पूर्वोत्तर में टूरिज्म का नया डेस्टिनेशन भाेरेर आलो, प्रकृति के बीच में मिलेंगी आधुनिक सुविधाएं
पूर्वोत्तर घूमने आने वालों के लिए एक नया टूरिज्म डेस्टिनेशन भोरेर आलो बनकर तैयार है। अब सिलीगुड़ी के करीब बंगाल सफारी के साथ ही यह भी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र होगा।
जागरण संवाददाता, सिलीगुडी। पूर्वोत्तर के प्रवेशद्वार सिलीगुड़ी के करीब देश-दुनिया के सैलानियों के लिए पर्यटन का नया डेस्टिनेशन बनकर तैयार है। यहां प्रकृति की अनुपन छटा के बीच आधुनिक सुविधाओं का भी लुत्फ उठा सकेंगे। इसका नाम है भाेरेर आलो। इसका हिंदी में मतलब होता है सुबह की किरण। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपने ड्रीम प्रोजेक्ट का आज बुधवार की देर शाम उद्घाटन करेंगी। इसकी पूरी तैयारी पूरी कर ली गई हैं।
सिलीगुड़ी से है करीब 25 किमी
यह प्रोजेक्ट सिलिगुड़ी से 25 किलोमीटर दूर उदलाबारी और बोदगंज के बीच तीस्ता नदी के किनारे गाजोल डोबा में 15 करोड़ की लागत से तैयार हुआ है। यहां कई टू स्टार होटल, 70 हजार पेड़ पौधों के साथ थाना और स्वास्थ्य केंद्र की भी व्यवस्था है। प्रकृति प्रेमी मुख्यमंत्री ने उत्तर बंगाल दौरे में बंगाल सफारी के बाद इस स्थान को पर्यटकों के लिए चयनित किया था। यहां देश विदेश के पर्यटकों के लिए गोल्फ पोस्ट 60 एकड़ में तैयार किया गया है। पर्यटकों के रुकने के लिए कॉटेज बनाए गए हैं।
तीस्ता की कल-कल के साथ सुनने को मिलेगा पक्षियों का कलरव भी
यहां आने बाले पर्यटकों को तीस्ता की कलकल के साथ बड़ी मात्रा में प्रवासी पक्षियों का कलरव भी सुनने को मिलेगा। मुख्यमंत्री सिक्किम और दार्जिलिंग की तर्ज पर उत्तर बंगाल की प्राकृतिक सुंदरता को पर्यटन केंद्र के रूप में उभारना चाहती हैं। इसके माध्यम से वह गांव के युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराना चाहती हैं। सिलीगुड़ी के करीब अभी तक एकमात्र बंगाल सफारी ही पर्यटकों की पसंद हुआ करता था। दार्जीलिंग भी करीब सत्तर किमी दूर है।