अलीपुरद्वार में आदमखोर तेंदुआ को गोली मारने के आदेश
अलीपुरद्वार जिले में आदमखोर तेंदुए की दहशत से निजात मिलने वाली है। यदि वह नहीं पकड़ा जा सका तो गोली मार दी जाएगी।
- अलीपुरद्वार जिले में अब तक तीन बच्चों की जान ले चुका है यह तेंदुआ
सिलीगुड़ी [जागरण संवाददाता]। अलीपुरद्वार जिले में जिस आदमखोर तेंदुए की दहशत ने लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है, वह या तो पकड़ा जाएगा, नहीं जो मार दिया जाएगा। राज्य वन विभाग ने परिस्थिति के मुताबिक उसे मारने का आदेश दे दिया है। इस तेंदुए ने अलीपुरद्वार जिले के टी गार्डन में तीन बच्चों की जान ले ली है, जिनकी उम्र 11, 6 और 3 साल थी। इसके अलावा 2 बच्चों समेत 3 लोगों को घायल कर दिया है।
पिछले हफ्ते शनिवार को उत्तर बंगाल वाइल्डलाइफ के मुख्य वन संरक्षक उज्ज्वल घोष ने प्रधान मुख्य संरक्षक रविकांत सिन्हा को आवेदन भेजकर आदमखोर तेंदुए को मारने की अनुमति मांगी थी। रविकांत सिन्हा ने उन्हें अनुमति देते हुए कहा कि वन रक्षक जरूरत पडऩे पर तेंदुए को मार सकते हैं।
बता दें कि हाथी के बाद बंगाल में ऐसा पहली बार हुआ है, जब किसी आदमखोर तेंदुए को मारने का आदेश दिया गया हो। इसके हमले से इलाके में काफी दहशत है और लोग सूरज डूबने के बाद घरों से बाहर नहीं निकलते हैं। जब लोगों को घर से निकलना होता है तो वे समूह में ही निकलते हैं। वन रक्षक स्कूल से लौटने वाले बच्चों को सुरक्षा प्रदान करते हैं।
पिछले सप्ताह से ही 40 स्वयंसेवकों का समूह आदमखोर जानवर को ढूंढ रहा है। इसके अलावा दो मोबाइल टीम वाहनों से चाय बागानों में गश्त कर रही है। इसके अलावा तीन टीमें ट्रैंक्विलाइजर गन के साथ पांच निगरानी कर रही हैं, लेकिन अब तक तेंदुए को पकडऩे में सफलता नहीं मिली है। उज्ज्वल घोष के मुताबिक पहले तेंदुए को जिंदा पकडऩे का ही प्रयास करेंगे लेकिन अगर फेल हो गए तो तेंदुए को जान से मारने की अनुमति मिल गई है।