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विश्वभारती में तोड़फोड़ को दिलीप ने शर्मनाक बताया, कहा- बंगाल में दूसरा तालिबानी शक्ति राज कर रहा

विश्वभारती में तोड़फोड़ की घटना को दिलीप ने शर्मनाक बताया कहा- बंगाल में दूसरा तालिबानी शक्ति राज कर रहा बंगाल में रवींद्र नाथ टैगोर की विरासत भी नहीं हैं

By Preeti jhaEdited By: Published: Thu, 20 Aug 2020 09:46 AM (IST)Updated: Thu, 20 Aug 2020 12:23 PM (IST)
विश्वभारती में तोड़फोड़ को दिलीप ने शर्मनाक बताया, कहा- बंगाल में दूसरा तालिबानी शक्ति राज कर रहा
विश्वभारती में तोड़फोड़ को दिलीप ने शर्मनाक बताया, कहा- बंगाल में दूसरा तालिबानी शक्ति राज कर रहा

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष व सांसद दिलीप घोष ने बुधवार को बीरभूम जिले के शांतिनिकेतन में विश्वभारती विश्वविद्यालय में तोड़फोड़ व हिंसा की घटना की कड़ी निंदा करते हुए राज्य सरकार पर बड़ा हमला बोला। उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस के विधायक की अगुवाई में विश्वभारती विश्वविद्यालय में तोड़फोड़ की गई है, यह शर्मनाक और दुर्भाग्यपूर्ण है।

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घोष ने कहा कि प्रत्येक बंगाली को रवींद्रनाथ टैगोर पर गर्व होता है, लेकिन टैगोर की विरासत को ही तोड़ा जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने इससे पहले कलकत्ता विश्वविद्यालय में विद्यासागर की मूर्ति तोड़कर भाजपा को बदनाम करने के लिए आरोप लगाया था, वही लोग अब विश्वभारती में टैगोर की विरासत को तोड़ा है। उन्होंने यहां तक कहा कि दूसरा तालिबानी शक्ति बंगाल में राज कर रहा है। यहां रवींद्रनाथ भी सुरक्षित नहीं है। इस घटना से अंदाजा लगाया जा सकता है कि बंगाल और यहां के लोग कितने सुरक्षित हैं। घोष ने जोर देकर कहा कि तोड़फोड़ व हिंसा की इस घटना से शांतिनिकेतन की ऐतिहासिक पहचान धूमिल हुई है।

उन्होंने कहा कि जमीन माफिया विश्वविद्यालय की जमीन पर कब्जा करना चाहता है। कुलपति ने जब उसका विरोध किया है, तो उनके साथ भी दुर्व्यवहार किया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि तृणमूल विधायक के नेतृत्व में बाहर से गुंडों को बुलाकर सोची-समझी योजना के तहत इस घटना को अंजाम दिया गया। इतना तांडव मचाने के बावजूद पुलिस वहां मूकदर्शक बनी रही। उन्होंने इस मामले में दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने की मांग की।

बताते चलें कि सोमवार को विश्वभारती विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा पौष मेला ग्राउंड में कराए जा रहे दीवार निर्माण का विरोध करते हुए हजारों की संख्या में जुटी भीड़ ने निर्माणाधीन दीवार को तोड़ दिया था। इतना ही नहीं विश्वविद्यालय के ऐतिहासिक द्वार को भी बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया। इसके बाद विश्वविद्यालय को अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया गया है। 


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