दूसरे राज्य से आए मतदाता को तत्काल मिलेगा एपिक कार्ड
अब दूसरे राज्य से स्थानांतरित होकर जिले में आनेवाले मतदाताओं को सचित्र मतदाता कार्ड यानि एपिक कार्ड के लिए महीनों इंतजार नहीं करना पड़ेगा।
आसनसोल, जेएनएन। अब दूसरे राज्य से स्थानांतरित होकर जिले में आनेवाले मतदाताओं को सचित्र मतदाता कार्ड यानि एपिक कार्ड के लिए महीनों इंतजार नहीं करना पड़ेगा। चुनाव आयोग का नया ईआरओ नेट जिले में पूरी तरह से चालू हो जाने से अब मतदाताओं को भटकने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी।
सब कुछ ठीक रहा तो चंद मिनटों में ही उनका नाम नई जगह पर मतदाता सूची में दर्ज हो जाएगा और एकाध सप्ताह में ही एपिक कार्ड भी मिल जाएगा। पश्चिम वर्द्धमान जिले में पहली सितंबर से ईआरओ नेट पूरी तरह से लागू हो जाएगा।
मालूम हो कि मतदाता सूची को पारदर्शी बनाने और देश के सभी निर्वाचक पंजीकरण अधिकारी यानि ईआरओ को आपस में जोड़ने के लिए भारत निर्वाचन आयोग ने ईआरओ नेट एप बनाया है। बताया जाता है कि ईआरओ नेट वेब आधारित एप है, जिसे आयोग ने मतदाताओं एवं मतदाता-सूची की पारदर्शिता के लिए तैयार किया है। एप द्वारा देश के सभी ईआरओ आपस में जुड़ जाएंगे और किसी व्यक्ति को मतदाता सूची में नाम जोड़ने के लिए परेशानी नहीं होगी।
उदाहरण के लिए अगर कोई पंजाब से आसनसोल आकर यहां मतदाता सूची में नाम दर्ज कराना चाहता है, तो आवेदन करते ही यहां संबंधित ईआरओ उसके पंजाब के निवास स्थान के ईआरओ से संपर्क करेंगे और वहां से मतदाता सूची में नाम काटने का अनुरोध कर यहां मतदाता सूची में नाम दर्ज कर देंगे। फिलहाल जिले में ईआरएमएस यानि इलेक्ट्रॉल रोल मैनेजमेंट सिस्टम से कार्य होता है।
इस सिस्टम में सिर्फ राज्य के 294 विधानसभा के ही मतदाताओं की सूची उपलब्ध होती है। दूसरे राज्यों की मतदाता सूची उपलब्ध नहीं होने से वहां से संबंधित कागजात आने और यहां ईआरएमसी की प्रक्रिया पूरी होने पर ही किसी का नाम मतदाता सूची में दर्ज हो पाता है, इस प्रक्रिया में कई माह लग जाते हैं।
सूत्रों के अनुसार, सितंबर माह में संक्षिप्त मतदाता पुनरीक्षण का कार्य शुरू होगा। उक्त कार्य चुनाव आयोग सीधे ईआरओ नेट के माध्यम से ही करेगी। हालांकि इस वर्ष संक्षिप्त मतदाता पुनरीक्षण में जोड़नेवाले नए नामों का प्रकाशन आगामी 10 जनवरी को मतदाता सूची में होगा।