जनसभा की अनुमति न मिलने से क्रामाकपा में आक्रोश
संवादसूत्र,दार्जिलिंग : क्रांतिकारी मार्क्सवादी पार्टी के 22वें स्थापना दिवस के अवसर पर पार्टी द्वारा श्
संवादसूत्र,दार्जिलिंग : क्रांतिकारी मार्क्सवादी पार्टी के 22वें स्थापना दिवस के अवसर पर पार्टी द्वारा शहर के चौकबाजार में आयोजित की जाने वाली जनसभा की अनुमति न मिलने से क्षुब्ध होकर पार्टी नेताओं ने प्रशासन पर जमकर हमला बोला। बताते चलें कि वर्ष 1996 में गोरखालैंड राज्य की मांग पर माकपा से अलग होकर क्रामाकपा का गठन किया गया था। पार्टी द्वारा गठन के बाद से ही गणतांत्रिक रूप से अलग राज्य के लिए आंदोलन चलाया जा रहा है। पार्टी के कार्यक्रम के अनुसार 15 दिसंबर को इस मौके पर क्रामाकपा द्वारा जनसभा का आयोजन होना था। किंतु जिला प्रशासन द्वारा इस बाबत अनुमति न मिलने से पार्टी नेता आग बबूला हो उठे। राज्य सरकार के खिलाफ पार्टी नेताओं ने जमकर निशाना साधा। विरोध जताते हुए पार्टी द्वारा शहर में जगह जगह पोस्टर लगाकर बंगाल सरकार के विरुद्ध अपनी भड़ास निकाली। अब पार्टी द्वारा जारी कार्यक्रम के अनुसार स्थापना दिवस कार्यक्रम चौकबाजार के विकल्प के तौर पर गोदुनिस रंगशाला भवन में आयोजित किया जाएगा। वहीं इस विषय पर प्रशासन से बातचीत करने पर पहाड़ की शांति व्यवस्था के मद्देनजर अनुमति न देने का कारण बताया गया। बताते चलें कि हाल में पहाड़ पर कुछ चुनिंदा राजनीतिक दलों के अलावा किसी भी दल को राजनीति कार्यक्रम न करने की हिदायत दी गई है। पार्टी द्वारा इससे पूर्व भी जनसभा की मांग की गई थी किंतु प्रशासन का रवैया जस का तस ही रहा था। गौरतलब है कि हाल में खत्म हुए विमल गुरुंग के आंदोलन के बाद पार्टी की गतिविधियों में तेजी देखी गई थी। क्रामाकपा का युवा नेतृत्व जहां इस बार ज्यादा सक्रिय दिखाई दिया वहीं पार्टी के अध्यक्ष आरबी राई भी जीएसएसएस द्वारा आयोजित गोरखालैंड राज्य पर दिल्ली में संसद भवन के पदयात्रा कार्यक्रम में भाग ले चुके हैं। अंदरखाने माना जाता है कि जीएसएसएस विमल गुरुंग से संबंधित संस्था है ऐसे में क्रामाकपा को जनसभा की अनुमति न मिलने का कारण सहज ही समझा जा सकता है। पार्टी अध्यक्ष तथा पूर्व सांसद आरबी राई ने राज्य सरकार के रवैये पर हमला बोलते हुए प्रशासन द्वारा मौलिक व संवैधानिक अधिकारों का हनन बताया। राई ने पहाड़ के राजनीति दल के ऊपर आरोप लगाते हुए कहा कि गोजमुमो को दार्जिलिंग में बीती 7 अक्टूबर तथा 19 नवंबर को जिले के पुलिस अधीक्षक एके चतुर्वेदी की निगरानी में जनसभा कार्यक्रम आयेाजित करने की अनुमति देने पर भेदभाव करने का आरोप लगाया। राई ने कहा कि पहाड़ के वर्तमान हालातों में गोरखालैंड राज्य के साथ ही नागरिकों के मौलिक अधिकारों की रखा आवश्यक है। उन्होने पहाड़ के सभी राजनीतिक दलों से इस व्यवस्था के विरुद्ध एकजुट होकर लड़ने की अपील की।