Move to Jagran APP

हाईड्रेनों पर अवैध कब्जे का मामला गरमाया

- नगर निगम के खिलाफ तृणमूल के तेवर अक्रामक -बोर्ड मीटिंग में मेयर को घेरने की तैयारीम

By JagranEdited By: Published: Tue, 26 Nov 2019 09:13 PM (IST)Updated: Tue, 26 Nov 2019 09:13 PM (IST)
हाईड्रेनों पर अवैध कब्जे का मामला गरमाया
हाईड्रेनों पर अवैध कब्जे का मामला गरमाया

- नगर निगम के खिलाफ तृणमूल के तेवर अक्रामक

loksabha election banner

-बोर्ड मीटिंग में मेयर को घेरने की तैयारी,मांगा इस्तीफा

-सांसद तथा अन्य नेताओं ने की कार्यवाई की मांग

जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : दैनिक जागरण ने शहर के हाईड्रेनों पर कब्जा करने की कारगुजारी को अपने सोमवार के अंक में प्रमुखता से प्रकाशित किया है। इस खबर का असर यह हुआ कि नगर निगम में विरोधी दल तृणमूल कांग्रेस इस मामले को लेकर हमलावर है। तृणमूल कांग्रेस नेताओं का कहना है कि राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शहर में अतिक्रमण से नाराज हैं। जबकि नगर निगम बहाना बनाकर कार्रवाई से बच रही है। इसे अब किसी कीमत पर बर्दास्त नहीं किया जाएगा।

रंजन सरकार उर्फ राणा-जिला तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष सह नगर निगम में विरोधी दल नेता ने दैनिक जागरण से बात करते हुए कहा कि शहर की वास्तविक चित्र को अखबार ने प्रकाशित कर प्रशासन और नगर निगम का ध्यान आकृष्ट कराया है। नगर निगम में 28 नवंबर को होने वाली बोर्ड मीटिंग में यह मामला उठाएंगे। जबतक ऐसे अनैतिक कार्य को समाप्त नहीं किया जाएगा तृणमूल कांग्रेस के पार्षद प्रत्येक वार्डो में आंदोलन करेंगे। नगर निगम को जबाव देना होगा कि जब एक ओर डेंगू से लड़ना प्रतिदिन चुनौती बनी हुई है तो जमीन घेरने के बहाने सीवर पर कब्जा करने वालों के प्रति किस कारण कार्रवाई नहीं की जा रही है। कार्रवाई नहीं होने के पीछे क्या कोई साजिश है या राजनीतिक कारण? इसका खुलासा मेयर या इससे संबंधित मेयर परिषद सदस्य को देना होगा। नागरिक सेवा देने में विफल वाममोर्चा बोर्ड से तुरंत त्यागपत्र की मांग की जाएगी। इस प्रकार के कार्य में लिप्त चाहे कोई भी व्यक्ति या किसी वार्ड में क्यों ना हो उपपर कार्रवाई होनी चाहिए।

संासद राजू बिष्ट: संासद राजू बिष्ट ने कहा कि अतिक्रमण हटाना और उसपर कार्रवाई का मामला राज्य व वहां की स्थानीय निकायों का है। सांसद के नाते वहां के विकास के लिए उनके जो भी बन पड़ेगा वह करेंगे। मेरा कहना है कि शहर की सुंदरता बनाए रखना वहां के लोगों की जिम्मेदार बनती है। केंद्र से संबंधित कोई भी मामला उनके पास आएगा वे उसके लिए त्वरित कार्रवाई करेंगे। बतौर सांसद उनके क्षेत्र में इस प्रकार का कार्य हो रहा है तो वे इसको लेकर जिला प्रशासन का ध्यान निश्चित रुप से आकृष्ट कराएंगे।

दिलीप सिंह: माकपा नेता सह नगर निगम के चेयरमैन दिलीप सिंह ने कहा कि वे दैनिक जागरण में प्रकाशित खबर को पढ़कर इसे संज्ञान में लिया है। इस प्रकार का कार्य पूरी तरह गलत है। सीवर को किसी भी व्यक्ति को घेरने का अधिकार नहीं है। जल्द ही इस प्रकार के कार्य के खिलाफ नगर निगम की ओर से कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के कार्य करने वाले चाहे जो भी दलील दें परंतु यह पूरी तरह गलत है।

राम भजन महतो: नगर निगम के डिप्टी मेयर राम भजन महतो ने कहा कि दैनिक जागरण ने जो समाचार प्रकाशित किया है वह सराहनीय है। इस प्रकार के कार्य शहर के ज्यादातर वार्ड में हो रहे हैं। इसे बोरो कमेटी को संज्ञान में लेकर कार्रवाई करना चाहिए। नगर निगम में इस मामले पर चर्चा कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। इस प्रकार के कार्य को किसी को अनुमति नहीं दी जाएगी।

निखिल सहनी: तीन नंबर बोरो चेयरमैन निखिल सहनी का कहना है कि नगर निगम को काफी अधिकार है। नगर निगम के मेयर स्वयं 20 वर्षो तक शहरी विकास मंत्री रहे है। ऐसे में उन्हें कानून की हर जानकारी है। जरूरत है इच्छाशक्ति की। बतौर चेयरमैन मेरे द्वारा डेंगू के रोकथाम के लिए जल जमाव को देखते हुए चार से आठ स्थानों पर कार्रवाई करते हुए नोटिस देकर जुर्माना लगाया। इस प्रकार का कार्य नगर निगम को करना चाहिए।

प्रदीप गोयल: दो नंबर बोरो चेयरमैन प्रदीप गोयल ने कहा कि दो नंबर बोरो के तहत इस प्रकार का मामला सामने आने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। सभी वार्ड पार्षदों को स्पष्ट कह दिया गया है कि भवन निर्माण हो या जमीन की घेराबंदी इसमें सीवर पर किसी प्रकार का अतिक्रमण ठीक नहीं है। इसको लेकर नगर निगम में विरोधी दल की ओर से बोर्ड मीटिंग में कार्रवाई की मांग की जाएगी।

नरेश अग्रवाल: क्रेडाई के उत्तर बंगाल चेप्टर के चेयरमैन नरेश अग्रवाल ने इसके लिए राज्य सरकार को ही जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि यह कोई अवैध कब्जे का मामला नहीं है। यह बिल्डरों की अपनी जमीन बचाने की कोशिश है। बिल्डर अपनी जमीन के सामने ही ही सड़क पर टीन की घेराबंदी करते हैं ताकि वहां अवैध गुमटियां ना लगे। एक बाद गुमटी बैठ गई तो उसे राज्य सरकार नहीं हटा पाती है। ऐसे में बिल्डर भला क्या करें। बिल्डर तो निर्माण कार्य अपनी ही जमीन पर करते हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.