2009 व 2015 के कारनामे को दुहरा पाएंगे निर्दलीय?
-2009 व 2015 में रंजनशील शर्मा व अरविंद घोष बना चुके हैं कीर्तिमान -निगम के सैंतालीस वार्डो
-2009 व 2015 में रंजनशील शर्मा व अरविंद घोष बना चुके हैं कीर्तिमान
-निगम के सैंतालीस वार्डो में 31 उम्मीदवार हैं मैदान में
जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी: सिलीगुड़ी नगर निगम चुनाव में इस बार कुल 31 निर्दलीय उम्मीदवार मैदान में हैं। ये नगर निगम के कुल 47 वार्डो में से 21 वार्डो में उम्मीदवारी कर रहे हैं। कुछ वार्डो में तो बतौर निर्दलीय उम्मीदवार ये प्रमुख राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों को सीधी टक्कर देते हुए दिख रहे हैं। सिलीगुड़ी नगर निगम की बात करे तो 2015 के चुनाव में वार्ड नंबर 15 से बतौर निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अरविंद घोष उर्फ आमू दा ने जीत दर्ज की थी। वहीं इससे पहले 2009 में रंजनशील शर्मा वार्ड नंबर 37 से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव जीते थे। आंकड़े बताते हैं कि चुनावों में एक से अधिक उम्मीदवार कभी नहीं जीते हैं, लेकिन यह भी उतना ही सत्य है कि निर्दलीय भी कभी - कभार चौकाते रहे हैं। दरअसल हर चुनाव में कुछ बागी होते हैं और ये बागी ही निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर मैदान में होते हैं। इस बार भी भाजपा व तृणमूल कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने पर बागी उम्मीदवार निर्दलीय के तौर पर मैदान में हैं। राजनीति के जानकारों का मानना है कि निर्दलीय उम्मीदवारों की भी अपनी जमीन होती है। अधिकांश मामले में निर्दलीय वहीं होते हैं, जो पार्टी की उपेक्षा के शिकार हो जाते हैं। कई बार वे जीतने से ज्यादा दूसरे को हराने के लिए खड़े होते हैं और इसमें वह कामयाब भी होते रहे हैं। पिछले नगर निगम चुनाव में कुछ निर्दलीय उम्मीदवारों को काफी अच्छे वोट मिले थे। भले ही वे जीत नहीं पाए थे, लेकिन जनता की सहानुभूति उन्हें मिली थी। अब इस बार देखना यह है कि निर्दलीय उम्मीदवार किस कदर चौकाते हैं।