पंडित दीनदयाल के आदर्श पर चलना होग : राजू बिष्ट
जागरण संवाददाता सिलीगुड़ी एकात्म मानववाद और अंत्योदय दर्शन के प्रणेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय क
जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी :
एकात्म मानववाद और अंत्योदय दर्शन के प्रणेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय की आज शुक्रवार को 104वीं जयंती मनायी गयी। वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संगठनकर्ता और भारतीय जनसंघ के अध्यक्ष रहे। पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर आज देशभर में भाजपा कार्यकर्ता उनके व्यक्तित्व और कृतित्व को याद कर रहे हैं। यह कहना है भाजपा नेता व दाíजलिंग के सासद राजू बिष्ट का। उन्होंने कहा कि 21 अक्टूबर 1951 को डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी की अध्यक्षता में भारतीय जनसंघ की स्थापना हुई। 1952 में इसका प्रथम अधिवेशन कानपुर में हुआ और दीनदयाल उपाध्याय जी इस दल के महामंत्री बने तथा 1967 तक वे भारतीय जनसंघ के महामंत्री रहे। अंत्योदय का नारा देने वाले दीनदयाल उपाध्याय का कहना था कि अगर हम एकता चाहते हैं, तो हमें भारतीय राष्ट्रवाद को समझना होगा, जो हिंदू राष्ट्रवाद है और भारतीय संस्कृति हिन्दू संस्कृति है। उनका कहना था कि भारत की जड़ों से जुड़ी राजनीति, अर्थनीति और समाज नीति ही देश के भाग्य को बदलने का सामर्थ रखती है। कोई भी देश अपनी जड़ों से कटकर विकास नहीं कर सका है। उन्होंने कहा कि यह समय पंडित दीनदयाल के आदर्शो पर चलने का है।