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विधानसभा चुनाव नजदीक भाजपा के मार्केटिंग एजेंटों से सावधान रहें पहाड़वासी : राज्यसभा सांसद छेत्री

सिलीगुड़ी जर्नलिस्ट्स क्लब में राज्यसभा सांसद शांता छेत्री ने कहा कि विधानसभा चुनाव करीब है तो जो नेता पहाड़ व पहाड़वासियों के हमदर्द बन रहे हैं वो सब इतने दिन कहां थे? नौटंकी कर रहे ये लोग। 11 जनजातियों को मान्यता दिलाने की पहल मां-माटी-मानुष की नेत्री ममता ने किया।

By Vijay KumarEdited By: Published: Fri, 18 Dec 2020 05:05 PM (IST)Updated: Fri, 18 Dec 2020 05:05 PM (IST)
विधानसभा चुनाव नजदीक भाजपा के मार्केटिंग एजेंटों से सावधान रहें पहाड़वासी : राज्यसभा सांसद छेत्री
पहाड़ के जो-जो नेता अभी दिल्ली गए हैं वे व उनके राजनीतिक दल पहाड़ के लोगों को गुमराह कर रहे।

जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : भाजपा के पश्चिम बंगाल प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय के नेतृत्व में दार्जिलिंग के भाजपाई सांसद राजू बिष्ट की मौजूदगी में दार्जिलिंग पार्वत्य क्षेत्र के विभिन्न दलों के नेताओं ने बीते गुरुवार को दिल्ली में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी. किशन रेड्डी संग बैठक की। उन्हें दार्जिलिंग पार्वत्य क्षेत्र की 11 जनजातियों को अनुसूचित जनजातियों का दर्जा दिए जाने की मांग की याद दिलाई। केंद्र सरकार की ओर से उन नेताओं को जल्द ही इस मांग को पूरा करने का आश्वासन मिला है। इधर, दिल्ली में उक्त बैठक करने वाले पहाड़ के नेताओं को भाजपा का मार्केटिंग एजेंट करार देते हुए तृणमूल कांग्रेस नेत्री व दार्जिलिंग से राज्यसभा सांसद शांता छेत्री ने कहा है कि पहाड़ वासियों को ऐसे मार्केटिंग एजेंटों से सावधान रहना चाहिए। वह शुक्रवार को सिलीगुड़ी जर्नलिस्ट्स क्लब में संवाददाताओं को संबोधित कर रही थीं। 

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फायदा पहुंचाने के लिए नौटंकी कर रहे ये लोग

उन्होंने कहा कि अब जब पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव करीब है तो जो नेता पहाड़ व पहाड़वासियों के हमदर्द बन रहे हैं वो सब इतने दिन कहां थे? उन लोगों ने पहले इस बाबत कोई बात क्यों नहीं की जो अब कर रहे हैं? वास्तव में वे लोग भाजपा के मार्केटिंग एजेंट हैं और आसन्न चुनाव में भाजपा को फायदा पहुंचाने के लिए ही ऐसी नौटंकी कर भाजपा की मार्केटिंग कर रहे हैं। ऐसे मार्केटिंग एजेंटों से पहाड़वासियों को सचेत रहना चाहिए।

11 जनजातियों को मान्यता दिलाने की पहल

उन्होंने यह भी कहा कि 'पहाड़ की 11 जनजातियों को अनुसूचित जनजाति की मान्यता दिए जाने की दिशा में सरकारी स्तर पर सबसे पहला व बेहतर कार्य हमारी मां-माटी-मानुष की नेत्री ममता बनर्जी ने किया। उन्होंने आज से छह साल पहले 28 फरवरी 2014 को ही राज्य कैबिनेट की ओर से इस प्रस्ताव को पारित कर केंद्र सरकार को मंजूरी के लिए भेज दिया था। 2016 में रिमाइंडर भी दिया था। 

पहाड़वासियों का हितैषी बनने का दिखावा कर रहे 

जब मैं 2017 में राज्यसभा सांसद बनी तब मैंने भी संसद में इस मुद्दे को उठाया था। मगर, केंद्र की भाजपा सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंगे। केंद्र की भाजपा सरकार ने ही दार्जिलिंग पार्वत्य क्षेत्र की 11 जनजातियों को अनुसूचित जनजाति की मान्यता दिए जाने के मामले को सालों साल से लटका रखा है। अब जब चुनाव करीब है तो वे पहाड़वासियों का हितैषी बनने का दिखावा कर रहे हैं। 

