दार्जिलिंग नगरपालिका भंग, सरकार ने की प्रशासक की नियुक्ति Darjeeling News
दार्जिलिंग में चुनाव नतीजे आने के बाद लगातार खबरों में दार्जिलिंग नगरपालिका को आखिरकार भंग कर दिया।
जेएनएन, दार्जिलिंग/कालिम्पोंग। दार्जिलिंग में चुनाव नतीजे आने के बाद लगातार खबरों में दार्जिलिंग नगरपालिका को आखिरकार भंग कर दिया। पश्चिम बंगाल सरकार के शहरी विकास व नगरपालिका मामलों के विभाग कार्यालय से एक जारी आदेश में दार्जिलिंग नगरपालिका के लिए प्रशासक के रूप में अतिरिक्त जिलाधिकारी (जनरल) की नियुक्ति की गई है।
नगरपालिका कानून 1993 के सेक्शन 431 के सब सेक्शन (2) के मुताबिक उक्त निर्णय लिया गया है। मालूम हो कि दार्जिलिंग नगरपालिका में 32 पार्षद में एक की मौत एवं एक द्वारा इस्तीफा देने के बाद पार्षदों की संख्या 30 थी। जिसमें से हाल ही में 17 पार्षदों ने दिल्ली में जाकर भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। भाजपा में शामिल होने के बाद कई पार्षदों के घर छापेमारी की भी खबरें आई थी।
करीब एक महीने से चल रहे दार्जिलिंग नगरपालिका के नाटक को राज्य सरकार के संबंधित विभाग ने भंग कर खत्म कर दिया। नगरपालिका अधिनियम 1993 के तहत कहा गया है कि उक्त नगरपालिका के भंग होने के बाद प्रशासक की नियुक्ति की गई। इस पद को भरना जरूरी था। नगरपालिका के नागरिक सेवाओं को सुचारू ढंग से संचालन करने के लिए इस अधिनियम के अनुसार यह काम किया गया। प्रशासक की नियुक्ति के बाद अब नगरपालिका का पूरा काम काज देखा जाएगा।
नगरपालिका भंग को लेकर टिप्पणी करते हुए भाजपा के विधायक नीरज जिम्मा ने बिना कोई सदन में फ्लोर टेस्ट के बिना नगरपालिका को भग करने का आदेश को अगणतांत्रिक व असंवैधानिक बताया। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार ने नगरपालिका कानून का उल्लंघन किया है। इसके लिए वे अदालत में जाएंगे। इससे पहले भाजपा के नेतृत्व से बातचीत करेंगे। उन्होंने कहा कि दार्जिलिंग के कुछ विरोधी लोगों की सिफारिश पर उक्त कार्य किया गया है।
ममता बनर्जी को अनित थापा एवं बिनय तामांग के इशारे में काम करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि ऐसे नेता देश के लिए खतरा है। इसे जबरन लागू किया जा रहा है। भले हम बहुमत है और एक बोर्ड बना सकते है। मैं इस मामले में अपनी पार्टी से चर्चा करूंगा। इसके में कानूनी उपाय है। इसके लिए किसी अन्य विकल्प का सहारा ले सकते है। उन्होंने कहा कि अन्य नगरपालिकाओं को भी भंग करना चाहिए। पहाड़ के अन्य सभी जगह के लिए चुनाव कराने चाहिए। इससे पहाड़ के जनादेश के बारे में पता चल जाएगा। वही मोर्चा के विनय गुट की ओर से कोई टिप्पणी नहीं मिली।
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