15 दिन के लिए क्वारंटाइन होंगे भगवान जगन्नाथ
जागरण संवाददाता सिलीगुड़ी कोविड-19 महामारी काल में दूसरे वर्ष भी भगवान जगन्नाथ रथयात्रा पर संकट क
जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी: कोविड-19 महामारी काल में दूसरे वर्ष भी भगवान जगन्नाथ रथयात्रा पर संकट के बादल छाए हुए हैं। पूर्वोत्तर के सबसे बड़े इस्कॉन मंदिर सिलीगुड़ी के प्रमुख जनसंपर्क अधिकारी नाम कृष्ण दास ने बताया कि जब तक सरकार की ओर से कोई गाइडलाइन नहीं मिलता तब तक रथ यात्रा कि किसी प्रकार की घोषणा नहीं की जा सकती। भगवान जगन्नाथ रथयात्रा महोत्सव से पूर्व सहस्त्रधरा स्नान महोत्सव की तैयारिया आरंभ हो गई हैं। 24 जून को ठाकुरजी का महाभिषेक किया जाएगा। जिसमें ठाकुर अस्वस्थ हो जाने पर एकात विश्राम (क्वारंटाइन) में चले जाएंगे। इसके बाद भगवान जगन्नाथ 12 जुलाई रथ में विराजमान होकर भक्तों को दर्शन देंगे। प्राचीन मान्यता अनुसार ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की पूíणमा को भगवान जगन्नाथ का जल, फलों के रस व औषधि आदि से महाभिषेक किया जाता है, जिसमें अधिक स्नान के कारण ठाकुरजी बीमार पड़ जाने पर एकात विश्राम (क्वारंटाइन) में चले जाते हैं। जहा करीब 15 दिन उपचार के पश्चात आषाढ़ शुक्ल पक्ष की द्वितीया को रथयात्रा के रूप में नगर भ्रमण कर भक्तों को दर्शन देते हैं। परिक्रमा मार्ग में जगन्नाथ घाट स्थित जगन्नाथ मंदिर में प्राचीन परंपरा का निर्वहन करते हुए रथयात्रा महोत्सव अंतर्गत सहस्त्रधारा स्नान महोत्सव की तैयारिया शुरू कर दी गई हैं। इसके अंतर्गत 24 जून को मंदिर परिसर में पूर्ण विधिविधान से वैदिक मंत्रोच्चारण के मध्य ठाकुरजी का महाभिषेक किया जाएगा। इसमें आने वाले को कोविड-19 नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा। ऐसा नहीं करने वालों को मंदिर में प्रवेश से रोक दिया जाएगा। बताया गया कि जगन्नाथ रथयात्रा का एक वर्ष तक लोगों को इंतजार रहता है।