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आज से जंगल बंद,पर्यटन कारोबारियों के माथे पर हाथ

- डेढ़ साल से लगातार हो रही है परेशानी -कोरोना के घटते मामले से जगी थी थोड़ी उम्मीद

By JagranEdited By: Published: Wed, 16 Jun 2021 09:43 AM (IST)Updated: Wed, 16 Jun 2021 09:43 AM (IST)
आज से जंगल बंद,पर्यटन कारोबारियों के माथे पर हाथ
आज से जंगल बंद,पर्यटन कारोबारियों के माथे पर हाथ

- डेढ़ साल से लगातार हो रही है परेशानी

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-कोरोना के घटते मामले से जगी थी थोड़ी उम्मीद मोहन झा, सिलीगुड़ी : कोरोना का ग्राफ गिरने से पर्यटन व्यापार को उम्मीद की किरण नजर आने लगी थी। लेकिन इस उम्मीद की किरण पर तीन महीनों के लिए सरकारी बादल छा गया है। 16 जून से अगले तीन महीने के लिए जंगल और राष्ट्रीय उद्यान में पर्यटकों की गतिविधि पर रोक लगा दी गई है। हालांकि पर्यटन व्यापारियों ने थोड़ी रियायत की बरतने की अपील राज्य सरकार से की है।

बारिश के हर मौसम में राज्य के सभी जंगल, राष्ट्रीय उद्यान और पार्क में पर्यटकों के प्रवेश पर पाबंदी लगा दी जाती है। इस बार भी 16 जून से 18 सिंतबर तक सभी जंगल, राष्ट्रीय उद्यान और पार्क में पर्यटकों की गतिविधि पर निषेधाज्ञा जारी कर दिया गया है। वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि बारिश के इस मौसम में जंगली जानवर सहवास और प्रजनन की क्रिया करते हैं। इस प्रक्रिया के लिए आवश्यक एकांत माहौल बनाने के लिए ही मुख्य रुप से जंगल और राष्ट्रीय उद्यानों में पर्यटकों की आवाजाही पर पाबंदी लगा दी जाती है। इसके अतिरिक्त बारिश के इसी मौसम में जंगल में पेड़ो की संख्या बढ़ाने तथा वन संरक्षण क्रिया भी किया जाता है। इसके अलावा बारिश के मौसम में जंगल व राष्ट्रीय उद्यान के कच्चे रास्ते काफी ज्यादा खराब हो जाते हैं। पर्यटकों की सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी बारिश के मौसम में पर्यटकों का जंगल और राष्ट्रीय उद्यान में प्रवेश उचित नहीं है। इस संबंध में वन विभाग के मुख्य संरक्षक (वन्य जीव) राजेंद्र जाखर ने बताया कि बारिश के मौसम में तीन महीने तक जंगल और राष्ट्रीय उद्यानों में पर्यटकों के प्रवेश पर पाबंदी नियमित प्रक्रिया है। वन संरक्षण के साथ वन्य जीवों की संख्या बढ़ाने के लिए यह प्रक्रिया आवश्यक भी है।

पर्यटकों के लिए जंगल और राष्ट्रीय उद्यानों को अगले तीन महीनों तक बंद रखने का सरकारी निर्देश जारी होने से पर्यटन व्यापारियों में जग रही उम्मीद की किरणों पर काले बादल छा गए हैं। कोरोना की वजह से बीते डेढ़ वर्षो से पर्यटन व्यापार पूरी तरह से ठप है। कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमण की रफ्तार कम होने से पर्यटन व्यापारियों को उम्मीद की किरण नजर आने लगी थी। लेकिन अब उनकी उम्मीदों को झटका लगा है। राज्य सरकार से रियायत की अपील

हालांकि कोरोना के गिरते ग्राफ को ध्यान में रखते हुए बीते डेढ़ वर्ष से ठप पड़े पर्यटन व्यापार को बढ़ावा देने के लिए उत्तर बंगाल के पर्यटन व्यापारियों ने रियायत बरतने की गुहार राज्य सरकार से लगाई है। बल्कि राज्य सरकार से कोई राहत मिलने की उम्मीद कर पर्यटन व्यापारियों ने मानसून पैकेज की तैयारी भी शुरु की है। वहीं कोरोना से बचाव के सभी मानकों का पालन करते हुए पर्यटकों की आव-भगत के लिए होम स्टे प्रबंधन को प्रशिक्षण और आवश्यक सामग्री मुहैया कराने की प्रक्रिया भी शुरु कर दी गई है। पहाड़ और डुवार्स में काफी अंतर

एसोसिएशन फॉर कंजरवेशन ऑफ टूरिज्म के संयोजक राज बसु ने बताया कि बारिश के मौसम में प्रत्येक वर्ष तीन महीनों के लिए जंगल और राष्ट्रीय उद्यान में पर्यटकों के प्रवेश पर पाबंदी नियमित प्रक्रिया है। पर्यटन व्यापारी इसके अनुकुल ही अपनी तैयारी भी रखते हैं। लेकिन कोरोना के कहर की वजह से बीते डेढ़ वर्षो से ठप पड़े व्यापार की वजह से इस बार निर्देशिका जारी होने से पर्यटन व्यापारियों की मायूसी बढ़ी है। वाच टावर तक जाने की मिले अनुमति

अच्छी बात यह है कि कोरोना का ग्राफ गिर रहा है। इस स्थिति में पर्यटन व्यापार को बढ़ावा देने के लिए तराई-डुआर्स के जंगल व राष्ट्रीय उद्यान पर्यटन कमेटी समेत टूर ऑपरेटर समेत होटल, रेस्टोरेंट, होम स्टे आदि पर्यटन से जुड़े व्यापारियों ने कुछ वाच टावर तक पर्यटकों की आवाजाही की अनुमति देने की गुहार लगाई है। घने जंगल से दूर व प्राकृतिक छटा से भरपूर नजारा दिखाने वाली कुछ वाच टावरों को पिछले वर्ष की भांति पर्यटकों के लिए खुला रखने पर पर्यटन व्यापारियों को थोड़ी राहत अवश्य मिलेगी।

पहाड़ पर होम स्टे पूरी तरह बंद

बसु ने आगे बताया कि कोरोना की वजह से पहाड़ पर स्थित होम स्टे पूरी तरह से बंद हैं। दुर्गम पहाड़ी इलाकों में स्वास्थ्य सेवा ना के बराबर है। लेकिन तराई-डुवार्स स्थित होम स्टे कुछ खुले हैं। यहां ग्रामीण इलाकों से शहर की कनेक्टिविटी और स्वास्थ्य सेवा पहाड़ी इलाकों से बेहतर है। पूरी तरह से खेती व पशु पालन पर निर्भर आज भी कई गांव में कोरोना नहीं पहुंच पाया है। जिसकी वजह से कुछ पर्यटकों का आना-जाना है।

राहत की उम्मीद में तैयारी भी जारी

सरकार से राहत की उम्मीद रखते हुए पर्यटन व्यापारियों ने बारिश के इस मौसम में तराई-डुवार्स की झलक और सुहाना मौसम की लुफ्त देने के लिए पैकेज भी तैयार किया है। वहीं इस मौसम में आने वाले पर्यटकों को तराई-डुआर्स समेत पहाड़ के होम स्टे में ठहराने के लिए प्रबंधन को कोरोना से बचाव के सभी मानकों के पालन का प्रशिक्षण और आवश्यक सामग्री मास्क-सैनिटाइजर आदि मुहैया कराया जा रहा है। सरकार से साकारात्म कदम उठाने की उम्मीद है।


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