गोरखाओं ने प्राणों की दी आहुति, इतिहास है साक्षी : जाप
वर्तमान स्वतंत्र भारत को स्वतंत्र बनाने में गोरखाओं ने अपनी प्राणों की आहूति दी थी, इतिहास साक्षी है
कर्सियांग, जागरण संवाददाता। जन आंदोलन पार्टी (जाप), कर्सियांग महकमा के को-आर्डिनेटर करण रूम्बांग्सा राई ने एक लिखित बयान जारी कर कहा है कि आज पूरे विश्व में वीर गोरखा अपनी वीरता के लिए प्रसिद्ध है। स्वतंत्र भारत में अपने अस्तित्व के लिए जब जाप की ओर से गोरखालैंड की मांग में दिल्ली में धरणा किया गई, तब वहां उपस्थित सीआरपीएफ के जवानों ने कुछ नहीं किया।
परंतु उन्होंने कथित आरोप लगाया है कि दिल्ली से दार्जिलिंग पहाड़ लौटने के बाद स्थानीय पुलिस ने जाप कार्यकर्ताओं पर विविध प्रकार के मुद्दा लगाते हुए धर-पकड़ आरंभ कर दिया। उन्होंने कहा है कि दार्जिलिंग पहाड़ में अन्य पार्टियां भी है। परंतु वे गोरखालैंड की मांग में धरणा नहीं कर रहे हैं। सभी मौन धारण किये हुए हैं। इसलिए उनकी कार्यकर्ताओं की धर -पकड नहीं हो रही है।
जाप द्वारा गोरखालैंड की मांग में आवाज उठाने से क्यों इस प्रकार से अत्याचार होता है? क्या राज्य सरकार देश के संविधान से ऊपर का है? आदि जैसे कई प्रश्न भी उन्होंने किया है। उन्होंने कहा है कि वर्तमान स्वतंत्र भारत को स्वतंत्र बनाने में गोरखाओं ने अपनी प्राणों की आहूति दी थी, इतिहास साक्षी है। पुलिस प्रशासन को कानून व्यवस्था को सुचारु रूप से चलाने के लिए प्राथमिकता देना चाहिए। वैध कार्य को अवैध नहीं बनाना चाहिए।