सिंदूरदान के साथ दी गई देवी जगद्धात्री को विदाई
जागरण संवाददाता सिलीगुड़ी सिंदूरदान के साथ देवी जगद्धात्री को विदाई दी गई। चार दिनों तक द
जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : सिंदूरदान के साथ देवी जगद्धात्री को विदाई दी गई। चार दिनों तक देवी की पूजा-अर्चना बहुत ही धूमधाम से की गई। सुबह से ही पूजा पंडालों में चहल-पहल देखी गई। खासकर महिलाओं की भीड़ रही। उन्होंने इस मौके पर देवी जगद्धात्री को सिंदूर लगाकर परिवार सहित विश्व शांति की कामना की। सुहाग दीर्घायु की कामना की। मिठाई, फल, सुपारी सहित अन्य पूजन सामग्री के साथ देवी को सिंदूर लगाया गया। इस अवसर पर महिलाओं का उत्साह देखने लायक था। देवी को सिंदूर लगाने के पश्चात महिलाओं ने एक-दूसरे को सिंदूर लगाया। साथ ही परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की। इसी क्रम में सुबह से ही घरों और मंडपों में स्थापित मां की प्रतिमा का विसर्जन होने लगा था। इस अवसर पर ढाक की ताल से ताल मिलाकर युवतियां और महिलाएं जमकर नाची। इस बारे में महिलाओं का कहना था कि देवी जगद्धात्री देवी दुर्गा का ही रूप हैं। जिस तरह से देवी की आराधना की जाती है ठीक उसी प्रकार से देवी जगद्धात्री की पूजा की जाती है। अवसर को लेकर महिलाओं में गजब का उत्साह देखा गया। सप्तमी, अष्टमी और नवमी को पुष्पांजलि अर्पित की गई। शहर में कई जगह पर देवी जगद्धात्री के पूजा पंडाल बनाए गए थे। देवी के भक्तों का कहना था कि देवी जगद्धात्री जग का कल्याण करने वाली देवी है। इसीलिए देवी की आराधना बहुत ही श्रद्धा-भक्ति के साथ की जाती है। जहां पर पर पुरुष और महिलाएं भी बढ़चढ़ कर पूजा में शामिल होते हैं। चारों ओर आनंद और खुशी का वातावरण होता है।