Coronavirus Lockdown effect:खुद को करें आइसोलेट, नहीं तो वेंटिलेटर का लेना होगा सहारा : डॉ प्रशांत
15 दिनों के लिए लॉक डाउन की अवधि बढ़ गयी है। 30 अप्रैल तक लोगो को लॉकडाउन का पालन करना होगा। लोगो को आइसोलेट करने की बात हो रही है।
सिलीगुड़ी, अशोक झा। 15 दिनों के लिए लॉक डाउन की अवधि बढ़ गयी है। 30 अप्रैल तक लोगो को लॉकडाउन का पालन करना होगा। लोगो को आइसोलेट करने की बात हो रही है। लोग आइसोलेशन कैसे करें? यह प्रश्न ये दिनों हर व्यक्ति के मन में है। अगर ऐसा नहीं किया तो क्या होगा ? इसको लेकर काम कर रहे डॉक्टर प्रशांत झा से दैनिक जागरण ने बात की ।
उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस से संक्रमण के गंभीर मामलों में वायरस फेफड़ों को नुकसान पहुंचाने लगता है। इंसान के फेफड़े शरीर में वो जगह हैं जहां से ऑक्सीजन शरीर में पहुंचना शुरू होती है और कार्बन डाई ऑक्साइड शरीर से बाहर निकलती है। अगर ये वायरस आपके मुंह से होते हुए सांस की नली में प्रवेश करता है और फिर आपके फेफड़ों तक पहुंचता है तो आपके फेफड़ों में छोटे-छोटे एयरसैक बना देता है। कोरोना के बनाए छोटे-छोटे एयरसैक में पानी जमने लगता है। इस कारण सांस लेने में तकलीफ होती है और आप लंबी सांस नहीं ले पाते। इस स्टेज में मरीज को वेंटिलेटर की जरूरत पड़ती है। ऐसे में वेंटिलेटर फेफड़ों में ऑक्सीजन पहुंचाता है। वेंटिलेटर में ह्यूमिडीफायर भी होता है जो हवा में गर्माहट और नमी शामिल करता है और उससे शरीर का तापमान सामान्य बना रहता है। इसलिए लोग अगर आइसोलेशन की बात नही मानते है तो उन्हें वेंटिलेटर का सहारा लेना पड़ सकता है।इसलिए लोगो को सरकार के निर्देशों का पालन करना चाहिए।
कैसे करें स्वंय को आइसोलेट ?
डॉ झा का कहना है कि कोरोना वायरस बीमारी फैलाने वाला एक बड़ा वायरस परिवार है जो साधारण सर्दी-जुकाम से लेकर मर्स और सार्स जैसे कई गंभीर रोगों की वजह है। यदि आप को खुद में कोई गंभीर लक्षण नजर आ रहे हैं तो घर क बाकी लोगों से खुद को अलग रखना बेहतर होगा। इसलिए जरूरी है कि आगे जानिए खुद को अलग रखने पर ध्यान देने वाली खास बातों को जान लें। उन्होंने बताया कि आपकी आवाजाही केवल एक ही कमरे तक होनी चाहिए। इसमें शौचालय संलग्न हो, जिसका इस्तेमाल कोई दूसरा न करे।
बाहरी व्यक्ति वहां पर न आएं। हमेशा सर्जिकल मास्क लगाकर रखें। हर 6 से 8 घंटे में इसे बदल दें। इनका दोबारा इस्तेमाल न करें। संक्रमित मास्क का उचित रूप से निस्तारण करें। बच्चे, बुजुर्ग, गर्भवती महिला और घर के अंदर अन्य बीमार सदस्यों से जितना हो सके दूर रहें। आपकी इस्तेमाल की गई चीजों और जगहों को वे बिल्कुल न छुएं। घर के हर सदस्य को जितना हो सके बार-बार अपने हाथ साबुन से धोने चाहिए। वे अल्कोहल वाले हैंड सेनिटाइजर का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। आपके द्वारा इस्तेमाल चादर और कपड़े परिवार के अन्य सदस्यों के सीधे संपर्क में नहीं आने चाहिए। डिस्पोजेबल दस्ताने पहनकर आपके बर्तन धोने चाहिए। आपकी प्लेट, ग्लास, कप आदि का इस्तेमाल कोई और न करे।जो मास्क आपने पहना है उसे उतारने के बाद या तो जला दें या जमीन में गहरा दबा दें। घर पर अलग रहने के दौरान यदि आप बाहर से खाना मंगाते हैं तो भुगतान ऑनलाइन करें ।
अंगूर खाना इस समय उपयुक्त
अंगूर रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के साथ कई बीमारियों में फायदेमंद है। अंगूर में एंटीवायरल गुण पाया जाता है जिसकी वजह से यह आपको विभिन्न प्रकार के संक्रामक रोगों से बचाए रखने में सुरक्षा प्रदान कर सकता है। इसमें कैलोरी, फाइबर और विटामिन सी, ई ग्लूकोज, मैग्नीशियम और साइट्रिक एसिड जैसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं पाया जाता है।
नींद लेना जरूरी
लॉकडाउन के दौरान सेहत का दुरुस्त रहना बहुत जरूरी है। अच्छी नींद न लेने से कई तरह की परेशानी हो सकती हैं। जिस तरह इन दिनों शरीर के लिए पौष्टिक भोजन जरूरी है, वैसे ही कम से कम आठ घंटे की पर्याप्त नींद लेना भी जरूरी है। इन दिनों घर पर हैं तो जाहिर है कि समय आपके पास अधिक है। ऐसे में देर रात तक टीवी देखकर नींद से कोई समझौता करना ठीक नहीं। यह ऐसा वक्त है जहां मामूली तबियत खराब होने पर डॉक्टर का भी मिलना मुश्किल हो सकता है। ऐसे में खुद ही न सिर्फ तनाव मुक्त रहना होगा, बल्कि नींद को भी नजरअंदाज नहीं करना है। अच्छी नींद न सिर्फ आपको कई रोगों से दूर करती, बल्कि आपके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है हर दिन ऐसे मरीजों की संख्या बढ़ रही है, जो लॉक डाउन के कारण नकारात्मक विचारों से घिर रहे हैं। इसलिए इन बातों का ध्यान रखना जरूरी है।