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सिलीगुड़ी नगर निगम क्षेत्र में विकास के लिए मेयर का पहली मार्च को कोलकाता के मेट्रो चैनल पर धरना

सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर सह विधायक अशोक भट्टाचार्य का धैर्य जवाब देने लगा है। कहते हैं कि अब राज्य सरकार की उपेक्षा बर्दाश्त से बाहर है।

By Rajesh PatelEdited By: Published: Sat, 16 Feb 2019 12:41 PM (IST)Updated: Sat, 16 Feb 2019 12:41 PM (IST)
सिलीगुड़ी नगर निगम क्षेत्र में विकास के लिए मेयर का पहली मार्च को कोलकाता के मेट्रो चैनल पर धरना
सिलीगुड़ी नगर निगम क्षेत्र में विकास के लिए मेयर का पहली मार्च को कोलकाता के मेट्रो चैनल पर धरना
सिलीगुड़ी [जागरण संवाददाता]। सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर सह विधायक अशोक भट्टाचार्य का धैर्य जवाब देने लगा है।  कहते हैं कि अब राज्य सरकार की उपेक्षा बर्दाश्त से बाहर है। अपने कार्यालय में संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि पहली मार्च को कोलकाता के मेट्रो चैनल पर धरना प्रदर्शन किया जाएगा। उनका कहना है कि राज्य सरकार सिलीगुड़ी नगर निगम को महत्व नहीं दे रही है। राज्य सरकार से आर्थिक सहयोग नहीं मिलने के कारण विकास योजनाएं प्रभावित हो रही हैं, जिसे वे ज्यादा दिनों तक बर्दाश्त नहीं कर सकते। 
   भट्टाचार्य ने कहा कि 22 वाम मोर्चा वार्ड पार्षदों को लेकर आगामी एक मार्च को कोलकाता के मेट्रो चैनल में धरना प्रदर्शन करेंगे। इस दौरान वह राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तथा राज्यपाल से मिलने की कोशिश करेंगे। इन दोनों को पत्र देकर मुलाकात के लिए समय देने की मांग की है।
   मेयर ने आगे कहा कि एसएमसी में वाम मोर्चा का बोर्ड है। इसी चलते राज्य की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस उपेक्षा कर रही है। उन्होंने बताया कि देश के सभी नगर निगमों को अपने इलाके में विकास कार्य के लिए राज्य तथा केन्द्र सरकार 60 प्रतिशत तक फंड देती है। इसके अलावा रोजना कार्यों के लिए 80 प्रतिशत तक सहायता मिलती है। लेकिन सिलीगुड़ी नगर निगम के पास इसका 30 प्रतिशत तक भी नहीं पहुंच पाता। संविधान की दुहाई देते हुए मेयर ने बताया कि प्रत्येक राज्य का अपना एक वित्त आयोग है। 2013 में तृतीय वित्त आयोग की समय सीमा समाप्त हो गई है। उसके बाद चौथे वित्त आयोग की सिफारिश भी अबतक लागू नहीं की गयी है।       
     मेयर ने कहा कि पूरे देश में सिर्फ सिलीगुड़ी ही इकलौता है, जिसे राज्य वित्त आयोग से पैसा नहीं मिलता है। मेयर ने मुख्यमंत्री पर तंज कसते हुए कहा कि एक ओर मुख्यमंत्री 15वें वित्त आयोग के लिए केन्द्र पर दबाव बढ़ा रही है। वहीं, दूसरी ओर विरोधी होने के चलते सिलीगुड़ी नगर निगम को राज्य की ओर से फंड नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने एनबीडीडी तथा एसजेडीए की आलोचना करते हुए कहा कि ये संस्थाएं एसएमसी की अनुमति के बगैर अपनी पार्टी के वार्ड पार्षदों के इलाके में विकास कर रही है। जिस वार्ड में सीपीएम के पार्षद हैं, वहां की उपेक्षा की जा रही है।  
  मेयर ने बताया कि चार वर्षों में राज्य सरकार ने सिलीगुड़ी नगर निगम की कोई खास सहायता नहीं की है। आगामी एक मार्च को वाम मोर्चा के 22 वार्ड पार्षदों तथा सिलीगुड़ी महकमा परिषद के सभाधिपति को लेकर कोलकाता के मेट्रो चैनेल में आयोजित धरना-प्रदर्शन में कोलकाता नगर निगम में विरोधी दल सहित समाज के अन्य गणमान्य व्यक्ति तथा बुद्धिजीवी वर्ग के लोग भी उनका साथ दे रहे हैं। अगर पुलिस उन्हें अनुमति नहीं देती है तो भी उनका आंदोलन रुकने वाला नहीं है। 

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