राजनीतिक दल पहाड़ के लोगों को गुमराह कर रहे 

पहाड़ के जो-जो नेता अभी दिल्ली गए हैं वे व उनके राजनीतिक दल पहाड़ के लोगों को गुमराह कर रहे हैं। ये जो नेता लोग दिल्ली गए थे क्या वे नहीं जानते कि केंद्र की भाजपा सरकार ने ही दार्जिलिंग पार्वत्य क्षेत्र की जनजातियों को मान्यता दिए जाने के मामले को लटका रखा है और फिर भी वे उनसे मिलने गए! वे लोग वास्तव में भाजपा के मार्केटिंग एजेंट हैं। वे लोग भाजपा को खुश करने और उससे रुपये ऐंठने के लिए ही दिल्ली गए हैं। 

ममता बनर्जी तानाशाह लेकिन यह सरासर गलत

सांसद शांता छेत्री ने यह सवाल भी उठाया कि 'हमारे राज्य में 18 भाजपाई सांसद हैं, उन लोगों ने क्यों नहीं कभी एक बार भी ऐसा मुद्दा उठाया? वे इस मुद्दे को संसद में नहीं उठा रहे हैं। वे काम का काम कुछ नहीं कर रहे हैं। बस, तोता बने बैठे हुए हैं। भाजपा आलाकमान जो बोलता है बस उसी को रट-रट कर टर्र-टर्र करते रहते हैं। हमारी नेत्री ममता बनर्जी को वे लोग तानाशाह कहते हैं लेकिन यह सरासर गलत है, तानाशाह तो भाजपा वाले हैं।

भाजपा सांसद बताएं कि अपने क्षेत्र में क्या किया? 

कृषकों के विरुद्ध उनका रवैया देख लीजिए। कृषकों के विरुद्ध कानून आया और उन्हें उसका विरोध तक नहीं करने दिया जा रहा है। इससे बड़ी तानाशाही और क्या होगी। वे कहते हैं कि राज्य में लोकतंत्र नहीं है और वे ममता बनर्जी को कोसते फिरते हैं। उन्हें समझना चाहिए कि यही तो डेमोक्रेसी है कि वे बोल पा रहे हैं। हमारी सरकार की आलोचना कर पा रहे हैं। यह भी सवाल उठाया भाजपा सांसद बताएं कि अपने क्षेत्र में उन लोगों ने क्या किया है? 

कोरोना व लॉकडाउन के दौरान सहयोग नहीं मिला

कोरोना महामारी व लॉकडाउन के दौरान जब लोगों को उनके साथ व सहयोग की जरूरत थी तब वे कहां आराम फरमा रहे थे? उन्होंने कहा कि राज्य में हमारी नेत्री ममता बनर्जी ने विकास किया और किसी ने कुछ नहीं किया। हमारी राज्य सरकार के 10 सालों के कामकाज का रिपोर्ट कार्ड जनता के सामने है। भाजपा के सांसद व भाजपा सरकार के रिपोर्ट कार्ड कहां हैं? वे अपने रिपोर्ट कार्ड क्यों नहीं जारी करते? 

सांसद राजू बिष्ट बताएं गोरखाओं के लिए क्या किया? 

दार्जिलिंग ने भाजपा को लगातार तीन बार सांसद दिया लेकिन भाजपा ने दार्जिलिंग को क्या दिया? 

गोरखा का सपना मेरा सपना कहने वाले भाजपा के नेता बताएं कि उन्होंने पहाड़ के लिए लोगों के लिए क्या किया? अब भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता बन भाषण करते रहने वाले दार्जिलिंग के सांसद राजू बिष्ट बताएं उन्होंने दार्जिलिंग व यहां के गोरखाओं के लिए क्या किया? 

भाजपा समझती है विभीषण पार्टी का क्या हो पाएगा

शांता छेत्री ने यह भी कहा कि आज जो कोई भी तृणमूल या अन्य दल से भाजपा में गया है व जा रहा है, क्या उसे वहां सम्मान मिल गया? जो लोग अपने दल छोड़ कर भाजपा में जा रहे हैं उन्हें समझना चाहिए कि उन्हें भाजपा का प्यार नहीं मिलने वाला। क्योंकि, भाजपा भी समझती है कि जो विभीषण अपनी पार्टी का नहीं हो पाया वह उनका क्या हो पाएगा।


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