गोजमुमो का यू टर्न, ममता सरकार से बातचीत को राजी
दार्जिलिंग में दो माह से अधिक समय से जारी बेमियादी बंद के दौरान पहली बार वार्ता की पेशकश।
कोलकाता, [जेएनएन] । अलग राज्य की मांग पर दार्जिलिंग में बेमियादी बंद कर रहा गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (गोजमुमो) सोमवार को अचानक 'यू टर्न' लेते हुए राज्य सरकार से बातचीत को राजी हो गया। पहाड़ में पिछले दो माह से अधिक समय से चले रहे बेमियादी बंद के दौरान यह पहला मौका है, जब गोजमुमो ने राज्य सरकार से वार्ता की पेशकश की है।
पहाड़ के हालात पर नजर रखने वाले राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक गोजमुमो सुप्रीमो बिमल गुरुंग समेत कई शीर्ष नेताओं के खिलाफ दार्जिलिंग के ओल्ड सुपर मार्केट में हुए विस्फोट एवं कलिंपोंग थाने में ग्रेनेड हमले को लेकर गैरकानूनी गतिविधि विरोधी अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामले दर्ज होने के बाद पार्टी के रूख में यह नरमी आई है। इस बीच सोमवार को बंद 68वें दिन में प्रवेश कर गया।
गोजमुमो के संयुक्त सचिव बिनय तमांग ने कहा-'दार्जिलिंग, तराई एवं डुआर्स में शांति सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी सिर्फ स्थानीय लोगों की नहीं बल्कि केंद्र व पश्चिम बंगाल सरकार की भी है इसलिए हम दोनों से जल्द से जल्द बातचीत शुरू करने की अपील करते हैं ताकि दार्जिलिंग में हालात सामान्य हो सके।
दूसरी तरफ इस अपील पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए दार्जिलिंग की जिलाधिकारी जोयोशी दासगुप्ता ने कहा-'गोजमुमो को पहले बेमियादी बंद वापस लेना चाहिए। उसके बाद ही बातचीत की गुंजाइश है। स्थिति सामान्य करना उनपर है। गोजमुमो ने बंद बुलाया था और उसे जबरन लोगों पर लागू किया था।' राज्य के पर्यटन मंत्री एवं उत्तर बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गौतम देब ने कहा-'दार्जिलिंग मसले के समाधान के लिए हमने सर्वदलीय बैठक बुलाई थी लेकिन गोजमुमो ने उसमें भाग नहीं लिया।'
विस्फोट एवं ग्रेनेड हमले की निंदा
विनय तमांग ने विस्फोट एवं ग्रेनेड हमले की निंदा करते हुए कहा-'हमारी पार्टी लोकतांत्रिक तरीके से विरोध-प्रदर्शन करने में यकीन करती है। हम पहले ही इन घटनाओं की एनआइए जांच की मांग कर चुके हैं।' तमांग ने उन आरोपों को भी सिरे से नकारा कि गोजमुमो के माओवादियों एवं उत्तर-पूर्व के उग्रवादी संगठनों से सांठगांठ है। उन्होंने कहा-'हमारा देश-विदेश के किसी भी आतंकी संगठन से कोई संबंध नहीं है।'
पुलिस ने की विभिन्न इलाकों में छापामारी
इस बीच पुलिस की ओर से सोमवार को दार्जिलिंग के विभिन्न इलाकों में छापामारी की गई, जिन्हें गोजमुमो का गढ़ माना जाता है। शनिवार रात से ही पहाड़ के सभी पुलिस थाने हाई अलर्ट पर हैं। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकाारी ने बताया-'हम पहाड़ पर आने-जाने के सभी रास्तों पर कड़ी नजर रख रहे हैं।' दूसरी तरफ गोजमुमो एवं पहाड़ के अन्य दलों की ओर से भी इस दिन 'गोरखालैंड' के समर्थन में सभा-जुलूस का आयोजन किया गया। उन्होंने पहाड़ पर इंटरनेट सेवा बहाल करने की भी मांग की।
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