घबराएं नहीं,डेंगू के 99 प्रतिशत मरीज ठीक हो जाते हैं-डॉ सिन्हा
-किसी भी कीमत पर ना लें एस्प्रिन की गोली -प्लेटलेट्स काउंट पर लगातार निगरानी जरूरी -बुखार
-किसी भी कीमत पर ना लें एस्प्रिन की गोली
-प्लेटलेट्स काउंट पर लगातार निगरानी जरूरी
-बुखार के साथ हड्डियों में दर्द हो तो जाएं डॉक्टर के पास
जागरण संवाददाता,सिलीगुड़ी: डेंगू से 99 प्रतिशत मरीज ठीक हो जाते हैं। इस बीमारी से घबराने की जरूरत नहीं है। हा समय पर इलाज जरूर शुरू हो जानी चाहिए। इसके अलावा यदि डेंगू के लक्षण दिखे तो किसी भी कीमत पर एस्प्रिन की गोली नहीं लेनी चाहिए। यह कहना है सिलीगुड़ी के जाने-माने फिजीशियन डॉक्टर पी एन सिन्हा का। वृहस्पतिवार को वह दैनिक जागरण के लोकप्रिय कार्यक्रम प्रश्न प्रहर में शामिल होने के लिए दैनिक जागरण कार्यालय आए थे। उन्होंने बताया कि आमतौर पर डेंगू की बीमारी होने से मरीज घबरा जाता है। इसमें घबराने जैसी कोई बात नहीं है। अधिकांश मामलों में डेंगू से मरीज की मौत नहीं होती। इस बीमारी में डेथ रेट मात्र एक प्रतिशत ही है। इसलिए डेंगू से घबराएं नहीं, बल्कि समय पर चिकित्सा शुरू करें। खासकर प्लेटलेट्स काउंट तो हर दिन करानी चाहिए। डॉ सिन्हा ने आज फोन पर मरीजों द्वारा किए गए प्रश्नों क जवाब भी दिए। डेंगू के लक्षण के संबंध में उन्होंने कहा कि सभी बुखार डेंगू नहीं है। यदि बुखार के साथ कमर, पीठ एवं हड्डियों में दर्द हो तो यह डेंगू के लक्षण हैं। इसीलिए डेंगू को ब्रेक बोन फीवर भी कहा जाता है। यदि ये लक्षण दिखे तो तत्काल डॉक्टर से इसकी जाच करानी चाहिए। उन्होंने कहा कि डेंगू की बीमारी एक खास प्रकार के मच्छर से फैलती है। ध्यान रहना चाहिए कि मच्छर पनपने ही ना दें। उन्होंने कहा कि डेंगू का मच्छर जमे हुए पानी में पनपता है। यह मिथक है कि डेंगू के मच्छर साफ पानी में पैदा होते हैं। जमा पानी ही मुख्य रूप से ऐसे मच्छरों का वाहक है। यहा बता दें कि सिलीगुड़ी में इन दिनों डेंगू के कई मामले सामने आए हैं। अबतक इस बीमारी से 3 रोगियों की मौत भी हो चुकी है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए दैनिक जागरण ने डॉक्टर सिन्हा को अपने प्रश्न पर कार्यक्रम में आमंत्रित किया था। डॉ सिन्हा ने आगे कहा कि डेंगू की बीमारी का यदि पता चल जाए तो किसी भी कीमत पर एस्प्रिन की गोली नहीं खानी चाहिए। इससे रक्तस्त्राव की संभावना बढ़ जाती है। तब स्थिति काफी खतरनाक हो जाती है और कभी-कभी रोगी को बचा पाना भी संभव नहीं होता। कभी-कभी शरीर में आतरिक ब्लीडिंग होती है। जिसका पता नहीं चल पाता
प्रश्न- मैं दिन में ठीक रहता हूं लेकिन रात को बुखार आने की समस्या है। कहीं या डेंगू की बीमारी तो नहीं।
-सूरज प्रधान, चंपासारी
जवाब- ऐसा नहीं है कि दिन में बुखार ना हो और सिर्फ रात में ही बुखार हो। बुखार कभी भी लग सकती है। पहले आप किसी डॉक्टर को दिखाएं। उसके बाद ही पता चल सकेगा कि समस्या क्या है। अपने मन से कोई दवा नहीं लें।
प्रश्न- मुझे ठंड के समय खासी और सर्दी जुकाम की समस्या है। मुझे क्या करना चाहिए।
-राजू प्रसाद, सिलीगुड़ी
जवाब-आप संभवत: ठंड को लेकर ज्यादा सेंसिटिव हैं। ठंड से बचने की कोशिश करें। यदि आप एसी में बैठते हैं तो स्वेटर लगाकर बैठें। कभी-कभी धूल की वजह से भी कुछ लोगों को एलर्जी होती है। किसी इएनटी डॉक्टर को दिखाएं। नाक या गले की भी समस्या हो सकती है।
प्रश्न- मुझे हमेशा ही पीठ और कमर में दर्द की शिकायत रहती है,क्या करें।
-अजय गुप्ता
जवाब-आप डायबिटीज की जाच जरूर करा लें। नर्व की भी समस्या हो सकती है। इससे कभी-कभी पीठ और कमर दर्द की शिकायत रहती है।किसी न्यूरोलॉजिस्ट या फिर फिजीशियन से संपर्क करें।
प्रश्न- मुझे बीच-बीच में ठंड के साथ तेज बुखार की समस्या है। जाड़े से बदन कापने लगता है। जबकि दूसरे दिन यह बीमारी ठीक हो जाती है।
- जतीन राय,जलपाईगुड़ी जवाब-कई रोगियों में इस तरह की समस्या पाई जाती हैं। आप किसी अच्छे फिजीशियन से अपनी चिकित्सा कराएं। यूरिन की रूटीन एवं कॉस्टयूम टेस्ट जरूर करा लें। संभव है इससे आपकी बीमारी पकड़ में आ जाए।