गोजमुमो प्रतिनिधिमंडल मिला जुएल उरांव से, गोरखा की 11 जातियों को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग
गोरखा जनमुक्ति मोर्चा विमल गुरुंग गुट के नेताओं ने दिल्ली में केंद्रीय मंत्री जुएल उरांव से सांसद एसएस अहलुवालिया के साथ मुलाकात कर गोरखा जाति को एसटी का दर्जा दिलवाने की मांग की।
सिलीगुड़ी [जागरण संवाददाता]। गोरखा जनमुक्ति मोर्चा विमल गुरुंग ग्रुप का एक प्रतिनिधि मंडल मंगलवार को स्थानीय सांसद सह केंद्रीय राज्यमंत्री एसएस अहलूवालिया के नेतृत्व में केंद्रीय अनुसूचित जनजाति मंत्री जुएल उरांव से भेंट की। उन्हें ज्ञापन सौंपकर गोरखाओं के भुजेल, गुरुंग, मंगन, नेवार, जोगी, कास, राई, सुनवार, थामी, याख्खा और धिमाल जाति को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की मांग की।
प्रतिनिधिमंडल ने आग्रह किया कि संसद के शीतकालीन सत्र में इस पर प्रस्ताव पारित कराकर इसे उनका हक दिया जाए। प्रतिनिधमंडल में विशाल छेत्री, अनिल लोप्चन, रोहित थापा, सामाजिक व राजनीतिक विशेषज्ञ बीपी बजगाई, लीला कुमार गुरुंग व लाल सिंह भुजेल शामिल थे। केंद्रीय मंत्री से कहा गया कि 1931 से भारत में रह रहे सभी गोरखा जाति के लोगों को हिल्स ट्राइबल की मान्यता दी गई थी। परंतु, अब तक लोगों को इसका लाभ नहीं मिल पाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सात अप्रैल 2016 को डुवार्स के मदारी हाट व सिलीगुड़ी में 11 गोरखा जाति को अनुसूचित जनजाति में शामिल कराने की बात कही थी। इस संबंध में केंद्रीय मंत्री एसएस अहलूवालिया ने पांच अक्टूबर को हिल्स में गोरखाओं पर हो रहे अत्याचार की बात बताते केंद्रीय गृह सचिव से उन्हें न्याय दिलाने की मांग की थी।