निगम क्षेत्र में हिदी स्कूलों की जरूरत, 40 वर्षो में नहीं खुला एक भी स्कूल
फोटो-राजेश-एक -चंपासारी में एक गर्ल्स हाईस्कूल की तत्काल आवश्यकता -दैनिक जागरण के प
फोटो-राजेश-एक
-चंपासारी में एक गर्ल्स हाईस्कूल की तत्काल आवश्यकता
-दैनिक जागरण के पाठक परिचर्चा में अतिथियों ने रखे अपने विचार
जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : हर वर्ष सितंबर महीना शुरू होने के प्रथम दिन से लेकर पूरे महीने भर सरकारी हिदी माध्यम के कॉलेजों, केंद्रीय सरकारी कार्यालयों में पूरे जोर-शोर से हिदी दिवस कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। यह कार्यक्रम देश के अन्य भागों की तरह उत्तर बंगाल के अन्य जिलों के साथ सिलीगुड़ी में भी होता है। हालांकि इस क्षेत्र में खासकर सिलीगुड़ी नगर निगम क्षेत्र में जमीनी स्तर पर हिदी की क्या स्थिति है, इस बारे में विशेषज्ञों की माने तो स्थिति काफी चौकानें वाली है। उनका कहना था कि उत्तर बंगाल में हिदी की स्थिति काफी प्रतिकूल है। अगर इसके बारे में अभी से गंभीर नहीं हुए तो आने वाले समय में स्थिति और गंभीर होगी।
उत्तर बंगाल में हिदी की स्थिति व इसके उत्थान को लेकर शनिवार को सिलीगुड़ी दैनिक जागरण कार्यालय में आयोजित परिचर्चा में अतिथियों ने खुलकर अपने विचार रखे। परिचर्चा में शामिल सिलीगुड़ी कॉलेज हिदी विभाग के अध्यक्ष डॉ अजय साव ने कहा कि उत्तर बंगाल में हिदी स्कूलों की स्थिति काफी प्रतिकूल है। इसका मुख्य कारण हिदी स्कूलों के प्रति अभी तक के सरकारों द्वारा उचित ध्यान नहीं दिया जाना है। जो कुछ नए हिदी कॉलेज खुले भी हैं, उनमें भी हिदी की स्थिति काफी उत्साहजनक नहीं है। सिलीगुड़ी शहर के नजदीक खोले गए आचार्य प्रफुल्ल चंद्र राय गवर्नमेंट कॉलेज में ही सरकार चाहती तो चार-पांच विषयों को लेकर हिदी माध्यम की पढ़ाई शुरू कर सकती थी। हिदी भाषा के उत्थान के लिए हिदी स्कूलों के शिक्षकों को झकझोरा जाना चाहिए, ताकि शिक्षक हिदी भाषा के प्रति गंभीर रहें। जब शिक्षक हिदी के उत्थान के प्रति गंभीर होंगे, तो विद्यार्थियों को खुद हिदी के प्रति लगाव बढ़ेगा।
वहीं भारती हिदी हाईस्कूल के वरिष्ठ शिक्षक विपिन कुमार गुप्ता ने सिलीगुड़ी नगर निगम क्षेत्र में हिदी स्कूलों की कमी पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि हर साल हिदी माध्यम के स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या जिस हिसाब से बढ़ रही है, उस हिसाब से स्कूल काफी कम है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वर्ष 1978 के बाद सिलीगुड़ी नगर निगम क्षेत्र में एक भी हिदी स्कूल नहीं खोले गए हैं। इससे काफी संख्या में छात्राओं को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। चंपासारी इलाके में एक गर्ल्स हाईस्कूल की काफी आवश्यकता है।
शहर के जाने माने बाल रोग विशेषज्ञ डॉ बिरेश कुमार ने कहा कि जिस तरह से बच्चे हिदी से दूर होते जा रहे हैं, इससे जोड़ने के लिए अभिभावकों को विशेष ध्यान देना होगा। लोग जितना ही अपने बच्चों से हिदी में बात करेंगे, हिदी के प्रति उनका लगाव उतना ही बढ़ेगा।
दिल्ली पब्लिक स्कूल, सिलीगुड़ी की हिदी की शिक्षिका इंद्रजीत कौर का कहना था कि अंग्रेजी माध्यम के 70 प्रतिशत विद्यार्थी हिदी पढ़ना नहीं चाहते हैं। हिदी को वह काफी हल्के में लेते हैं। यहां तक उन्हें हिदी के व्याकरण को बताने के लिए पहले अंग्रेजी में समझाना पड़ता है।
सिलीगुड़ी गर्ल्स हिदी हाईस्कूल की शिक्षिका सीता राउत ने कहा कि सरकारी स्कूलों में खासकर सरकारी हिदी स्कूलों में अधिक से अधिक हिदी से संबंधित कार्यक्रम आयोजित किए जाने चाहिए ताकि विद्यार्थियों का रूझान हिदी के प्रति रहे। उन्होंने कहा कि नई पीढ़ी को हिदी से जोड़ने के लिए हर स्तर पर सार्थक प्रयास किए जाने की जरूरत है।