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कोरोना निगेटिव को ही मिले आने की अनुमति

-राज्य सरकार ने केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय को लिखी चिट्ठी जागरण संवाददाता सिलीगुड़ी महा

By JagranEdited By: Published: Wed, 24 Feb 2021 10:17 PM (IST)Updated: Wed, 24 Feb 2021 10:17 PM (IST)
कोरोना निगेटिव को ही मिले आने की अनुमति
कोरोना निगेटिव को ही मिले आने की अनुमति

-राज्य सरकार ने केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय को लिखी चिट्ठी

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जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : महाराष्ट्र व तेलगाना समेत चार राज्यों में फिर से कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए राज्य सरकार हरकत में आई है। मिली जानकारी के अनुसार इन राज्यों से यहां आने वाले यात्रियों को यात्रा के दिन से 72 घटे पहले कोरोना वायरस की जाच रिपोर्ट नेगेटिव होना जरूरी है। कोरोना वायरस जाच रिपोर्ट नेगेटिव होने के बाद ही यात्रियों को विमान में सवार होने की अनुमति देने की माग को लेकर राज्य सरकार ने केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय को पत्र लिखा है। बुधवार को यह पत्र राज्य सरकार के गृह व मामले विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव एच के द्विवेदी ने केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय के सचिव पीएस खरोला को लिखा है। पत्र में लिखा गया है कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय सभी एयरलाइंस को निर्देशित करे कि महाराष्ट्र, तेलंगाना, केरल व कर्नाटक से पश्चिम बंगाल आने वाले यात्रियों को 72 घटे पहले का आरटी पीसीआर कोरोना वायरस जाच रिपोर्ट नेगेटिव दिखाने के बाद विमान में सवार होने की अनुमति प्रदान करे।

उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र में कोरोनावायरस बढ़ते मामलों के बावजूद मुंबई से दाíजलिंग जिले में आने वाले यात्रियों कि स्वास्थ्य पर विशेष निगरानी जैसी कोई व्यवस्था नहीं किए जाने की खबर दैनिक जागरण ने दो दिन पहले प्रकाशित की थी। उसके बाद लगता है प्रशासन ने कदम उठाया है।

खबर में कहा गया था कि मुंबई से सिलीगुड़ी हवाई व ट्रेन मार्ग से सैकड़ों लोगों का आना-जाना लगा रहता है। इसके बावजूद स्वास्थ्य विभाग व जिला प्रशासन की ओर से रेलवे स्टेशन व एयरपोर्ट पर यात्रियों की स्वास्थ्य संबंधी जांच के लिए कोई विशेष व्यवस्था नहीं की गई है। अब तो स्वास्थ्य विभाग ने यहां तक कह दिया है कि कोरोना प्रभावित क्षेत्रों अथवा दूसरे जगहों से यहां आने लोगों पर कोरोना के लिए निगरानी रखने की जिम्मेदारी सिविल एडमिनिस्ट्रेशन की है। स्वास्थ्य विभाग की इस मामले में कोई जिम्मेदारी नहीं है। जिन्हें कोरोना की बीमारी हुई, उनकी चिकित्सा कराने की जिम्मेदारी स्वास्थ्य विभाग की है। एक तरह से कहें तो स्वास्थ्य विभाग ने अब सीधे तौर पर बाहर से आने वाले यात्रियों को उनके हाल पर छोड़ दिया है।


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