Move to Jagran APP

नंबर दो की शराब और प्रतिदिन एक करोड़ की बिक्री

-ब्राडेड बोतल में नकली शराब बेचने का चल रहा है खेल -अरुणाचल प्रदेश के साथ ही नेपाल और सि

By JagranEdited By: Published: Tue, 08 Jun 2021 09:22 PM (IST)Updated: Tue, 08 Jun 2021 09:22 PM (IST)
नंबर दो की शराब और प्रतिदिन एक करोड़ की बिक्री
नंबर दो की शराब और प्रतिदिन एक करोड़ की बिक्री

-ब्राडेड बोतल में नकली शराब बेचने का चल रहा है खेल

loksabha election banner

-अरुणाचल प्रदेश के साथ ही नेपाल और सिक्किम से तस्करी

-पैसा कमाने की होड़ लोगों की जान से खिलवाड़

-उत्तर बंगाल के विभिन्न हिस्सों में शराब माफिया का साम्राज्य एक्सक्लूसिव

अशोक झा,सिलीगुड़ी

हर शाख पे उल्लू बैठा है, अंजामे गुलिस्ता क्या होगा। कुछ इसी कहावत को चरितार्थ करता है सिलीगुड़ी और उसके आसपास हो रहे अवैध शराब का धंधा। सिलीगुड़ी और उसके आसपास के क्षेत्र में जहा प्रतिदिन लगभग 2 करोड रुपए की विदेशी शराब बेची जा रही है वही प्रतिदिन लगभग एक करोड़ रुपए की अवैध शराब की बिक्री होती है। सरकारी राजस्व के हिसाब से देखा जाए तो सिलीगुड़ी और उसके आसपास के क्षेत्रों में शराब माफिया अपना समानातर आधिपत्य कायम कर लिया है। इससे शासन प्रशासन अनभिज्ञ है,नहीं माना जा सकता। कहते हैं कि हाथी के दात दिखाने को कुछ और खाने के कुछ और होते हैं। इसी प्रकार इस धंधे से जहा शराब माफिया करोड़ों बटोर रहे हैं वही प्रतिदिन लाखों बाटकर संबंधित अधिकारियों की जेब भी गर्म करते हैं। सिंडिकेट माफिया और सफेदपोश लोगों का इन्हें संरक्षण मिलता है।

ब्राडेड बोतल में नकली शराब भरकर बेचने का खेल सिलीगुड़ी और उसके आसपास के क्षेत्रों में खूब फल-फूल रहा है। शहर के आउटर इलाकों में इस तरह का गैरकानूनी धंधा पनप रहा है। नकली शराब के इस गैर कानूनी धंधे को सुनसान इलाकों में किराए पर मकान लेकर किया जाता है। वहा बडे़ आराम से ब्राडेड बोतल में नकली शराब की पैकेजिंग की जाती है। यह ज्यादातर वैसे घरों को किराए पर लेते हैं जिसका मकान मालिक भी वहा नहीं रहता है। किराया ज्यादा देने पर आसानी से इन लोगों को रूम भी उपलब्ध हो जाता है। शहर के कई इलाकों में शराब माफियाओं ने नकली शराब की फैक्ट्री खोल रखी है। हालाकि, पुलिस और उत्पाद विभाग की ओर से बीच-बीच में कार्रवाई और छापेमारी की जाती है। लेकिन इसका असर इस धंधे पर पड़ता नजर नहीं आ रहा है। नकली शराब के कारोबार से जुड़े लोग काफी तैयारी के साथ इस धंधे को अंजाम देते हैं।

कोलकाता से मंगाते हैं सामग्री

खाली बोतल से लेकर स्टीकर, रैपर, ढक्कन, सील और यहा तक कि ये लोग सरकार का लोगो भी अरेंज कर लेते हैं। इस धंधे से जुड़े लोगों की अलग-अलग ड्यूटी होती है। कोई खाली बोतल इकट्ठा करने में लगा रहता है तो कोई बोतल में स्टीकर और रैपर लगाने का काम करता है। ये लोग ज्यादातर कबाड़ी वाले से दारू की खाली बोतल खरीदते हैं। इसके बाद इसे अच्छी तरह से सफाई कर ब्राडेड शराब के स्टीकर और रैपर लगाते हैं। फिर बोतल में नकली शराब भरकर उसे सील करते हैं और बाजार में बेच देते हैं। नकली शराब के इस खेल से बड़ी-बड़ी ब्राडेड कंपनिया भी परेशान हैं। इस प्रकार के शराब से लोगों की जान भी जा सकती है।

