Move to Jagran APP

Cyclone Amphan Effect: चक्रवाती तूफान चरमराई बिजली व्यवस्था, जरूरी आधार पर 100 जेनरेटर चलाएगी सीईएससी

Cyclone Amphanतूफान से चरमराई बिजली व्यवस्था के सामान्य होने तक जरूरी आधार पर 100 जेनरेटर चलाएगी सीईएससी जेनरेटर को मुख्य रूप से अस्पतालों और पंपिंग हाउसों में चलाया जाएगा

By Preeti jhaEdited By: Published: Sun, 24 May 2020 09:58 AM (IST)Updated: Sun, 24 May 2020 09:58 AM (IST)
Cyclone Amphan Effect: चक्रवाती तूफान चरमराई बिजली व्यवस्था, जरूरी आधार पर 100 जेनरेटर चलाएगी सीईएससी
Cyclone Amphan Effect: चक्रवाती तूफान चरमराई बिजली व्यवस्था, जरूरी आधार पर 100 जेनरेटर चलाएगी सीईएससी

कोलकाता, जागरण संवाददाता। Cyclone Amphan Effect: चक्रवाती तूफान से चरमराई बिजली व्यवस्था के सामान्य होने तक सीईएससी ने जरूरी आधार पर 100 जेनरेटर चलाने का निर्णय लिया है। सीईएससी के उपाध्यक्ष अभिजीत सिंह ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि बिजली गुल होने के कारण लोगों को हो रही परेशानी से हम दुखी हैं। परिसेवा को जल्द से जल्द सामान्य करने की कोशिश की जा रही है।

loksabha election banner

मंगलवार तक हालात के काफी हद तक सामान्य हो जाने की उम्मीद है। तब तक जरूरी आधार पर 100 जेनरेटर चलाए जाएंगे। जेनरेटर को मुख्य रूप से अस्पतालों और पंपिंग हाउसों में चलाया जाएगा। सिंह ने आगे कहा कि मुख्य रूप से उन्हीं जगहों पर परेशानी हो रही है, जहां बिजली के तार जमीन के ऊपर से गए हैं। लॉकडाउन के कारण सीईएससी के कर्मचारियों को मरम्मत वाली जगहों पर पहुंचने में भी परेशानी हो रही है।

चक्रवाती तूफान से मूर्ति निर्माण कला के केंद्र को भारी क्षति 

चक्रवाती तूफान ने बंगाल में मूर्ति निर्माण कला के केंद्र बिंदु कुम्हार टोली को भी भारी क्षति पहुंचाई है। प्राथमिक अनुमान के मुताबिक कुम्हारटोली के मूर्तिकारों को करीब 20 लाख का नुकसान हुआ है। दुनिया की सबसे ऊंची दुर्गा प्रतिमा का निर्माण कर चुके मिंटू पाल ने बताया-तूफानी बारिश से मां दुर्गा की अर्धनिर्मित कई प्रतिमाएं गल गई है़। काली, शीतला और अन्नपूर्णा की प्रतिमाओं को भी भारी क्षति पहुंची है ।

लॉकडाउन के कारण पहले ही मूर्तिकारों की हालत बेहद दयनीय है, उसपर चक्रवाती तूफान बहुत बड़ा झटका है। इसने हम मूर्तिकारों की कमर ही तोड़कर रख दी है। मिंटू पाल ने आगे कहा कि लॉकडाउन के कारण इस साल अब तक हमें दुर्गा प्रतिमाओं के निर्माण के बहुत ज्यादा आर्डर नहीं मिले हैं इसलिए ज्यादा प्रतिमाएं भी नहीं बनी है़, वरना और भी ज्यादा नुकसान हो गया होता।

गौरतलब है कि तूफान में कई मूर्तिकारों के वर्कशॉप की टीन की छत भी उड़ गई है। गौरतलब है कि कुम्हारटोली में 300 से ज्यादा मूर्तिकार और 1500 कारीगर है। उन सभी के भविष्य पर सवालिया निशान लग गया है। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.