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Coronavirus Lockdown effect:रमजान में रर्खे अपने सेहत का ख्याल, खाने में सतर्कता जरूरी : डॉ भोपालिका

ज्यादा स्मोकिंग व मोबाइल त्वचा के लिए घातक -रमजान में रर्खे अपने सेहत का ख्याल खाने में सतर्कता जरूरी डॉ भोपालिका

By Preeti jhaEdited By: Published: Sun, 26 Apr 2020 02:48 PM (IST)Updated: Sun, 26 Apr 2020 02:54 PM (IST)
Coronavirus Lockdown effect:रमजान में रर्खे अपने सेहत का ख्याल, खाने में सतर्कता जरूरी : डॉ भोपालिका
Coronavirus Lockdown effect:रमजान में रर्खे अपने सेहत का ख्याल, खाने में सतर्कता जरूरी : डॉ भोपालिका

सिलीगुड़ी, अशोक झा। कोरोना वायरस एक कारण 3 मई तक जारी  लॉकडाउन में ज्यादातर लोगों का वक्त टीवी, मोबाइल या लैपटॉप के बीच बीतता है। लोग स्मोकिंग भी ज्यादा करते है। किसी भी प्रकार की लत हानिकारक होती है। इसका असर सबसे ज्यादा असर त्वचा पर होता है। यह कहना है शहर के त्वचा रोग विशेषज्ञ चिकित्सक प्रवीण भोपालीका का।

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दैनिक जागरण से बाात करते हुए  बताया कि इसके ज्यादा  प्रयोग से  चेहरे पर ऑयल जमा होने से चेहरे की रंगत धीरे-धीरे कम होने लगती है। वहीं, इलेक्ट्रॉनिक गैजेट से निकलने वाली इन हानिकारक किरणों की वजह से चेहरे पर पिम्पल होने का खतरा बना रहता है। उन्होंने कहा कि ब्लू रेज, जिसे हाई एनर्जी विजिबल लाइट यानी उच्च ऊर्जा वाला दृश्य प्रकाश कहा जाता है, जिसमें त्वचा को अंदर से भेदने और नुकसान पहुंचाने की क्षमता होती है। लगभग 60 फीसदी लोग दिन में 6 घण्टे से ज्यादा समय स्क्रीन के सामने बिताते हैं, ऐसे में वे सूरज की किरणों की तुलना में कहीं अधिक मात्रा में ब्लू रे के हानिकारक तत्वों से प्रभावित होते हैं। इससे पिंग्मेंटेशन के साथ-साथ झुर्रियां समय से पहले नजर आ सकती हैं। 

इनसे बचने के लिए  दिनभर घर में काम करने के बाद शाम को चेहरे पर कुछ समय तक बर्फ के टुकड़ों को रखिए। इससे सनबर्न से हुए नुकसान से राहत मिलेगी और त्वचा में नमी बढ़ेगी। इतना ही नहीं ज्यादा स्मोकिंग करने से स्किन पर बहुत गहरा असर पड़ता है जिसकी वजह से इंसान जल्दी बूढ़ा होने लगता है। 

ज्यादा सिगरेट पीने की वजह से चेहरे का ग्लो कम हो जाता हैं। कई बार लोग चेहरे के ग्लो के लिए घरेलू तरीके अपनाते है लेकिन फिर भी चेहरे का ग्लो कम नहीं होता हैं। जिसका कारण है धुम्रपान, अगर आप अपनी सेहत और स्किन का ख्याल रखना चाहते है कि तो स्मोकिंग को छोड़ दे। इसकी वजह से चेहरे की चमक कम हो जाती हैं।

इयर फोन से ज्यादा बात भी खतरनाक: 

आज का युवा इयरफोन का ज्यादा इस्तेमाल करता है। इयरफोन में उच्च डेसिबल साउंड वेव्स होते हैं । जिससे आपकी सुनने की शक्ति हमेशा के लिए जा सकती है।इयरफोन में लंबे समय तक गाना सुनने से तथा दोस्तों और घरवालों से इयरफोन बदलने से इयर इन्फेक्शन हो सकता है। हेडफोन से निकलने वाली विद्युत चुम्बकीय तरंगे, आपके मस्तिष्क को गंभीर नुकसान पहुंचाती हैं। जिससे मस्तिष्क को काफी गंभीर क्षति पहुंचती है। इससे भी युवा वर्ग को दूर रखना चाहिए।

रमजान में रर्खे अपना विशेष ख्याल

डॉ भोपालिका का कहना है कि  रमजान शुरू हो गया है। हिल्स व सिक्किम से कई  लोगो के फोन आते है। वे इस समय अपने सेहत के बारे में जानकारी लेते है। मेरा दैनिक जागरण के माध्यम से कहना है कि  रमजान में इबादत के साथ सेहत की हिफाजत भी जरूरी है। चूंकि रोजा रखने के नियम काफी सख्त है।

डॉ भोपालिका का कहना है कि वे बुजुर्ग या गर्भवती महिलाओं को रोजा रखने की सलाह नहीं देता, इसके अतिरिक्त ऐसे व्यक्ति, जिनकी डायबिटीज नियंत्रण में न हो, उन्हें रोजा नहीं रखना चाहिए। ऐसे लोग जो किडनी, लिवर या हृदय रोग से पीड़ित हैं, उनकी सेहत के लिए रोजे रखना सही नहीं है। डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर वाले रोजे के दौरान कुछ सजगता जरूर बरतें। जो डायबिटीज नियंत्रित करने के लिए दवाएं या इंसुलिन लेते हों, वे दवाएं बंद न करें। 

डायबिटीज नियंत्रित करने के लिए मेटफोर्मिन या ग्लिप्टिन (सीटाग्लिप्टिन, विल्डाग्लिप्टिन, लीनाग्लिप्टिन, टेनलीग्लिप्टिन) ग्रुप की दवाएं लेते हैं, वे रोजे रख सकते हैं, क्योंकि इन दवाओं से हाइपोग्लाइसीमिया होने का खतरा कम होता है, वहीं सल्फोनिलयूरिया (ग्लीमीपराइड,ग्लाइक्लाजाइड) ग्रुप की दवाएं लेने वाले व्यक्तियों में शुगर लेबल सामान्य से नीचे जा सकती है। इसलिए इस दवा की खुराक और समय में परिवर्तन के लिए डॉक्टर से सलाह अवश्य लें। उसी प्रकार एम्पाग्लिफ्लोजिन, डेपाग्लिफ्लोजिन की दवा लेने वाले व्यक्तियों में रोजे के दौरान डीहाइड्रेशन का खतरा बढ़ सकता है। इसलिए डॉक्टर से परामर्श करके दवाओं में बदलाव करना अनिवार्य है। हाई ब्लड प्रेशर वाले, जो डाइयुरेटिक जैसी दवा ले रहे हों, वे इसकी खुराक में परिवर्तन जरूर करवाएं।

गर्मी और पानी न पीने की वजह से इस दौरान डीहाइड्रेशन होने की आंशका बढ़ जाती है। सेहरी और इफ्तार के समय आवश्यकता से अधिक न खाएं। अक्सर ऐसा देखा गया है कि इफ्तार के समय लोग अधिक कैलोरी वाला चिकनाई और कार्बोहाइड्रेट युक्त आहार लेते हैं। उससे यह बढ़ सकता है। ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने के लिए धीरे-धीरे अवशोषित होने वाले फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन ज्यादा लाभदायक है। जैसे सब्जियां, सूखे मेवे, फल, चोकर युक्त रोटी, दाल, तंदूरी चिकन या मछली आदि ले।


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