दार्जिलिंग धमाके में नक्सलियों के हाथ की संभावना प्रबल
सूत्रों से पता चला कि पुलिस को कुछ ऐसे तथ्य हाथ लगे हैं जिससे पता चला है कि नेपाल से माओवादियों के 60 सदस्य पहाड़ के जंगल में घुसपैठ किए थे।
कोलकाता, [जागरण न्यूज नेटवर्क] । दार्जिलिंग में शुक्रवार की देर रात हुए आइईडी विस्फोट और कलिंपोंग थाने पर हुए ग्रेनेड हमले के बीच माओवादियों के हाथ होने की संभावना प्रबल हो रही है। पुलिस को अब तक के जांच में कुछ तथ्य हाथ लगे हैं जिसके आधार पर आशंका जताई जा रही है कि नेपाल से माओवादियों ने घुसपैठ कर पहाड़ पर आंदोलनकारियों को साथ दे रहे हैं।
हालांकि, आधिकारिक रूप से इस संबंध में पुलिस की ओर से कुछ नहीं कहा जा रहा है। हालांकि, सूत्रों से पता चला कि पुलिस को कुछ ऐसे तथ्य हाथ लगे हैं जिससे पता चला है कि नेपाल से माओवादियों के 60 सदस्य पहाड़ के जंगल में घुसपैठ किए थे। जहां कुछ आंदोलनकारियों को प्रशिक्षित भी किया गया था। किस तरह से गुरिल्ला हमला करना है।
यहां यह बताना जरूरी है कि बंगाल पुलिस व प्रशासन की ओर से कई बार कहा गया था कि दार्जिलिंग पर आंदोलन करने वालों के पीछे उग्रवादी व माओवादी संगठनों का हाथ है। यहां तक कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य खुफिया विभाग के वरिष्ठ अधिकारी के साथ कुछ दिन पहले बैठक भी की थी। यहां तक ममता ने भी आशंका जताई थी कि बाहरी तत्व आंदोलन को भड़का रहे हैं जिससे ¨हसक घटनाएं हो रही है।
यहां तक कि पुलिस प्रशासन की ओर से कहा गया था कि दार्जिलिंग में आंदोलन शुरू होने के बाद कुछ लोगों ने मोबाइल से नेपाल, कश्मीर समेत कई स्थानों पर फोन किया था। अब जब शुक्रवार की देर रात दार्जिलिंग के ओल्ड सुपर मार्केट में आइईडी विस्फोट और अगले दिन शनिवार को कलिंपोंग थाने पर ग्रेनेड से हमला हुआ है तो पुलिस को संदेह है कि इसके बीच नक्सलियों को हाथ हो सकता है।