राष्ट्रीय एजेंडा की सर्वोच्च प्राथमिकता में रोजगार
राष्ट्रीय एजेंडा तय करने में अब तक देश के 20 राज्यों के 311 प्रतिष्ठित व्यक्तियों और 4000 से अधिक कॉलेजों से 88 हजार से अधिक युवा छात्रों की भागीदार हो चुकी है।
कोलकाता,राज्य ब्यूरो। महात्मा गाधी की 150 वीं जयंती के मौक पर उन्हें श्रद्धांंजलि अर्पित करने के लिए इंडियन पॉलिटिकल एक्शन कमिटी (आईपीएसी) द्वारा शुरू किए गए नेशनल एजेंडा फोरम को पश्चिम के युवाओं का व्यापक समर्थन मिला है।
राज्य के विभिन्न कॉलेजों के 1500 से अधिक छात्रों ने अपना समर्थन दिया है। अधिकांश छात्रों ने राष्ट्रीय एजेंडा में रोजगार को ही सर्वोच्च प्राथमिकता देने की जरूरत बताई है। नेशनल एजेंडा फोरम ने पिछले दिनों राज्यों के विभिन्न कॉलेजों में कई कार्यक्रम आयोजित किए। कॉलेज छात्रों के अलावा प्रोफेसरों ने भी फोम के कार्यक्रम में हिस्सा लिया है।
जादवपुर यूनिवर्सिटी, मुरलीधर कॉलेज, प्रेसिडेंसी यूनिवर्सिटी और एनआईटी दुर्गापुर समेत अन्य कई प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों के सैकड़ों छात्रों ने राष्ट्रीय एजेंडा तय करने संबंधी कार्यक्रम में भाग लिया। नेशनल एजेंडा फोरम की ओर से आयोजित संवाद में भाग लेने वाले अधिकांश छात्रों ने राष्ट्रीय एजेंडा में रोजगार का मुद्दा शामिल करने की जरूरत बताई। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय एजेंडा में रोजगार ही सर्वोपरि होनी चाहिए। नेशनल एजेंडा फोरम के ए रायबर्मन ने कहा कि राष्ट्रीय एजेंडा तय करने में अब तक देश के 20 राज्यों के 311 प्रतिष्ठित व्यक्तियों और 4000 से अधिक कॉलेजों से 88 हजार से अधिक युवा छात्रों की भागीदार हो चुकी है।
अन्य प्रतिष्ठित संगठनों और विशिष्ट व्यक्तियों को जोड़ने के लिए राष्ट्रव्यापी अभियान चलाया जा रहा है। महात्मा गाधी के पोते अरूण मणिलाल गाधी, परपोते तुषार गाधी और परपोती नीलम पारेख ने भी राष्ट्रीय एजेंडा का समर्थन किया है। राष्ट्रीय एजेंडा को मूर्त रूप देने के लिए नेशनल एजेंडा फोरम सामाजिक कार्यकर्ता एवं नोबेल शाति पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी, वैज्ञानिक व पद्मविभूषण सम्मान से सम्मानित एम एस स्वामीनाथन आदि विशिष्ट व्यक्तियों के संपर्क में है।