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आ रहा है कोहरे का मौसम, रात में वाहन चलाते समय बरतें सावधानी

कोहरे का मौसम आ रहा है। लिहाजा रात में वाहन चलाने के दौरान सावधानी जरूरी है। क्योंकि जान है तो जहान है। आइए जाने कोहरे में कैसे चलाएं वाहन।

By Rajesh PatelEdited By: Published: Mon, 12 Nov 2018 08:07 PM (IST)Updated: Mon, 12 Nov 2018 08:07 PM (IST)
आ रहा है कोहरे का मौसम, रात में वाहन चलाते समय बरतें सावधानी
आ रहा है कोहरे का मौसम, रात में वाहन चलाते समय बरतें सावधानी
 सिलीगुड़ी [शिवानंद पांडेय]। ठंड ने दस्तक दे दी है। अब रोज शाम ढलते ही कोहरा छाएगा। इसके चलते दृश्यता कम हो जाएगी। अगली सुबह तक आलम ऐसा ही रहेगा। आंखों को हर कुछ साफ नजर नहीं आएगा। ऐसे में सड़कों पर वाहन चलाना दुश्वार होगा। जोखिम होगा। जान के खतरे होंगे। सड़कों के किनारे भारी वाहन भी खड़े करना आम बात हो गई है। इससे ठंड के मौसम में घने कोहरे की वजह से दुर्घटना होने की आशंका और बढ़ जाती है। सो, कोहरे के कोहराम से बचना जरूरी है। यह ध्यान रखना बेहद जरूरी है कि जान है तो जहान है। इसलिए आइए जानते हैं कि कोहरे में वाहन चलाते समय क्या करें, क्या न करें। 
अक्सर देखा जाता है कि रात के समय हाइवे पर भारी वाहन सड़क किनारे खड़े कर दिए जाते हैं। कभी-कभी ऐसा भी होता है कि ट्रक समेत अन्य वाहन हाइवे पर खड़ा करके ड्राइवर कहीं दूसरी जगह आराम फरमाने लगते हैं। पीछे से तेज गति से आने वाले वाहन खड़े भारी वाहन में टक्कर मार देते हैं, जिससे कभी-कभी काफी जान-माल का नुकसान होता है। 
इसका ज्वलंत उदाहरण पिछले सप्ताह भक्तिनगर थाना क्षेत्र के सेवक रोड ढाई माइल में ही देखने के मिला, जब सड़क के किनारे खड़े एक ट्रक को पीछे से आ रहे एक अन्य ट्रक ने जोरदार टक्कर मार दी। इस घटना में पीछे से धक्का मारने वाले ट्रक ड्राइवर की घटना स्थल पर ही मौत हो गई। पिछले सप्ताह ही दिल्ली के निकट धुंध की वजह से नोएडा एक्सप्रेस-वे पर एक स्कूटी पेड़ से टकरा गई, जिसमें से स्कूटी चालक की मौके पर ही मौत हो गई। इस तरह की घटनाएं देश के अन्य भागों की तरह सिलीगुड़ी में अक्सर देखने को मिलती हैं। 
दूसरी ओर अक्सर देखा जाता है कि नियमों की अनदेखी करते हुए ट्रक व लॉरी में लोहे की सरिया लोड कर ली जाती है तथा पांच से 10 फीट तक सरिया का पिछला हिस्सा बाहर निकला रहता है। उसमें लाल कपड़े भी नहीं बंधे होते हैं, जिससे कोहरे व अंधेरे में दिखाई नहीं देने से पीछे वाले वाहन का ड्राइवर जब आगे निकलने की कोशिश करता है, उस समय कभी-कभी बड़ी दुर्घटना घट जाती है। 
हालांकि ट्रैफिक नियमों के लिहाज से देखा जाए तो नो पार्किंग जोन व अथवा नो इंट्री जोन में भारी वाहन खड़े नहीं किए जा सकते हैं। ट्रक व लॉरी में लोड सरिया एक-डेढ़ फीट से ज्यादा बाहर नहीं निकलनी चाहिए। इससे ज्यादा बाहर निकलना ट्रैफिक नियमों के खिलाफ है। एक-डेढ़ फीट से ज्यादा बाहर निकलने के दौरान पीछे वाले भाग पूरी तरह से कपड़े से बंधे होने चाहिए। 
सावधानी से चलाएं वाहन
कुहासे के मौसम में चूंकि दृश्यता बहुत ही कम होती है इसलिए वाहन की गति हर्गिज तेज नहीं होनी चाहिए। कम व नियंत्रित होनी चाहिए, ताकि आगे की गतिविधियों के बारे में समय रहते जानकारी हासिल हो जाए। अगर सड़क के किनारे कोई भारी वाहन खड़ा है तो पीछे वाला ड्राइवर उसे देखकर अपनी गाड़ी को आसानी से नियंत्रित कर सकेगा। जबकि सड़क के किनारे वाहन में भी आगे तथा पीछे दोनों ओर इंडीकेटर जलता रहना चाहिए। इससे सामने वाले ड्राइवर को मालूम चल सके कि आगे कोई वाहन खड़ा है। तेज गति में आवश्यकता पर ब्रेक लगाते-लगाते भी बड़ी दुर्घटना हो जाती है। मगर कम गति में सबकुछ पर नियंत्रण संभव है। 
सुरक्षित दूरी अपनाएं 
एक वाहन से दूसरे वाहन के बीच सुरक्षित दूरी बनाए रखें। इससे, किसी अप्रत्याशित घटना के समय आपात स्थिति में बचाव हेतु पर्याप्त समय व स्थान मिल जाता है। सुरक्षित दूरी सुरक्षित रखती है। अगर सरिया लोड किया हुआ वाहन आगे जा रहा है तो पीछे वाला वाहन सीमित गति में चलता रहेगा तो उसे आगे वाले वाहन से टकराने का खतरा नहीं रहेगा। आपात स्थिति में सुरक्षा हेतु कम दूरी कम समय ही देती है। 
इंडिकेटर का करें उपयोग 
सड़क पर किसी भी मोड़ पर टर्न लेने से कुछ पहले से ही इंडिकेटर देना शुरू कर दें। अचानक से व बिना इंडिकेटर के टर्न कदापि न लें। अपने पीछे वाले वाहन के लिए पर्याप्त समय व सुरक्षित दूरी जरूर रखें। 
यातायात के डिप्टी कमिश्नर की सलाह
सड़क सुरक्षा के तहत हाइवे पर ट्रक अथवा किसी भी भारी वाहन को खड़ा नहीं किया जा सकता है। अगर बिना किसी खास वजह के भारी वाहन सड़क के किनारे खड़े किए जाते हैं, तथा ट्रैफिक पुलिस की नजर उस पर पडऩे पर उक्त वाहन के खिलाफ ट्रैफिक नियमों के मुताबिक कार्रवाई की जाती है। इसी तरह से सरिया भी ट्रक से एक से डेढ़ फीट बाहर नहीं निकलना चाहिए। इससे ज्यादा बाहर निकलने व निकले वाले भाग पर कपड़े नहीं बांधना नियम के खिलाफ है। ऐसी स्थिति में पकड़े जाने पर कार्रवाई की जाती है। इसलिए लोगों को चाहिए कि वाहन हमेशा नियंत्रण में चलाएं। सुरक्षित चलाएं। सुरक्षा के समस्त पैमाने अपनाएं। 
 - नागेंद्रनाथ त्रिपाठी (डिप्टी कमिश्नर), सिलीगुड़ी मेट्रोपॉलिटन ट्रैफिक पुलिस

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