मौसम की बेरुखी से बिगड़ रही सेहत, शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ एसके तिवारी बता रहे सुरक्षित रहने के उपाय
मौसम में लगातार हो रहे बदलाव का असर सीधे तौर पर लोगों कें मन-मस्तिष्क व सेहत पर पड़ रहा है। शुगर ब्लड प्रेशर न्यूमोनिया अस्थमा ब्रोनकाइटिस की समस्या से जूझ रहे लोगों को यह मौसम ज्यादा प्रभावित कर रहा है।
सिलीगुड़ी, जागरण संवाददाता। पिछले एक सप्ताह की लगातार बारिश के बाद शनिवार को मौसम में अचानक से तपिश आ गई। सुबह होते ही आसमान में तेज धूप निकल आया और पूरे दिन उमस भरी गर्मी रही, जिससे लोग परेशान रहे। खास तौर से सड़क पर उतरकर काम-काज करने वाले बेहाल दिखे। मौसम में लगातार हो रहे बदलाव का असर सीधे तौर पर लोगों कें मन-मस्तिष्क व सेहत पर पड़ रहा है। मौसम में हर पल होने वाले बदलाव के चलते लोग शारीरिक तौर अस्वस्थ भी हो रहे हैं। पहले से शुगर, ब्लड प्रेशर, न्यूमोनिया, अस्थमा, ब्रोनकाइटिस की समस्या से जूझ रहे लोगों को यह मौसम ज्यादा प्रभावित कर रहा है। सबसे ज्यादा शुगर, ब्लड प्रेशर व न्यूमोनिया के मरीज इसकी चपेट में आ रहे हैं।
मौसमी बीमारियों का कहर
सिलीगुड़ी जिला अस्पताल, उत्तर बंगाल मेडिकल कालेज व अन्य सरकारी अस्पतालों में इलाज के लिए मरीजों की लंबी - लंबी लाइन लग रही है। इसमें से ज्यादात्तर लोग मौसमी बीमारियों से ग्रसित हुए हैं। आउटडोर में इलाज के लिए आने वाले मरीजों का कहना है कि इन दिनों मौसम में बदलाव हो रहा है और वह इसकी चपेट में हैं। एक तो गर्मी के बाद अब सर्द ऋतु का आगमन हो रहा है। इसके अलावा कभी तेज धूप तो कभी बारिश होने लग रही है। रात में तापमान कुछ तो दिन का तापमान बिल्कुल ही अलग हो जा रहा है। इस बारे में जाने-माने शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ एसके तिवारी का कहना है कि इस समय बुखार, डायरिया, सर्दी, जुकाम से बच्चे प्रभावित हो रहे हैं। मां-बाप को इसके प्रति सजग रहना होगा। कुछ दिनों के बाद ठंड शुरू होगी और इसका भी असर बच्चों पर होगा।
हैंड फुट व डेंगू से सावधान रहने की जरूरत:
डॉ तिवारी का कहना है कि इन दिनों डेंगू का प्रकोप भी बढ़ रहा है। इससे बचना होगा। जल जमाव के कारण डेंगू के लार्वा पनप रहे हैं। घर के आस-पास जल जमाव न हो इस पर ध्यान रखना होगा।
उन्होंने बताया कि इन दिनों हैंड फुट नामक बीमारी भी चलन में है। सही तरीके से हाथ साफ- सुथरा नहीं होने से यह बीमारी हो रही है। खाने से पहले हाथ जरूर धोए। ताजा भोजन का सेवन करें। बीमार होने पर बच्चों को स्कूल न भेंजे।