दवा दुकान के लिए जारी ड्रग लाइसेंस की आड़ में चल रहा है पूरा खेल
-डीडी ने दोनों आरोपियों को रिमांड पर लिया -मुन्ना के साथ कनेक्शन की भी शुरू हुई जांच
-डीडी ने दोनों आरोपियों को रिमांड पर लिया
-मुन्ना के साथ कनेक्शन की भी शुरू हुई जांच
-पुलिस रिकार्ड में पुराना दागी है उत्तम साहा
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महीना जेल में रह चुका है उत्तम साहा
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लाख के कफ सिरप मामले में हुई है गिरफ्तारी
जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी :सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस की मुहिम से ड्रग्स कारोबारियों की नींद हराम हो गई है। ड्रग लाइसेंस का दुरुपयोग कर अवैध कफ सिरप और नशीली दवा की खेप सिलीगुड़ी लाने वाले डीलर उत्तम कुमार साहा और सेवक रोड स्थित एक ड्रग गोदाम के मैनेजर राजीव रंजन कुमार को सोमवार को डिटेक्टिव डिपार्टमेंट (डीडी) की टीम ने जलपाईगुड़ी अदालत में पेश किया। अदालत ने दोनों आरोपियों को पांच दिन की रिमांड पर डीडी को सौंपा है। डिटेक्टिव डिपार्टमेंट ड्रग्स माफिया की जड़ कुरेदने में जुटी है। प्रारंभिक जांच में जो पता चला है कि दवा दुकान के लिए मिले ड्रग लाइसेंस की आड़ में नशे के कारोबार का पूरा खेल चल रहा है।
सिलीगुड़ी सहित पूरे उत्तर बंगाल व सिक्किम में ड्रग्स माफिया का जाल सा फैला हुआ है। बीते एक सितंबर को प्रधान नगर थाना पुलिस ने सिलीगुड़ी सहित उत्तर बंगाल व सिक्किम के सबसे बड़े ड्रग्स कारोबारी मोहम्मद जहांगीर उर्फ मुन्ना को गिरफ्तार कर उसके गोदाम से 11 लाख का अवैध कफ सिरप और नशीली दवाईयां बरामद की। उसके बाद सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस की डिटेक्टिव डिपार्टमेंट की टीम ने भी बीते रविवार की दोपहर उत्तर बंगाल के नामचीन ड्रग डीलर उत्तम साहा और सेवक रोड के एक ड्रग गोदाम के मैनेजर राजीव रंजन कुमार को गिरफ्तार कर गोदाम से सात लाख का अवैध कफ सिरप बरामद किया। पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ड्रग लाइसेंस का दुरुपयोग कर अवैध कफ सिरप और नशीली दवा का धंधा करने वाले उत्तम कुमार साहा जैसे व्यापारियों ने ही मुन्ना के सिर पर ड्रग्स का सबसे बड़ा कारोबारी का ताज पहनाया। वही मुन्ना अब चौथी बार जेल का मेहमान बनने जा रहा है। ड्रग डीलर उत्तम कुमार साहा भी पुलिस रिकॉर्ड में पुराना दागी है। उसका सीधे मुन्ना से कनेक्शन था। दो वर्ष पहले अवैध कफ सिरप का धंधा करने के आरोप में डिटेक्टिव डिपार्टमेंट की टीम ने इसे गिरफ्तार किया था। वह करीब आठ महीना जेल में हर। निकलने के बाद फिर से नशा कारोबार में जुट गया। सूत्रों की माने जेल में रहने के बाद भी उत्तम साहा का कारोबार जारी ही रहा। उसका बेटा कौशल कुमार साहा भी नशा कारोबार का ही हिस्सा है। बाप-बेटा मिलकर उत्तर बंगाल सहित सिक्किम की मांग का आधे से ज्यादा ड्रग्स की आपूर्ति कराते हैं। बल्कि यही उत्तम साहा मुन्ना को भी अवैध कफ सिरप और नशीली दवा की आपूर्ति करता है। इसी उत्तम साहा के मार्फत मुन्ना उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में दवा कंपनियों में करोड़ो रुपये का निवेश किया है।