वित्तमंत्री ने कहा, उत्तर बंगाल में उद्योगों के लिए निवेश की स्थिति उत्साहजनक
पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री डॉ. अमित मित्रा ने कहा कि उत्तर बंगाल में उद्योगों की विकास दर उत्साहवर्धक है। वित्त विभाग के अधिकारियों और कारोबारियों की मेहनत रंग लाने लगी है।
By Rajesh PatelEdited By: Published: Sat, 22 Dec 2018 12:11 PM (IST)Updated: Sat, 22 Dec 2018 12:11 PM (IST)
सिलीगुड़ी [संवाद सूत्र]। पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री डॉ. अमित मित्रा ने कहा कि उत्तर बंगाल में उद्योगों की विकास दर उत्साहवर्धक है। वित्त विभाग के अधिकारियों और कारोबारियों की मेहनत रंग लाने लगी है। अब यहां की इंडस्ट्री की हर महीने रिपोर्ट वे खुद देखेंगे।
सिलीगुड़ी में आयोजित सीआइआइ के कांक्लेव में मंच पर बैठे अतिथि।
डॉ. मित्रा सीआइआइ द्वारा सिलीगुड़ी में आयोजित छठवें नार्थ बंगाल कांक्लेव में बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि राज्य में इंडस्ट्री के विकास को लेकर हमारी सरकार की ओर से पूरी मदद की जाएगी। कार्यक्रम में सीआइआइ के पूर्व चेयरमैन नरेश अग्रवाल ने उत्तर बंगाल में उद्योगों के विकास की एक रिपोर्ट मंत्री के समक्ष रखी।
उन्होंने कहा कि ममता सरकार की वजह से 2016 बाद अब तक 823.95 करोड़ रुपये का निवेश यहां हो पाया है। यहां अलग-अलग जिलों में फूड पार्क, सिलेंडर इंडस्ट्री, प्लास्टिक, फूड प्रोसेसिंग, फार्मा, टी-इंडस्ट्री, टेक्सटाइल्स सहित कोल्ड स्टोरेज आदि में निवेश किया गया है। आनेवाले समय में 971.98 करोड़ रुपये का निवेश उत्तर बंगाल में होने के प्रस्ताव पर काम चल रहा है।
स्वागत भाषण सीआइआइ नार्थ बंगाल जोनल काउंसिल के चेयरमैन कमल किशोर तिवारी ने किया। कांक्लेव में नेपाल, भूटान एवं बांग्लादेश के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया। भूटान के बीसीसीआइ सदस्य कर्म सिंरिंग ने कहा कि भूटान, बांग्लादेश के बीच व्यापार के लिए बॉर्डर का उपयोग करते हैं। कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
कार्यक्रम में सीआइआइ नार्थ बंगाल एमएसएमई पैनल चेयर, राज्य सरकार एमएसएमई विभाग के संयुक्त निदेशक दीपांकर चक्रवर्ती एवं डब्लयूबीआइडीसी की प्रबंध निदेशक आइएएस वंदना यादव ने भी कारोबारियों की समस्याओं को सुना और मदद का भरोसा दिलाया।
सिलीगुड़ी में आयोजित सीआइआइ के कांक्लेव में मंच पर बैठे अतिथि।
डॉ. मित्रा सीआइआइ द्वारा सिलीगुड़ी में आयोजित छठवें नार्थ बंगाल कांक्लेव में बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि राज्य में इंडस्ट्री के विकास को लेकर हमारी सरकार की ओर से पूरी मदद की जाएगी। कार्यक्रम में सीआइआइ के पूर्व चेयरमैन नरेश अग्रवाल ने उत्तर बंगाल में उद्योगों के विकास की एक रिपोर्ट मंत्री के समक्ष रखी।
उन्होंने कहा कि ममता सरकार की वजह से 2016 बाद अब तक 823.95 करोड़ रुपये का निवेश यहां हो पाया है। यहां अलग-अलग जिलों में फूड पार्क, सिलेंडर इंडस्ट्री, प्लास्टिक, फूड प्रोसेसिंग, फार्मा, टी-इंडस्ट्री, टेक्सटाइल्स सहित कोल्ड स्टोरेज आदि में निवेश किया गया है। आनेवाले समय में 971.98 करोड़ रुपये का निवेश उत्तर बंगाल में होने के प्रस्ताव पर काम चल रहा है।
स्वागत भाषण सीआइआइ नार्थ बंगाल जोनल काउंसिल के चेयरमैन कमल किशोर तिवारी ने किया। कांक्लेव में नेपाल, भूटान एवं बांग्लादेश के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया। भूटान के बीसीसीआइ सदस्य कर्म सिंरिंग ने कहा कि भूटान, बांग्लादेश के बीच व्यापार के लिए बॉर्डर का उपयोग करते हैं। कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
कार्यक्रम में सीआइआइ नार्थ बंगाल एमएसएमई पैनल चेयर, राज्य सरकार एमएसएमई विभाग के संयुक्त निदेशक दीपांकर चक्रवर्ती एवं डब्लयूबीआइडीसी की प्रबंध निदेशक आइएएस वंदना यादव ने भी कारोबारियों की समस्याओं को सुना और मदद का भरोसा दिलाया।
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