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नए श्रम कानून निरस्त करने की मांग

-सीटू ने निकाली रैलीनेताओं ने केद्र सरकार पर बोला हमला -एसडीओ कार्यालय के सामने बनी रही

By JagranEdited By: Published: Mon, 08 Aug 2022 08:49 PM (IST)Updated: Mon, 08 Aug 2022 08:49 PM (IST)
नए श्रम कानून निरस्त करने की मांग
नए श्रम कानून निरस्त करने की मांग

-सीटू ने निकाली रैली,नेताओं ने केद्र सरकार पर बोला हमला

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-एसडीओ कार्यालय के सामने बनी रही गहमा-गहमी

जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी: नए श्रम कानून का विरोध करते हुए इसे अविलंब निरस्त करने की मांग को लेकर सीटू की ओर से कानून तोड़ो रैली की गई। सोमवार को महात्मा गांधी चौक से कानून तोड़ो रैली निकाली गई, जो एसडीओ कार्यालय के समक्ष पहुंची। किसी भी प्रकार की अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए यहां पहले से काफी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई थी। एसडीओ दफ्तर पहुंचने के लिए सीटू कार्यकर्ताओं की पुलिस प्रशासन के साथ जबरदस्त धक्का-मुक्की हुई। परिस्थिति को बिगड़ते देख पुलिस ने सीटू नेताओं की मदद से स्थिति को नियंत्रित किया। इस दौरान सीटू के जिला सचिव समन पाठक ने पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुए केंद्र सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से आजादी के अमृत महोत्सव का जोर-शोर से प्रचार किया जा रहा है। लेकिन आज स्थिति क्या है,सभी जानते हैं। व्यवसायी परेशान हैं। किसान परेशान हैं। युवा परेशान हैं। चाय बगान श्रमिक परेशान हैं। उन्होंने कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव किसके लिए हो रहा है। देश के लोग बेहद मुश्किल हालात का सामना कर रहे हैं। किसानों को उनकी फसल का न्यूनतम मूल्य नहीं मिल रहा है। 25 किलोग्राम से नीचे के पैकेज्ड खाद्य पदार्थो तक पर जीएसटी लगाया जा रहा है। मूल्य वृद्धि के चलते आम लोगों का जीवन बेहाल है। महंगाई अपने चरम पर है। उन्होंने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि देश में भ्रष्टाचार का बोलबाला है। हर क्षेत्र में भ्रष्टाचार का बढ़ा है। जनता के पैसों की लूट हो रही है। उन्होंने कहा कि शिक्षित युवा बेरोजगार हैं। उनके पास कोई काम-धाम नहीं है। पश्चिम बंगाल के चाय बगान श्रमिकों को उनकी न्यूनतम मजदूरी नहीं मिल रही है। कई सालों से इसके लिए आवाज उठाई जा रही है। बैठक पर बैठक हो रही है, लेकिन समाधान नहीं है। उन्होंने कहा कि इतना सब होने के बावजूद केंद्र सरकार अपनी पीठ थपथपा रही है। उन्होंने कहा कि आजादी का सही अमृत महोत्सव तब होगा जब देश के युवा, किसान, श्रमिक सभी के अधिकारों का संरक्षण हो। उन्होंने कहा कि वर्तमान में नए श्रम कानून के जरिए उल्टे श्रमिकों के अधिकारों का हनन किया जा रहा है। उन्हें बंधुआ मजदूर बनाने की साजिश रची जा रहा है। काननू तोड़ों रैली के जरिए इन सब का विरोध किया गया है। इस दौरान काफी संख्या में समर्थक मौजूद रहे।


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