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मालदा में बाकायदा आंगन में चिता सजाकर महिला को जिंदा जलाया जा रहा था, जानिए क्यों

बेटी पढ़ाओ-बेटी बढ़ाओ के नारे को सार्थक बनाने के लिए कितने उपाय किए गए, लेकिन एक बेटा के लिए तीन बेटियों की मां को जलाकर मार डालने की कोशिश की यह घटना क्या कहती है, आप भी सोचें।

By Rajesh PatelEdited By: Published: Fri, 08 Feb 2019 11:16 AM (IST)Updated: Fri, 08 Feb 2019 11:16 AM (IST)
मालदा में बाकायदा आंगन में चिता सजाकर महिला को जिंदा जलाया जा रहा था, जानिए क्यों
मालदा में बाकायदा आंगन में चिता सजाकर महिला को जिंदा जलाया जा रहा था, जानिए क्यों

सिलीगुडी [जागरण संवाददाता]। पुत्र को जन्म न देने पर बाकायदा चिता सजाकर एक महिला को जिंदा जलाने का प्रयास किया गया। हालांकि पड़ोसियों की मदद से उसे फिलहाल बचा लिया गया है। यह घटना मालदा जिले के हबीबपुर थाना क्षेत्र के आदिवासी बहुल धूपपुर पंचायत के तिलासन गांव की है। महिला को मालदा मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस आरोपितों की तलाश में जुटी है। 
    बताया गया कि भुक्तभोगी मणिका भुइमाली (35) के शरीर का 70 फीसद हिस्सा जल चुका है। यह घटना गत बुधवार की रात की है। मेडिकल कॉलेज के उपाधीक्षक डॉ. ज्योतिषचंद्र दास ने बताया कि महिला की जिंदगी संकट में है। बर्न यूनिट में भर्ती कर उसका इलाज चल रहा है।72 घंटा से पहले उसके बारे में निश्चित तौर पर कुछ कह पाना मुश्किल है।
    पीड़िता के एक चाचा श्रीराम साहा ने बताया कि उनकी भतीजी को तीन बेटियां हुई हैं। बेटा नहीं जनने के चलते ससुरालवाले उस पर तरह-तरह से अत्याचार करते थे। उसने इसकी जानकारी मोबाइल फोन पर उन्हें दी थी। 
    इस बीच हबीबपुर थाना पुलिस ने पूरे घटनाक्रम की जांच शुरू कर दी है। थाना पुलिस ने बताया कि गृहिणी के पति टगर भुइमाली, ससुर बादल भुइमाली, सास सुलेखा भुइमाली और एक ननद विशाखा भुइमाली के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई है। पुलिस आरोपियों की तलाश कर रही है।
    पुलिस के अनुसार पीड़िता मणिका भुइमाली का मायका कालियाचक थाना अंतर्गत बहादुरपुर गांव में है। 12 साल पहले उसका विवाह तिलासन गांव के निवासी टैक्सी चालक टगर भुंइमाली के साथ हुआ था। महिला को एक-एक कर तीन बेटियां हुईं, जिनके नाम हैं ब्यूटी (07), शिउली (06) और शिल्पी (02)।
    पुलिस की प्राथमिक जांच के अनुसार पुत्र संतान नहीं जनने के लिए महिला पर पति समेत ससुरालवाले अक्सर अत्याचार करते थे। बुधवार की रात महिला के चिल्लाने की आवाज सुनकर पड़ोसी जब उसके घर पहुंचे तो वहां देखा कि आंगन में लकड़ी और बांस जमाकर रखा गया है और उसमें धू-धूकर आग जल रही है। मणिका के हाथ-पैर बांधकर उसे चिता पर लिटाया गया है। पड़ोसियों ने आनन-फानन में आग को बुझाने के बाद महिला को वहां से निकाला और उसे अस्पताल ले जाया गया। 

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