भोजन की तलाश में हाथी ने तोड़ दिए तीन श्रमिकों के घर
पश्चिम बंगाल के जंगलों में हाथियों को भोजन के लाले पड़े हुए हैं। इसलिए वे बस्ती में आकर घरों को तोड़कर उनमें रखे अनाज को खा रहे हैं और बर्बाद भी कर रहे हैं।
By Rajesh PatelEdited By: Published: Thu, 10 Jan 2019 11:23 AM (IST)Updated: Thu, 10 Jan 2019 11:23 AM (IST)
नागराकाटा [संवादसूत्र]। भोजन की तलाश में हाथी ने तीन श्रमिकों को घरों को तोड़कर उनको बेघर कर दिया। घर में रखे अनाज को भी पूरी तरह से बर्बाद कर दिया गया। घटना मेटली ब्लॉक के किलकोट चाय बागान इलाके में हुई है।
हाथी के उत्पात के बाद से ही यहां के लोगों में दहशत का माहौल बना हुआ है। घटना की सूचना पाकर चालसा मटियाली बाताबाड़ी एक नंबर ग्राम पंचायत के प्रधान दीपक भूजेल, बागान के श्रमिक नेता प्रकाश नायक समेत अन्य ने मौके का निरीक्षण किया। इन लोगों ने क्षतिग्रस्त घरों के मालिकों के साथ बात कर हर संभव मदद का आश्वासन दिया।
बताया गया कि हाथी मंगलवार की रात करीब 12 बजे चापरामारी जंगल से निकलकर किलकोट बागान इलाके में घुस गया। इसके बाद बागान के प्रजा लाइन के श्रमिक सुमित्रा महाली, आगनू खेरिया व अजित उरांव के घर को तोड़ दिया गया। स्थानीय लोगों का आरोप है कि घटना की सूचना देने के बाद भी वनकर्मी मौके पर नहीं आए। परिवारवालों ने मुआवजे की मांग करते हुए वनकर्मियों द्वारा गश्त लगाए जाने की गुहार लगाई है।
हाथी के उत्पात के बाद से ही यहां के लोगों में दहशत का माहौल बना हुआ है। घटना की सूचना पाकर चालसा मटियाली बाताबाड़ी एक नंबर ग्राम पंचायत के प्रधान दीपक भूजेल, बागान के श्रमिक नेता प्रकाश नायक समेत अन्य ने मौके का निरीक्षण किया। इन लोगों ने क्षतिग्रस्त घरों के मालिकों के साथ बात कर हर संभव मदद का आश्वासन दिया।
बताया गया कि हाथी मंगलवार की रात करीब 12 बजे चापरामारी जंगल से निकलकर किलकोट बागान इलाके में घुस गया। इसके बाद बागान के प्रजा लाइन के श्रमिक सुमित्रा महाली, आगनू खेरिया व अजित उरांव के घर को तोड़ दिया गया। स्थानीय लोगों का आरोप है कि घटना की सूचना देने के बाद भी वनकर्मी मौके पर नहीं आए। परिवारवालों ने मुआवजे की मांग करते हुए वनकर्मियों द्वारा गश्त लगाए जाने की गुहार लगाई है।
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