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पूरी तरह से बर्बाद हो चुकेे परिवार ने ममता बनर्जी से कि गुहार- काम दें या फिर इच्छा मृत्यु की अनुमति

एक गृहवधू ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से अर्जी लगाई है कि वे उसे काम मुहैया कराए या फिर सपरिवार इच्छा मृत्यु की इजाजत दें।

By Preeti jhaEdited By: Published: Wed, 28 Aug 2019 03:47 PM (IST)Updated: Wed, 28 Aug 2019 03:47 PM (IST)
पूरी तरह से बर्बाद हो चुकेे परिवार ने ममता बनर्जी से कि गुहार- काम दें या फिर इच्छा मृत्यु की अनुमति
पूरी तरह से बर्बाद हो चुकेे परिवार ने ममता बनर्जी से कि गुहार- काम दें या फिर इच्छा मृत्यु की अनुमति

कोलकाता, जागरण संवाददाता। राज्य के अलीपुरदुआर जिले के चापेरपार एक नंबर ग्राम पंचायत अंतर्गत पड़ने वाले श्मशानखोला इलाके की निवासी एक गृहवधू ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से अर्जी लगाई है कि वे उसे काम मुहैया कराए या फिर सपरिवार इच्छा मृत्यु की इजाजत दें।

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दरअसल, ‘दीदी को बोलो’ अभियान के तहत मुहैया कराए गए फोन नंबर पर सुष्मिता मालाकार नाम की एक महिला ने सोमवार को फोन कर उसके पति की मदद को राज्य की मुख्यमंत्री से गुहार लगाई। इस दौरान उसने कहा कि साल 2016 में एक बाइक दुर्घटना में उसके पति गंभीर रूप से जख्मी हो गए थे और इसके बाद उनका तीन बार ऑपरेशन हो चुका है। इस दौरान पति के इलाज को उसने अपनी जमीन तक बेच दी है।

मौजूदा आलम यह है कि वह पूरी तरह से कर्ज तले दबी हुई है। लेनदारों से भयभीत हो उसने अपना फोन भी बंद कर दिया है। पति बिस्तर पर पड़े हैं और अब इलाज को उसके पास पैसे भी नहीं है। ऐसे में मुख्यमंत्री हमारी मदद करें या फिर सपरिवार इच्छा मृत्यु की इजाजत दें।

मिली जानकारी के मुताबिक महिला के पति का नाम प्रदीप मालाकार है, जो बीते 16 सालों से घर के पास एक सोने की दुकान चलाया करता था, लेकिन साल 2016 में बाइक दुर्घटना में गंभीर रूप से जख्मी होने के बाद से ही बिस्तर पर पड़ा है।

इस बीच हैदराबाद, ओडिशा और बेंगलुरु में उसका इलाज भी कराया गया। लेकिन पैसे के अभाव में अब उसकी पत्नी के लिए इलाज संभव नहीं है। इधर, पीड़ित पति ने कहा कि पैसे के अभाव में वे जांच नहीं कर पा रहे हैं। उनका पांच का साल एक बच्चा भी है, जिसे अब वे स्कूल नहीं भेजते।


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