Move to Jagran APP

डीएसपी को लीज का रुपया वसूलने में छूट रहा पसीना

सेल की इकाई दुर्गापुर इस्पात संयंत्र (डीएसपी) द्वारा वर्षो पहले विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं, श्रमिक संगठनों, स्कूलों, व्यवसायियों को जमीन या क्वार्टर लीज या लाइसेंस के तहत दिया गया।

By Preeti jhaEdited By: Published: Fri, 20 Jul 2018 10:54 AM (IST)Updated: Fri, 20 Jul 2018 10:59 AM (IST)
डीएसपी को लीज का रुपया वसूलने में छूट रहा पसीना
डीएसपी को लीज का रुपया वसूलने में छूट रहा पसीना

दुर्गापुर, जेएनएन। सेल की इकाई दुर्गापुर इस्पात संयंत्र (डीएसपी) द्वारा वर्षो पहले विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं, श्रमिक संगठनों, स्कूलों, व्यवसायियों को जमीन या क्वार्टर लीज या लाइसेंस के तहत दिया गया। जहां संस्थाएं अपने कार्यो को अंजाम दे रही हैं।

loksabha election banner

स्कूल, व्यवसायी समेत अन्य लोग डीएसपी की जमीन या उसके क्वार्टर या स्टॉल से लाभ भी कमा रहे हैं। लेकिन डीएसपी को बकाया भुगतान करने के लिए आगे नहीं आ रहे हैं। इस तरह 13 करोड़ से अधिक रुपया बकाया हो गया है। जिसे वसूलने में डीएसपी प्रबंधन को पसीना छूट रहा है। डीएसपी प्रबंधन की ओर से बकाया वसूलने के नाम पर केवल रिमाइंडर लेटर जारी कर खानापूर्ति की जा रही है।

जिसका कोई प्रभाव लीज या लाइसेंस के तहत जमीन, क्वार्टर या स्टॉल लेनेवालों पर नहीं पड़ रहा है। वे लोग भी बेखौफ होकर डीएसपी की जमीन या स्टॉल से व्यवसाय कर रहे हैं। यहां तक की डीएसपी प्रबंधन की ओर से कोई कड़ा कदम भी नहीं उठाया जा रहा है। दुर्गापुर निवासी आरटीआइ कार्यकर्ता संदीप कुमार चक्रवर्ती द्वारा सूचना के अधिकार के तहत डीएसपी से मांगे गए जवाब में उक्त बातें सामने आयी है।

जिसमें डीएसपी ने कहा कि बकाया भुगतान को रिमाइंडर लेटर जारी किया गया है। ट्रेड यूनियनों का 23.43 लाख रुपया बकाया

दुर्गापुर इस्पात संयंत्र से एक दर्जन से अधिक ट्रेड यूनियनों ने एक दर्जन से अधिक क्वार्टर कार्यालय के लिए लीज या लाइसेंस के तहत लिया है। जिसका बकाया 23.43 लाख रुपया से भी अधिक हो गया है। वर्षो से बकाया भुगतान नहीं किया गया। जिसमें दुर्गापुर स्टील श्रमिक यूनियन का सबसे अधिक 9.17 लाख रुपया बकाया है। ¨हदुस्तान स्टील व‌र्क्स यूनियन के नाम पर 5.76 लाख रुपया बकाया है, जो दूसरे स्थान पर है। तीसरे स्थान पर ¨हदुस्तान स्टील इंप्लाइज यूनियन है, जिसका बकाया 2.44 लाख रुपया है। महासचिव डीएसपी मजदूर यूनियन के नाम पर 1.52 लाख, महासचिव एसडब्ल्यूएफआइ के नाम पर 1.64 लाख, ठेकेदार मजदूर कांग्रेस के नाम पर 1.09 लाख रुपया बकाया है। अन्य यूनियनों के नाम पर एक लाख से कम का बकाया है। --- एनजीओ पर 85 लाख से अधिक का बकाया : दुर्गापुर इस्पात संयंत्र से विभिन्न एनजीओ, सोशल वेलफेयर ऑर्गनाइजेशन, चेरिटेबल ट्रस्ट समेत कई संस्थाओं को क्वार्टर या जमीन लीज या लाइसेंस के तहत दी गई है। ऐसी संस्थाओं के खिलाफ 85 लाख से अधिक का बकाया पड़ा है। जिन्हें डीएसपी की ओर से बकाया भुगतान के लिए केवल रिमाइंडर लेटर जारी किया जा रहा है। --- स्कूलों पर भी 16.37 लाख का बकाया : दुर्गापुर इस्पात संयंत्र ने अपने क्षेत्र में तकरीबन एक दर्जन स्कूलों को जमीन या क्वार्टर दिया है। जहां स्कूल चल रहे हैं, वहां से स्कूल प्रबंधन अच्छी आय भी कर रहा है, लेकिन डीएसपी के बकाया भुगतान की ओर उनका भी रवैया ठीक नहीं है। जिसका नतीजा है कि स्कूलों पर भी डीएसपी का 16.37 लाख से अधिक रुपया का बकाया हो गया है। जिसमें दुर्गापुर के कई बड़े-बड़े स्कूल भी शामिल हैं, जहां हजारों बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। अधिकांश अंग्रेजी माध्यम के टॉप स्कूलों का रुपया बकाया है। --- पार्क व होटल पर 2.49 करोड़ का बकाया : दुर्गापुर इस्पात संयंत्र की ओर से मोहन कुमार मंगलम पार्क एवं दुर्गापुर हाउस एनेक्श होटल को लीज या लाइसेंस के तहत दो निजी संस्थाओं को दिया गया है। जहां से पार्क व होटल संचालन करनेवाले अच्छी आय कर रहे हैं। लेकिन उसके बिल का भुगतान करने का नाम नहीं ले रहे हैं। मोहन कुमार मंगलम पार्क की देखरेख करनेवाली संस्था पर ही 1.63 करोड़ से अधिक का बकाया है, लेकिन उसके साथ प्रबंधन का विवाद चल रहा है एवं मामला कोर्ट में लंबित है। जबकि दुर्गापुर एनेक्श होटल पर 76.54 लाख रुपया बकाया हो गया है। स्टॉल पर 10 करोड़ से अधिक का बकाया : डीएसपी की ओर से 1833 स्टॉल भी व्यवसायियों को दिया गया है। लेकिन व्यवसायियों ने उस स्टॉल से लाभ तो कमा रहे हैं, लेकिन डीएसपी को किराया भुगतान नहीं कर रहे हैं। जिसका नतीजा है कि 10 करोड़ से अधिक का बकाया डीएसपी प्रबंधन का हो गया है। उस रुपया के भुगतान के लिए भी प्रबंधन द्वारा कोई विशेष ध्यान नहीं दिया जा रहा है। --- कोट : डीएसपी बकाया वसूलने में कड़ा कदम नहीं उठा रहा है। केवल सेवानिवृत्त कर्मी को क्वार्टरों में रह रहे हैं, उनका रुपया काट रहा है। डीएसपी को बकाया वसूलने के लिए कड़ा कदम उठाना चाहिए। संदीप कुमार चक्रवर्ती, आरटीआइ कार्यकर्ता, दुर्गापुर 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.