West Bengal Coronavirus : इम्यूनिटी को बढ़ाना है, कोरोना को भगाना है: डॉ श्रवण त्रिपाठी
डॉ श्रवण त्रिपाठी -कहा आर्युवेद में एक से एक जड़ी बूटियां गिलोय है रामवाण - सरकारी आदेशों का हर हाल में होना चाहिए पालन
सिलीगुड़ी, अशोक झा। वर्तमान समय में पूरा विश्व कोरोनावायरस संक्रमण की चपेट में है। इससे उत्तर बंगाल का यह क्षेत्र भी अछूता नही है। ऐसे में इस प्रकोप से बचने के लिए एक बार फिर शरीर की मजबूत रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्यूनिटी पॉवर बढ़ाने पर बात हो रही है। महिला-पुरुष की इम्यूनिटी पावर मजबूत होगी, उसपर कोरोना वायरस काम नहीं करेगा।
कोरोना वायरस के खतरे के साथ ही आजकल मौसम के बदलाव के कारण कई सीजनल बीमारियों देखने को मिल रही हैं। इनमें जुकाम बुखार आम है। किसी को आम बीमारी जैसे सर्दी या बुखार के लक्षण हैं तो उसे घबराने की जरूरत नहीं हैं। क्योंकि आयुर्वेद में कई औषधि है इसके एक ऐसी औषधि के प्रयोग का जिक्र है जो बुखार जैसी वायरल और बैक्टीरियल बीमारियों के लिए रामबाण का काम करती है। इसके साथ ही यह औषधि कहीं भी आसानी से मिल भी जाती है। इसको लेकर शहर के आर्युवेद के वरिष्ठ चिकित्सक श्रवण कुमार त्रिपाठी ने दैनिक जागरण से बात की जो इस प्रकार है।
क्या है गिलोय और इसके फायदे?
डॉ त्रिपाठी: यह अमृत के समान है। इसे अमृतबल्ली, गुरुचि, गुरुजि, गिलोय आदि नामों पुकारी जाने वाली आयुर्वेदिक औषधि वैक्टीरिया और वायरस से जनित कई बीमारियों को जड़ से खत्म की क्षमता रखती है।उन्होंने बताया कि किस प्रकार से गिलोय का काढ़ा शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाकर बीमारियों से लड़ने की ताकत प्रदान करता है। गिलोय का इस्तेमाल सैकड़ों सालों से बुखार को ठीक करने के लिए किया जाता है। गिलोय का काढ़ा कई दिन तक लगातार सेवन करने से पुराने से पुराने ज्वर में राहत मिलती है।
कैसे बनाएं गिलोय का काढ़ा ?
डॉ त्रिपाठी: सामग्री: गिलोय के करीब एक फुट लंबे तने को छोटे-छोटे टुकड़ों में कटा हुआ। इसके साथ नीम के पत्तियों के 5-7 डंठल, 8-10 तुलसी की पत्तियां और करीब 20 ग्राम काला गुड़। गिलोय के टुकड़ों कुचलकर एक बर्तन में डालें। इसके साथ ही अन्य सामग्री को बर्तन में डाले और उसमें 4 कप पानी डालें। इसके बाद इसी मध्यम आंच में पकाएं। इसे उतनी देर तक पकाना है जब तक कि चार कप पानी की तीन हिस्सा जल जाए। यानी एक कप पानी ही रह जाए। अब इसे छानकर गुनगुना ही मरीज को पिलाएं।
कितने समय पर होगा इसका असर?
डॉ त्रिपाठी: माना जाता है गिलोय का काढ़ा सामान्य बुखार को तीन दिनों के भीतर ही ठीक कर देता है। इसके अलावा बुखार यदि पुराना हो तो विशेषज्ञ की सलाह के अनुसार इसका ज्यादा और ज्यादा दिन तक किया जा सकता है।
क्या यह कोराना से लड़ने में कर सकता है मदद?
डॉ त्रिपाठी: अभी तक कोरोना वायरस से मौतों के जो आकंड़े में आए हैं उनमें से वे लोग ज्यादा कोरोना का शिकार हुए हैं जिनकी प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है जैसे-बुजुर्ग और बच्चे। कोरोना को यदि प्रतिरोधक क्षमता से जोड़कर देखा जाए तो गिलोय का काढ़ा रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है और इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है। ऐसे में इसका सेवन कोरोना के खिलाफ लड़ाई में उपयोगी साबित हो सकता है। हालांकि गिलोय का काढ़ा कोरोना के मरीज को फायदेमंद है या नहीं इस बात की कोई प्रमाणिकता नहीं है।
इसके और क्या फायदा है?
