केएलओ और खनन माफिया पर सीएम सख्त
-पुलिस अधिकारियों को कड़ी निगरानी रखने का निर्देश -नाम लिए बगैर भाजपा पर किया प्रहार -उ
-पुलिस अधिकारियों को कड़ी निगरानी रखने का निर्देश
-नाम लिए बगैर भाजपा पर किया प्रहार
-उत्तर बंगाल को अलग करने की कोशिश का लगाया आरोप जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : प्रशासनिक समीक्षा बैठक में राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन कामतापुर लिबरेशन ऑर्गनाइजेशन (केएलओ) की गतिविधि पर सख्त निगरानी रखने का निर्देश पुलिस प्रशासन को दिया है। इसके साथ ही सरकार और मीडिया का दुरुपयोग करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का निर्देश दिया है। वहीं दूसरी तरफ खनन माफिया के खिलाफ सख्त कार्यवाई का निर्देश मुख्यमंत्री ने पुलिस प्रशासन को दिया है।
प्रशासनिक बैठक में अलीपुरद्वार जिले का जाएजा लेने के क्रम में जिला पुलिस अधीक्षक भोलानाथ पांडे को उन्होंने केएलओ की गतिविधि पर सख्त निगरानी रखने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि मणिपुर में केएलओ की गतिविधि दिख रही है। इसलिए हमें सचेत रहने की आवश्यकता है। साथ ही अलीपुरद्वार से सटे भारत-भूटान, बंगाल-असम सीमा पर निगरानी रखने का निर्देश दिया। इसी के साथ उन्होंने केएलओ की गतिविधि पर निगरानी रखने के लिए उत्तर बंगाल पुलिस आईजी देवेंद्र प्रकाश सिंह को भी निर्देशित किया। मुख्यमंत्री ने भाजपा की तरफ इशारा करते हुए कहा कि आपको पता है कुछ शक्ति उत्तर बंगाल को अलग करने के लिए केएलओ को उकसा रही है। किसी भी सूरत में फूट डालो राज करो की नीति सफल नहीं होनी चाहिए। पूरे बंगाल को एकजुट रखना हमारी जिम्मेदारी है। इसलिए केलएओ पर निगरानी रखना अति आवश्यक है। उन्होंने आगे कहा कि करीब आठ सौ आदिवासी और आत्म-समर्पण किए करीब आठ सौ केएलओ सदस्यों को मुख्य धारा में लौटाने के लिए नौैकरी देकर प्रयास किया है। भटके हुए लोगों को समाज की मुख्य धारा में वापस लाने की हमारी कोशिश लगातार जारी रहेगी। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि सरकारी और प्रेस का भी दुरुपयोग किया जा रहा है। गाड़ी पर सरकार और प्रेस का स्टीकर लगाकर अवैध गतिविधि को अंजाम दिया जा रहा है। इसलिए नाका-चेकिंग में प्रेस और सरकार की गाड़ियों की भी जांच करना आवश्यक है।
बैठक में उत्तर बंगाल पुलिस आईजी डीपी सिंह ने मुख्यमंत्री को बताया कि अभी हाल में ही एक केएलओ सदस्य पिंटू बरूआ को गिरफ्तार किया गया है। पूरे इलाके पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। उत्तर बंगाल में सब कुछ सामान्य है। अवैध खनन पर हर हाल में लगे रोक
इसके बाद मुख्यमंत्री ने बैठक में उपस्थित सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस कमिश्नर गौरव शर्मा, जलपाईगुड़ी व अलीपुरद्वार के एसपी व डीएम समेत भूमि व भूमि सुधार विभाग के अधिकारियों को अवैध खनन पर रोक लगाने का सख्त निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर बंगाल में कई नदियां हैं। जो उत्तर बंगाल के पहाड़ और जंगल की सौंदर्यता को बरकरार रखने के लिए आवश्यक है। लेकिन माफिया राज नदियों से बालू, पत्थर और बोल्डर को अवैध रुप से निकालकर पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहा है। बल्कि अवैध खनन कर निकाले गए बालू, बजरी और बोल्डर निर्यात कर उगाही की जा रही है। इसे कतई बर्दास्त नहीं किया जाएगा। अवैध खनन करने वाले किसी को भी बक्सा नहीं जाएगा। 2018 जमीन माफिया की आई थी शामत
यहां बताते चलें कि वर्ष 2018 में भी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जमीन माफिया के खिलाफ निर्देश दिया था। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस ने ताबरतोड़ गिरफ्तारियां शुरु की थी। जमीन माफिया के खिलाफ पुलिस की कार्यवाई से सिलीगुड़ी व आस-पास के इलाकों में हड़कंप मच गया था। बल्कि कई भू-माफिया को पुलिस ने तीन महीने से अधिक रिमांड और तीन महीने तक जेल में रख कर मिसाल कायम किया था।