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गोरखालैंड के साथ ही दार्जिलिंग-सिक्किम विलय की मांग फिर उठी, राज्यपाल से की मुलाकात

अलग गोरखालैंड के साथ ही दार्जिलिंग को सिक्किम में शामिल करने की मांग फिर तूल पकड़ने लगी है। बुधवार को इस बाबत विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने राज्यपाल को इस बाबत ज्ञापन सौंपा।

By Edited By: Published: Wed, 21 Nov 2018 06:44 PM (IST)Updated: Wed, 21 Nov 2018 06:44 PM (IST)
गोरखालैंड के साथ ही दार्जिलिंग-सिक्किम विलय की मांग फिर उठी, राज्यपाल से की मुलाकात
गोरखालैंड के साथ ही दार्जिलिंग-सिक्किम विलय की मांग फिर उठी, राज्यपाल से की मुलाकात
दार्जिलिंग [संवादसूत्र] । हिल्स में गोजमुमो के विनय गुट व विमल गुट के राजनीतिक घमासान के बीच एक बार फिर गोरखालैंड व सिक्किम-दार्जिलिंग एकीकरण का मुद्दा तूल पकड़ रहा है। बुधवार को विभिन्न राजनीतिक पार्टियों ने इस मुद्दे के साथ पुलिस प्रशासन पर क्रूरता व गणतंत्र हनन का आरोप लगाकर राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपा।
पिछले कुछ दिनों से राज्यपाल दार्जिलिंग में हैं। इस दिन सबसे पहले फेडरेशन आफ इंडियन गोरखा एसोसिएशन के सदस्यों ने राज्यपाल से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपा। संयुक्त रूप से एसोसिएशन की ओर से अलग गोरखालैंड राज्य की मांग रखी गई। एसोसिएशन के संयोजक त्रिषी छेत्री ने कहा कि पिछले साल 29 अगस्त को 2017 को राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था कि गोरखालैंड बनाना या फिर अलग राज्य देना उनके हाथ में नहीं है। इसलिए अब जनतांत्रिक तरीके से दार्जिलिंग पहाड़ को अलग करने की मांग रखी गई है। उन्होंने कहा कि पहाड़ में पुलिस प्रशासन मानवाधिकार का हनन कर रहा है। पुलिस प्रशासन पहाड़ में जनसभा करने नहीं दे रहा है। बंगाल सरकार के कारण यह सब हो रहा है। इसलिए एसोसिएशन ने गृहमंत्री के पास यह रिपोर्ट भेजने के लिए राज्यपाल से आवेदन किया है।  
अखिल भारतीय गोरखा लीग के सदस्यों ने भी राज्यपाल से मुलाकात कर इन दो विषयों पर नजर रखने का निवेदन किया। इसमें पुलिस की क्रूरता, गणतंत्र का हनन, मानवाधिकार न होने और गोरखालैंड की मांग भारत के संविधान में होने एवं गोरखाओं की आशा पूरी करने को लेकर संगठन की ओर से राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा गया। राज्यपाल के पास पार्टी के महासचिव प्रताप खाति ने वर्ष 2017 से दार्जिलिंग के सांसद के अपने क्षेत्र में न आने की शिकायत की। उन्होंने कहा कि दार्जिलिंग जिले में विशेष रूप से सिलीगुड़ी महकमा में बाहर से लोगों की घुसपैठ लगातार बढ़ती जा रही है। यह सब बंद करने के लिए मांग की गई है। वही सिलीगुड़ी का पिंटल विलेज सरकार से समझौता होने के बाद दागोपाप को मिला था। फिर उसके बाद यह जीटीए के पास था। आज यह जिलाधिकारी की देखरख में है। इसे जल्द लौटाने की मांग आभा गोली ने राज्यपाल से की है।  दूसरी ओर गोरखा राष्ट्रीय कांग्रेस ने भी सोमवार को सिक्किम में दार्जिलिंग का विलय करने की मांग को लेकर राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा। पार्टी के चीफ एडवाइजर सुबोधन पाखरिन ने कहा कि वर्ष 2004 से पार्टी ने कागजात के आधार पर सिक्किम-दार्जिलिंग को एकीकरण की मांग लगातार उठाई जा रही है। इस मामले को केंद्र सरकार को देखने एवं फैक्ट फाइडिंग कमीशन गठन करने की मांग की गई है।

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