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अगर हाईटेक पद्धति से उत्पादन होता है तो इससे फसल की बर्बादी नहीं होती

उत्तर बंगाल में विभिन्न तरह की सब्जियों के अलावा स्ट्रॉबेरी, अनन्नास, किवी, केला, अमरूद समेत विभिन्न तरह के फलों व फूलों के उत्पादन के पर्याप्त संभावनाएं हैं।

By Preeti jhaEdited By: Published: Mon, 12 Feb 2018 04:09 PM (IST)Updated: Mon, 12 Feb 2018 04:14 PM (IST)
अगर हाईटेक पद्धति से उत्पादन होता है तो इससे फसल की बर्बादी नहीं होती
अगर हाईटेक पद्धति से उत्पादन होता है तो इससे फसल की बर्बादी नहीं होती

सिलीगुड़ी,जागरण संवाददाता। सिलीगुड़ी हॉटिकल्चर सोसायटी के तत्वावधान में शहर के कंचनजंघा स्टेडियम में आयोजित फ्लावर शो में छोटे-छोटे उद्यमियों व स्वनिर्भर समूह से जुड़ी महिलाओं को जैविक विधि से फल, फूल व सब्जी उगाने की जानकारी दी गई। सोसायटी की ओर से शो में दो दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया था।

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इसमें उत्तर बंगाल विश्वविद्यालय, सेंटर ऑफ फ्लोरिकल्चर एंड एग्री-बिजनेस मैनेजमेंट (कोफाम) के विशेषज्ञों द्वारा सिलीगुड़ी महकमा के फांसीदेवा, माटीगाड़ा व नक्सलबाड़ी प्रखंड के दर्जनों उद्यमियों को जैविक तरीके से रेड लेडी पपैया, थाई गुवावा, स्ट्राबेरी, ड्रैगन फ्रूट्स, लिली टेक फूल व सब्जी के उत्पादन करने के संबंध जानकारी दी गई। सेमिनार में उपस्थित उत्तर बंगाल विश्वविद्यालय, सेंटर ऑफ फ्लोरिकल्चर एंड एग्री-बिजनेस मैनेजमेंट तकनीकी अधिकारी अमरेंद्र पांडेय ने उद्यमियों को बताया कि बिना किसी ठोस योजना व तकनीकी का उपयोग किए बगैर किसी भी तरह के फल, फूल व सब्जी का उत्पादन करना आसान नहीं है। अगर हाईटेक पद्धति से उत्पादन होता है तो इससे फसल की बर्बादी नहीं होती है। उद्यमियों को नुकसान नहीं उठाना पड़ता है। कीमत भी अच्छी मिलती है।

उत्तर बंगाल में विभिन्न तरह की सब्जियों के अलावा स्ट्रॉबेरी, अनन्नास, किवी, केला, अमरूद समेत विभिन्न तरह के फलों व फूलों के उत्पादन के पर्याप्त संभावनाएं हैं।

चित्रंकन प्रतियोगिता में शामिल हुए 475 प्रतियोगी : रविवार को चित्रंकन प्रतियोगिता आयोजित की गई। इसमें 475 प्रतियोगी शामिल हुए। सभी ने बहुत ही मनोयोग के साथ कैनवास पर चित्रों को उकेरा। छोटी उम्र के प्रतियोगियों को उनके मन के अनुरूप चित्र उकेरने को दिए गए। बड़ी उम्र के प्रतियोगियों को चित्र बनाने के लिए विषय दिया गया था। एकल डांस प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया। इसमें 235 प्रतियोगी शामिल हुए। इसके साथ ही एक अन्य डांस प्रतियोगिता में 65 टीम शामिल हुई। संध्या बेला में बच्चों के लिए फैशन शो प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।

इसमें बच्चों ने बहुत ही खुबसूरती के साथ रैंप पर अपना जलवा बिखेरा। इस फूल मेले में उत्तर बंगाल के सभी जिलों के अलावा पहाड़ एवं सिक्किम के फूल, सब्जियां, आर्किड व कैक्टस की प्रदर्शनी लगाई गई है। चंद्रमल्लिका भी प्रदर्शित की गई है। सब्जियां इत्यादि भी प्रदर्शित की गई है। तीन हजार गमलों में 76 प्रजाति के फूल प्रदर्शित किए गए हैं। 12 फरवरी को मेला का समापन होगा। 


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