अरुणाचल प्रदेश से भी शराब की आवक

बंगाल में शराब का दाम ज्यादा होने के कारण अरुणाचल के नाम पर जाने वाले शराब को उत्तर बंगाल के दालकोला, बिधाननगर, वीरपाड़ा, नागराकाटा तथा जयगाव के रास्ते में खाली करा लिया जाता है। प्रतिदिन इस प्रकार के चार ट्रक उत्तर बंगाल के क्षेत्र में खाली कराए जाते हैं। विदेशी शराब की एक ब्रांडेड बोतल बंगाल में 1350 रुपये में मिलती है। वहीं अरुणाचल प्रदेश वाली 600 से 800 में मिल जाती है। इसके अतिरिक्त चोरी छुपे नेपाल और सिक्किम से भी बड़े पैमाने पर शराब तस्करी कर सिलीगुड़ी और आसपास के क्षेत्रों में लाया जा रहा है। जानकारों का कहना है कि जिस आर एक्स शराब का दाम 2019 में 520 प्रति बोतल था उसका दाम अभी पंद्रह सौ रुपया हो गया है। नंबर दो से यही शराब 800 तक आसानी से उपलब्ध हो रहा है।

ढाई सौ से अधिक अवैध शराब की दुकानें

सिलीगुड़ी और उसके आसपास के क्षेत्रों में ढाई सौ से अधिक अवैध शराब की दुकानें हैं। जहा बिना लाइसेंस के धड़ल्ले से शराब बेचे जाते हैं। इसमें न्यू जलपाईगुड़ी में सबसे ज्यादा 50 से अधिक होटल और छोटे दुकानों में शराब का धंधा चलता है। प्रधान नगर थाना क्षेत्र के सिलीगुड़ी जंक्शन,कुलीपाड़ा तथा चंपासारी, मिलन मोड़, वार्ड 4, 5, 31 के जलपाई मोड़ के आगे बड़े पैमाने पर अवैध शराब की बिक्री होती है। माटीगाड़ा क्षेत्र में खपरैल से लेकर शिव मंदिर अवैध शराब की बिक्री होती है।

काफी कम लागत में नकली शराब

नकली शराब तैयार करने में काफी कम खर्च आता है। अमूमन 50 से 200 रुपए की लागत से तैयार शराब मार्केट में 500 से 2000 रुपए में बिक जाती है। मैकडॉवल्स, ब्लेंडर्स प्राइड, इम्पीरियल ब्लू, रॉयल स्टैग, रॉयल चैलेंज आदि ब्राडेड शराब के नाम पर नकली शराब बेच दी जाती है। बोतल खरीदने वाले भी नकली और असली में फर्क नहीं कर पाते हैं।

देशी नकली शराब की भी काफी बिक्री

जानकारों की मानें तो नकली शराब को बनाने में शीरा, सड़ा-गला गुड़, नौसादर, धतूरे के बीज, यूरिया, आक्सीटोसिन इंजेक्शन से मिश्रण को आपस मे मिलाया जाता है। जब ग्राहक नशा कम होने की बात करते हैं तब मिश्रण में कुछ तत्वों जैसे नौसादर, धतूरे के बीज और आक्सीटोसिन की मात्रा बढ़ा दी जाती है। इसी से केमिकल का तालमेल बिगड़ जाता है और शराब जहरीली हो जाती है।शराब तस्कर स्प्रिट व एसेंस के माध्यम से शराब बना कर उसे बोतल में बंद कर बॉटलिंग मशीन के माध्यम से पैक कर देते है। उस पर किसी भी ब्राडेड कंपनी का रैपर लगा देते है। उस रैपर पर ओनली सेल इन पश्चिम बंगाल अंकित कर देते है। नकली शराब तैयार करने वाले अपने साथ हाइड्रोमीटर भी रखते है जिससे शराब में अल्कोहल के प्रतिशत को मापा जाता था और फिर उसे बोतल में भर कर बंद कर दिया जाता है। जब तक अवैध शराब के धंधे पर पूरी तरह लगाम नहीं लग जाता तब तक पुलिस का अभियान जारी रहेगा। अवैध शराब के धंधे को रोकने के लिए पुलिस आबकारी विभाग के साथ तालमेल से संयुक्त छापामारी भी करेगी।

- गौरव शर्मा, पुलिस कमिश्नर, सिलीगुड़ी


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.