलन की रणनीति भी बनाई गई। सोनी ने कहा कि बंगाल में बिल लागू करने के लिए राज्यपाल, मुख्यमंत्री समेत अन्य संबंधित विभागों को ज्ञापन देने, पूरे राज्य में विभिन्न तरीकों से विरोध प्रदर्शन करने जैसे आंदोलन पर सहमति बनी है।
उन्होंने कहा कि उत्तर बंगाल को विशेष दर्जा की मांग भी आंदोलन का मुख्य अंश होगा। ममता जानबूझ कर उत्तर बंगाल को विशेष दर्जा नहीं देना चाहती। यही वजह है कि ममता जातिगत तौर पर विकास बोर्ड गठन कर उत्तर बंगाल को आर्थिक और राजनैतिक स्तर पर कमजोर कर रही है। सरकार की श्रम विरोधी नीतियों से आज उत्तर बंगाल का चाय उद्योग प्रभावित भी हो रहा है। चाय बागानों के श्रमिकों खासतौर पर आदिवासी समुदाय का काफी बुरा हाल है।
सरकार को इसकी कोई फिक्र नहीं है। राज्य के किसानों का भी यहीं हाल है। उन्हें फसल उत्पादन का उचित लाभ नहीं मिलता। अगर सरकार डिस्ट्रीब्यूटर मैनेजमेंट ग्रुप गठित कर देती है तो इसका सीधा लाभ किसानों को होगा।
ग्रुप गठित होने से किसानों को दोगुना-तिगुना मुनाफा होगा। बैठक में जिला सचिव सपन दास, टाउन अध्यक्ष राम प्रसाद चक्रवर्ती, मनोज राय, चंदन सरकार, मुकेश साहनी, कुंदन कुमार सोनी समेत अन्य कई नेता व कार्यकर्ता भी उपस्थित थे।
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