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दुर्गम इलाकों में दो पहिये वाली एंबुलेंस को इस्तेमाल में लाने की पहल

दो पहिये वाली एंबुलेंस से मरीज को अस्पताल पहुंचाने के बाद ही करीमुल हक एंबुलेंस दादा के रूप जाने जाने लगे। उसी एंबुलेंस पर रक्षा मंत्रालय की नजर है।

By Edited By: Published: Thu, 10 May 2018 05:38 PM (IST)Updated: Sat, 12 May 2018 03:07 PM (IST)
दुर्गम इलाकों में दो पहिये वाली एंबुलेंस को इस्तेमाल में लाने की पहल
दुर्गम इलाकों में दो पहिये वाली एंबुलेंस को इस्तेमाल में लाने की पहल

जलपाईगुड़ी, जागरण संवाददाता। दो पहिये वाली एंबुलेंस से मरीज को अस्पताल पहुंचाने के बाद ही करीमुल हक एंबुलेंस दादा के रूप जाने जाने लगे। उसी एंबुलेंस पर रक्षा मंत्रालय की नजर है।

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इस मंत्रालय के डिफेंस रिसर्च डेवलपमेंट आर्गेनाइजेशन (डीआरडीओ) को दिल्ली से जलपाईगुड़ी भेजा गया है। संस्था के सदस्य जिले के दुर्गम इलाकों का निरीक्षण करेंगे। यहां नियुक्त सेना के जवानों के स्वास्थ्य परिसेवा में बाइक एंबुलेंस के इस्तेमाल को लेकर करीमुल हक के साथ अलग-अलग स्थानों पर जाएंगे।

उक्त जानकारियां डीआरडीओ के संयोजक दिवाकर शर्मा ने दी है। फिलहाल वह जलपाईगुड़ी जिले के माल ब्लॉक के क्रांति राजाडांगा में ही अतिथि के रूप में रह रहे हैं। रक्षा मंत्रालय के इस कदम का करीमुल हक ने भी स्वागत किया है।

उन्होंने कहा कि मंत्रालय की ओर से फोन पर बातचीत कर एंबुलेंस के बारे में जानकारी ली गई है। दुर्गम इलाकों में दो पहिये वाली एंबुलेंस कितनी कारगर साबित होगी, इसे लेकर निरीक्षण कार्य चल रहा है। इसके बाद रिपोर्ट रक्षा मंत्रालय को सौंपी जाएगी। जरूरत पड़ने पर उन्हें दिल्ली भी बुलाया जा सकता है।


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