डॉ त्रिपाठी: खून साफ कर त्वचा में निखार लाता है गिलोय, यह एंटीऑक्सिडेंट का पावर हाउस है, जो झुर्रियों से लड़ने और कोशिकाओं को स्वस्थ और निरोग रखने में अहम भूमिका निभाती है। गिलोय टॉक्सिन को शरीर से बाहर निकालने, खून को साफ करने, बीमारियों से लड़ने वाले बैक्टीरिया की रक्षा करने के साथ-साथ मूत्रमार्ग के संक्रमण से भी बचाव करती है।
क्या यह पाचन तंत्र को मजबूत करता है?
डॉ त्रिपाठी: पाचन में सुधार और आंत्र संबंधी समस्याओं के इलाज में गिलोय बहुत फायदेमंद है। रोजाना आधा ग्राम गिलोय के साथ आंवला पाउडर लेने से काफी लाभ होता है। कब्ज के इलाज के लिए इसे गुड़ के साथ लेना चाहिए।
क्या यह डायबिटीज में लाभकारी होता है?
डॉ त्रिपाठी: गिलोय एक हाइपोग्लाइसेमिक एजेंट के रूप में कार्य करती है और विशेष रूप से टाइप 2 डायबिटीज के इलाज में मददगार है। गिलोय का रस रक्त शर्करा के उच्च स्तर को कम करने का काम करता है।
डॉ त्रिपाठी: तुलसी के पत्ते :रोज़ सुबह खाली पेट तुलसी के कुछ पत्ते चबाएं। इसके बाद एक गिलास गुनगुना पानी पीएं। यह इम्यूनिटी बढ़ाने का एक बहुत ही सरल और कारगर तरीका है। जैसा कि तुलसी कई औषधिय गुणों से भरपूर होती है। इसीलिए, इसके सेवन से इम्यून सेल्स का उत्पादन बढ़ता है। जो, इंफेक्शन से शरीर को सुरक्षित रखता है। लेमनग्रास: इंफेक्शन से बचने और मौसमी बीमारियों से सुरक्षित रहने के लिए लेमनग्रास भी बहुत फायदेमंद है। कमज़ोर इम्यून सिस्टम को स्ट्रॉन्ग बनाने के लिए लेमनग्रास का सेवन किया जा सकता है। सुबह लेमनग्रास की चाय पीने से भी इसके सारे फायदे प्राप्त हो सकते हैं। दरअसर, लेमनग्रास में मौजूद इसेंशियल ऑयल्स एंटीऑक्सिडेटिव प्रभाव डालते हैं। ये इम्यून सेल्स के निर्माण और रेड ब्लड सेल्स को बनने में भी सहायता करते हैं। जिससे, रोग प्रतिरोधक शक्ति तो बढ़ती ही है। साथ ही, इससे ओवरऑल हेल्थ भी अच्छी बनती है।
मुलेठी: सर्दी-ज़ुकाम के लक्षणों से आमतौर पर राहत पाने के लिए मुलेठी का सेवन किया जाता है। इंडियन जिनसेंग (के नाम से मशहूर मुलेठी इम्यून सेल्स के निर्माण और विकास में मदद करती है। इसी तरह मुलेठी के सेवन से माइक्रोबियल इंफेक्शन्स और शरीर में होने वाली सूजन में भी कमी आती है। इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए आयुर्वेदिक एक्सपर्ट्स रोज़ एक चम्मच शहद के साथ चुटकीभर मुलेठी पाउडर के सेवन की सलाह देते हैं। मेथी के दाने: बहुत से लोग रोज़ सुबह सबसे पहले मेथी का पानी पीते हैं। क्या आप जानते हैं कि, इसके पीछे इंफेक्शन से बचने की कोशिश है। जी हां, मेथी में एंटी-ऑक्सिडेंट्स और एंटी-बैक्टेरियल कम्पाउंड्स होते हैं। जिससे, कई प्रकार के इंफेक्शन्स से बचाव होता है। मेथी के ये फायदे पाने के लिए रातभर पानी में मेथी के कुछ दाने भिगोकर रखें। फिर, इसे सुबह पीएं। इससे इम्यूनिटी बढ़ने के साथ डिटॉक्स और हेल्दी स्किन पाने जैसे फायदे भी होंगे।इसके अलावा सबसे ज्यादा लोगो को प्रशासन और सरकार के निर्देशों का पालन करना होगा।इससे वे सुरक्षित रह पाएंगे।